कोटा. भारत सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से देश भर के बड़े शहरों में आम नागरिकों को उपलब्ध होने वाली सेवाओं के स्तर की जांच की जा रही है. इसके लिए फेस ऑफ लिविंग इंडेक्स 2019 के तहत यह सर्वे किया जा रहा है. इसके द्वारा कौन सा शहर कितना बेहतर है. इसका आकलन किया जाएगा.
शहर में रहने वाले आम लोग अपने अनुभव के आधार पर शहर में मिल रही सरकारी सुविधाओं पर राय देंगे. यह फीडबैक देने के लिए आम जनता को प्रेरित करने का कार्य नगर निगम की स्मार्ट सिटी की तरफ से किया जा रहा है. इसे कुल 14 श्रेणी शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, पेयजल, ठोस कचरा प्रबंधन, मनोरंजन, आर्थिक विकास, इनकम, आर्थिक अवसर, पर्यावरण, हरित क्षेत्र, ऊर्जा और सुगमता में बांटा गया है.
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इस पूरे फेस ऑफ लिविंग इंडेक्स 2019 के बारे में बातचीत करते हुए नगर निगम प्रशासक मालावत ने कहा कि आम नागरिकों का उन सेवाओं के बारे में फीडबैक प्राप्त किया जाएगा. साथ ही इस पोर्टल पर विभागों के अनुसार सांख्यिकी आंकड़े भी अपलोड किए जाएंगे. उनके आधार पर भारत सरकार शहरों की रैंकिंग तय करेगी और शहरी विकास मंत्रालय अपने नीति नियोजन में भी इन आंकड़ों का उपयोग लेगा.
मालावत ने कहा कि आम नागरिकों से पिछली बार फीडबैक नहीं लिया गया था केवल विभागीय आंकड़ों को ही फीड किया गया था. उनके आधार पर ही शहरों को पिछली बार रैंकिंग दी गई थी. इस बार 30 फ़ीसदी वेटेज आम नागरिकों के द्वारा दिए गए फीडबैक को भी दिया गया है.
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साथ ही बताया कि नगर निगम आयुक्त एंव प्रशासक वासुदेव मालावत ने अपील की है कि कोटा शहर के नागरिकों इन विषयों पर शहर की रैंकिंग वृद्धि में सहयोग करें और अच्छा फीडबैक भेजें. उन्होंने यह भी कहा कि एयर क्वालिटी, हरियाली और पेयजल की स्थिति में अन्य शहरों के मुकाबले कोटा काफी अच्छा है.