कोटा. अधिकांश जगह पर देखने को मिलता है कि लोग हाईटेंशन लाइन के नीचे मकान बना लेते हैं. लेकिन कोटा के निवासी सभी से एक कदम आगे निकले, यहां के लोगों ने हजारों वोल्ट के करंट को लेकर गुजरती हुई हाई टेंशन लाइनों के नीचे आशियाने ही नहीं बनाए, बल्कि हजारों वोल्टेज का करंट प्रवाहित कर रही हाई टेंशन लाइनों के पोल को ही अपने कब्जे में लेकर उसके चारों तरफ मकान बना लिया हैं.
वहीं यह लाइन गुजरने से लगातार उन लोगों पर मौत मंडराती रहती है. लेकिन यहां के लोगों को इस हाईटेंशन तारों से डर नहीं लगता है. अब यह पोल लोगों के घरों में ही लगे हुए हैं. आलम ऐसा हैं कि यूआईटी ने भी अधिकांश लोगों को पट्टे जारी कर दिए हैं, जिससे अब उनका मकान भी वैध है और घर में हाई टेंशन लाइन के खंभे खड़े हैं और ऊपर से लाइने गुजर रही है. वहीं इन लोगों को करंट का डर तो सताता है, लेकिन मकान खो जाने के डर से यह यहां से जाना भी नहीं चाहते.
राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम की लाइनों के नीचे और खंभों को घेरते हुए जिन लोगों ने मकान बना लिए हैं. उन्हें नोटिस देने की इतिश्री कर रहा है. मामला कोटा के लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के प्रेमनगर द्वितीय और तृतीय के लोग तो इससे भी दो कदम आगे निकले, उन्होंने 132 और 33 केवी हाई टेंशन लाइनों के खंभों के नीचे ही मकान बना लिए हैं. अब कई ऐसे घर हैं, जिनके मकान में यह खंबे लगे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक करीब 5 हजार मकान और 20 हजार की आबादी इससे प्रभावित है.
कपड़े सुखाते और नहाते है...
लोग अब इन खंभों को घरेलू उपयोग में लेने लगे हैं. अधिकांश लोग इन पर ही कपड़े सुखाते हैं. इनके नीचे ही बैठकर नहाते भी हैं. उन्हें किसी तरह का कोई डर इन हाई टेंशन लाइनों से नहीं है. हालांकि यह लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि इन हाई टेंशन लाइनों को हटाया जाए.
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बारिश में होते है धमाके...
लोगों का कहना है कि उन्हें इन लाइनों से परेशानी होती है, बारिश के दिनों में इन लाइनों से तेज धमाके और स्पार्किंग होती है. उन्होंने इसके लिए सैकड़ों बार शिकायत भी दी, लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई ना तो नेताओं ने की ना अधिकारियों ने एक बात सुनी.
तार भी टूट कर गिर गया...
इलाके के लोगों का कहना है कि एक बार यहां पर तार भी टूट कर गिर गया था, लेकिन किसी तरह का कोई करंट में जनहानि नहीं हुई. वहीं तार के नीचे छोटे बच्चे भी खेलते हैं. ऐसे में हमेशा ही डर सताता है कि कोई हादसा ना हो जाए.
हमारे बुते की बात नहीं...
इस संबंध में राजस्थान राज्य प्रसारण निगम के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि पोल के आसपास के लोगों को जिन्होंने मकान बना लिए हैं, हटाने की चेतावनी भी दी गई है. लेकिन यूआईटी ने मकानों को पट्टे देने से प्रसारण निगम के बूते में बात नहीं रही है. अब यूआईटी को ही इन लोगों को विस्थापित करना होगा.