कोटा. राजस्थान प्रदेश में लोक देवता तेजाजी का तेजा दशमी पर्व शुक्रवार को मनाया जा रहा है. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते तेजाजी मंदिर में सिर्फ मंदिर समिति के सदस्य पदाधिकारी और पुजारी ही नजर आ रहे हैं. वहीं लोक देवता तेजाजी महाराज की पूजा अर्चना आराधना कर रहे हैं और श्रद्धालु मंदिरों से दूर है.
जानकारी के अनुसार कोटा के प्रमुख किशोर सागर तालाब के किनारे स्थित तेजाजी मंदिर पर भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. शहर भर से आए श्रद्धालुओं को मंदिर तक नहीं जाने दिया जा रहा है, जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन के द्वारा यहां पर बैरिकेडिंग की गई है और आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को वहीं पर रोका जा रहा है. ऐसे में श्रद्धालुओं को अपने लोक देवता के दर्शन दूर से ही करने पड़ रहे हैं.
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किशोर सागर तालाब, शिवपुरा, रंगबाड़ी और अनंतपुरा पर स्थित तेजाजी मंदिरों के सभी रास्तों पर पुलिस के द्वारा बैरिकेडिंग की गई है. पुलिस के जवानों के साथ आरएसी जवान भी मौके पर तैनात किए गए हैं. लोगों को बैरिकेडिंग से वापस घर भेजा जा रहा है ताकि भीड़-भाड़ ना हो और लोगों में कोरोना संक्रमण न फैले.
कई लोग पुलिस के जवानों के द्वारा घर पर जाने की समझाइश की बात को मान रहे हैं और घर लौट रहे हैं. लेकिन कुछ लोग पुलिस के जवानों से बहस बाजी भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि यह पहला मौका है, जब उन लोगों को मंदिर तक जाने के लिए अनुमति नहीं मिली है. जिला प्रशासन ने यह सभी इंतजाम लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए लिया है.
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रामगंजमंडी में नहीं हुआ तेजा दशमी पर मेले का आयोजन
कोटा के रामगंजमंडी उपखंड में हर वर्ष तेजा दशमी के दिन खैराबाद स्थित धाम पर मेला मैदान में भारी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगता था. लेकिन कोरोना वायरस का प्रकोप मन्दिर परिसर में देखने को मिला. तेजा जी मन्दिर जहां उपखंड के सबसे बड़े मेले का आयोजन होता है. इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते वो निरस्त किया गया. जिससे श्रद्धालुओं में निराशा देखने को मिली. वहीं पुलिस प्रशासन का दल भी दिन भर मौके पर नजर आया.
श्रद्धालुओं ने अपने आस्था को दिखाते हुए मन्दिर परिसर के बाहर की ज्योत में प्रसाद डाल कर दूर से ही तेजा जी के दर्शन किए. राज्य सरकार के गाइडलाइन से मेले और कार्यक्रम पर प्रतिबंध है, इसी की पालना के साथ मेला और अन्य कार्यक्रमों को निरस्त किया गया. साथ ही मन्दिर समिति द्वारा मन्दिर के चारों तरफ रस्सियां लगाई गई, जिससे मन्दिर में श्रद्धालुओं का आना-जाना वर्जित रहे.
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सातलखेड़ी में उपखण्ड का दुसरा मेला आयोजित होता था, लेकिन वहां भी कोरोना के चलते मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया. श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंस की पालना करवाते हुए बाहर से ही दर्शन कर रवाना किया गया. इसके साथ ही तेजाजी का नेजा जब डोल बाजे से अपनी लंबाई के साथ क्षेत्र में निकलता था तो नेजा के साथ ग्रामीण श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती थी. लेकिन कोरोना के चलते इस बार नेजा संभालने वाले ही मात्र रैली में नजर आए.