कोटा. शहर में बीते ढाई महीने से चल रहा सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में धरना खत्म नहीं हो रहा था. जिला प्रशासन ने कई बार कोटा के शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों महिलाओं और पुरुषों से अपील भी की थी. साथ ही पुलिस ने कोरोना वायरस का खतरा बताते हुए लोगों से धरना समाप्त करने की अपील करते हुए समझाइश की थी. इसके बावजूद भी ये लोग नहीं मान रहे थे.
ऐसे में हाल ही में करीब 200 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन मगंलवार देर रात पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. बड़ी संख्या में किशोरपुरा थाना और दादाबाड़ी पुलिस मौके पर पहुंची और धरने के सभी सामानों को जब्त कर लिया. वहां पर लगे टेंट को उखाड़ फेंका. साथ ही इन सामानों को किशोरपुरा थाने लेकर आ गए. मौके पर कुछ लोगों ने विरोध किया, जिनको जाब्ते ने दूर कर दिया. वहीं धारा 144 का हवाला देते हुए मौका स्थल से रवाना कर दिया.
हालांकि इस मामले में पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार के दिशा निर्देश है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाना है. सख्त लॉकडाउन की पालना करवानी है.
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वहीं, कुछ दिन पहले जिला कलेक्टर ने ओम प्रकाश कसेरा ने साफ तौर से कह दिया था कि जो भी लोग धारा 144 का उल्लंघन करेंगे और भीड़ के रूप में एकत्रित होंगे, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. धरने की बात पर भी उन्होंने कहा था कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. अगर यह लोग नहीं माने तो सख्ती से हटा दिया जाएगा. इसके बावजूद भी यह प्रदर्शनकारी नहीं मान रहे थे.