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स्पेशल: यहां मौत के साए में जी रहे लोग, हाईटेंशन लाइन को घेर बना लिए मकान और यूआईटी ने पट्टे भी किए जारी - कोटा न्यूज

कोटा के प्रेमनगर में लोगों ने हजारों वोल्ट की गुजरती हुई हाई टेंशन लाइनों के पोल के नीचे ही अपने आशियाने बसा लिए है. ऐसे में आलम यह है कि यूआईटी ने इस संदर्भ में अधिकांश लोगों को पट्टे जारी कर दिए हैं. वहीं ऐसे में अब उनका मकान भी वैध है और घर में हाई टेंशन लाइन के खंभे खड़े भी वैध नजर आ रहे हैं.

हाईटेंशन लाइन करंट कोटा आशियाने मकान नीचे डर पोल, House surrounded by volts current
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Published : Nov 25, 2019, 3:21 PM IST

कोटा. अधिकांश जगह पर देखने को मिलता है कि लोग हाईटेंशन लाइन के नीचे मकान बना लेते हैं. लेकिन कोटा के निवासी सभी से एक कदम आगे निकले, यहां के लोगों ने हजारों वोल्ट के करंट को लेकर गुजरती हुई हाई टेंशन लाइनों के नीचे आशियाने ही नहीं बनाए, बल्कि हजारों वोल्टेज का करंट प्रवाहित कर रही हाई टेंशन लाइनों के पोल को ही अपने कब्जे में लेकर उसके चारों तरफ मकान बना लिया हैं.

हजारों वोल्ट के करंट को घेरकर बना लिया मकान

वहीं यह लाइन गुजरने से लगातार उन लोगों पर मौत मंडराती रहती है. लेकिन यहां के लोगों को इस हाईटेंशन तारों से डर नहीं लगता है. अब यह पोल लोगों के घरों में ही लगे हुए हैं. आलम ऐसा हैं कि यूआईटी ने भी अधिकांश लोगों को पट्टे जारी कर दिए हैं, जिससे अब उनका मकान भी वैध है और घर में हाई टेंशन लाइन के खंभे खड़े हैं और ऊपर से लाइने गुजर रही है. वहीं इन लोगों को करंट का डर तो सताता है, लेकिन मकान खो जाने के डर से यह यहां से जाना भी नहीं चाहते.

पढ़ेंः पुलिस सेवा के दौरान देखी बाल श्रमिकों की जिंदगी तो DSP शर्मा ने बनाई शॉर्ट फिल्म पंछी, संदेश - बच्चों से ना छीने उनका बचपन

राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम की लाइनों के नीचे और खंभों को घेरते हुए जिन लोगों ने मकान बना लिए हैं. उन्हें नोटिस देने की इतिश्री कर रहा है. मामला कोटा के लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के प्रेमनगर द्वितीय और तृतीय के लोग तो इससे भी दो कदम आगे निकले, उन्होंने 132 और 33 केवी हाई टेंशन लाइनों के खंभों के नीचे ही मकान बना लिए हैं. अब कई ऐसे घर हैं, जिनके मकान में यह खंबे लगे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक करीब 5 हजार मकान और 20 हजार की आबादी इससे प्रभावित है.

कपड़े सुखाते और नहाते है...

लोग अब इन खंभों को घरेलू उपयोग में लेने लगे हैं. अधिकांश लोग इन पर ही कपड़े सुखाते हैं. इनके नीचे ही बैठकर नहाते भी हैं. उन्हें किसी तरह का कोई डर इन हाई टेंशन लाइनों से नहीं है. हालांकि यह लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि इन हाई टेंशन लाइनों को हटाया जाए.

पढ़ेंः आवासन मंडल ने 35 दिन में बेचे 1 हजार से अधिक Flat, अब सीलबंद नीलामी से बेचे जाएंगे मकान

बारिश में होते है धमाके...

लोगों का कहना है कि उन्हें इन लाइनों से परेशानी होती है, बारिश के दिनों में इन लाइनों से तेज धमाके और स्पार्किंग होती है. उन्होंने इसके लिए सैकड़ों बार शिकायत भी दी, लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई ना तो नेताओं ने की ना अधिकारियों ने एक बात सुनी.

तार भी टूट कर गिर गया...

इलाके के लोगों का कहना है कि एक बार यहां पर तार भी टूट कर गिर गया था, लेकिन किसी तरह का कोई करंट में जनहानि नहीं हुई. वहीं तार के नीचे छोटे बच्चे भी खेलते हैं. ऐसे में हमेशा ही डर सताता है कि कोई हादसा ना हो जाए.

पढ़ेंः Special: गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में शुरू हुए Affordable Housing Project को लगा 'ग्रहण', महज 40 प्रतिशत काम हुआ पूरा

हमारे बुते की बात नहीं...

इस संबंध में राजस्थान राज्य प्रसारण निगम के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि पोल के आसपास के लोगों को जिन्होंने मकान बना लिए हैं, हटाने की चेतावनी भी दी गई है. लेकिन यूआईटी ने मकानों को पट्टे देने से प्रसारण निगम के बूते में बात नहीं रही है. अब यूआईटी को ही इन लोगों को विस्थापित करना होगा.

कोटा. अधिकांश जगह पर देखने को मिलता है कि लोग हाईटेंशन लाइन के नीचे मकान बना लेते हैं. लेकिन कोटा के निवासी सभी से एक कदम आगे निकले, यहां के लोगों ने हजारों वोल्ट के करंट को लेकर गुजरती हुई हाई टेंशन लाइनों के नीचे आशियाने ही नहीं बनाए, बल्कि हजारों वोल्टेज का करंट प्रवाहित कर रही हाई टेंशन लाइनों के पोल को ही अपने कब्जे में लेकर उसके चारों तरफ मकान बना लिया हैं.

हजारों वोल्ट के करंट को घेरकर बना लिया मकान

वहीं यह लाइन गुजरने से लगातार उन लोगों पर मौत मंडराती रहती है. लेकिन यहां के लोगों को इस हाईटेंशन तारों से डर नहीं लगता है. अब यह पोल लोगों के घरों में ही लगे हुए हैं. आलम ऐसा हैं कि यूआईटी ने भी अधिकांश लोगों को पट्टे जारी कर दिए हैं, जिससे अब उनका मकान भी वैध है और घर में हाई टेंशन लाइन के खंभे खड़े हैं और ऊपर से लाइने गुजर रही है. वहीं इन लोगों को करंट का डर तो सताता है, लेकिन मकान खो जाने के डर से यह यहां से जाना भी नहीं चाहते.

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राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम की लाइनों के नीचे और खंभों को घेरते हुए जिन लोगों ने मकान बना लिए हैं. उन्हें नोटिस देने की इतिश्री कर रहा है. मामला कोटा के लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के प्रेमनगर द्वितीय और तृतीय के लोग तो इससे भी दो कदम आगे निकले, उन्होंने 132 और 33 केवी हाई टेंशन लाइनों के खंभों के नीचे ही मकान बना लिए हैं. अब कई ऐसे घर हैं, जिनके मकान में यह खंबे लगे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक करीब 5 हजार मकान और 20 हजार की आबादी इससे प्रभावित है.

कपड़े सुखाते और नहाते है...

लोग अब इन खंभों को घरेलू उपयोग में लेने लगे हैं. अधिकांश लोग इन पर ही कपड़े सुखाते हैं. इनके नीचे ही बैठकर नहाते भी हैं. उन्हें किसी तरह का कोई डर इन हाई टेंशन लाइनों से नहीं है. हालांकि यह लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि इन हाई टेंशन लाइनों को हटाया जाए.

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बारिश में होते है धमाके...

लोगों का कहना है कि उन्हें इन लाइनों से परेशानी होती है, बारिश के दिनों में इन लाइनों से तेज धमाके और स्पार्किंग होती है. उन्होंने इसके लिए सैकड़ों बार शिकायत भी दी, लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई ना तो नेताओं ने की ना अधिकारियों ने एक बात सुनी.

तार भी टूट कर गिर गया...

इलाके के लोगों का कहना है कि एक बार यहां पर तार भी टूट कर गिर गया था, लेकिन किसी तरह का कोई करंट में जनहानि नहीं हुई. वहीं तार के नीचे छोटे बच्चे भी खेलते हैं. ऐसे में हमेशा ही डर सताता है कि कोई हादसा ना हो जाए.

पढ़ेंः Special: गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में शुरू हुए Affordable Housing Project को लगा 'ग्रहण', महज 40 प्रतिशत काम हुआ पूरा

हमारे बुते की बात नहीं...

इस संबंध में राजस्थान राज्य प्रसारण निगम के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि पोल के आसपास के लोगों को जिन्होंने मकान बना लिए हैं, हटाने की चेतावनी भी दी गई है. लेकिन यूआईटी ने मकानों को पट्टे देने से प्रसारण निगम के बूते में बात नहीं रही है. अब यूआईटी को ही इन लोगों को विस्थापित करना होगा.

Intro:कोटा के प्रेमनगर में लोगों ने हजारों वोल्ट के करंट को लेकर गुजरती हुई हाईटेंशन लाइनों के नीचे ही आशियाने ही नहीं बनाए, हजारों वोल्टेज का करंट प्रवाहित कर रही हाईटेंशन लाइनों के पोल को ही अपने कब्जे में लेकर उसके चारों तरफ मकान बना लिए हैं. अब यह पोल लोगों के घरों में ही लगे हुए हैं. हालात ऐसे हैं कि यूआईटी ने भी अधिकांश लोगों को पट्टे जारी कर दिए हैं. ऐसे में अब उनका मकान भी वैध है और घर में हाईटेंशन लाइन के खंभे खड़े हैं







Body:कोटा.
अधिकांश जगह पर देखने में आता है कि लोगों ने हाईटेंशन लाइन के नीचे ही मकान बना लिया, लेकिन कोटा के निवासी यहां से एक कदम आगे निकले, लोगों ने हजारों वोल्ट के करंट को लेकर गुजरती हुई हाईटेंशन लाइनों के नीचे ही आशियाने ही नहीं बनाए, हजारों वोल्टेज का करंट प्रवाहित कर रही हाईटेंशन लाइनों के पोल को ही अपने कब्जे में लेकर उसके चारों तरफ मकान बना लिए हैं. अब यह पोल लोगों के घरों में ही लगे हुए हैं. हालात ऐसे हैं कि यूआईटी ने भी अधिकांश लोगों को पट्टे जारी कर दिए हैं. ऐसे में अब उनका मकान भी वैध है और घर में हाईटेंशन लाइन के खंभे खड़े हैं, ऊपर से लाइने गुजर रही है. इन लोगों को करंट का डर तो सताता है, लेकिन मकान खो जाने के डर से यह यहां से जाना भी नहीं चाहते. राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम ने अपनी लाइनों के नीचे और खंभों को घेरते हुए जिन लोगों ने मकान बना लिए हैं. उन्हें नोटिस देने की इतिश्री कर रहा है. मामला कोटा के कोटा के लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के प्रेमनगर द्वितीय व तृतीय के लोग तो इससे भी दो कदम आगे निकले उन्होंने 132 और 33 केवी हाईटेंशन लाइनों के खंभों के नीचे ही मकान बना लिए अब कई ऐसे घर हैं. जिनके मकान में यह खंबे लगे हुए हैं. करीब 5000 हजार मकान और 20 हजार की आबादी इससे प्रभावित है.


कपड़े सुखाते व नहाते है
लोग अब इन खंभों को ही घरेलू उपयोग में लेने लगे हैं. अधिकांश लोग इन पर ही कपड़े सुखाते हैं. इनके नीचे ही बैठ कर नहाते भी हैं. उन्हें किसी तरह का कोई डर इन हाईटेंशन लाइनों से नहीं है. हालांकि यह लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि इन हाईटेंशन लाइनों को हटाया जाए जो यहां से गुजर रही है.


बारिश में होते है धमाके
लोगों का कहना है कि उन्हें इन लाइनों से परेशानी होती है, बारिश के दिनों में तेज धमाके और स्पार्किंग भी इन लाइनों में हो रही है. उन्होंने इसके लिए सैकड़ों बार शिकायत भी दे दी, लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई ना तो नेताओं ने की ना अधिकारियों ने बात भी सुनी.


तार भी टूट कर गिर गया है
इलाके के लोगों का कहना है कि एक बार यहां पर तार भी टूट कर गिर गया था, लेकिन किसी तरह का कोई करंट में जनहानि नहीं हुई छोटे बच्चे खेलते हैं. कोई हादसा हो जाए बारिश के दौरान धमाके भी होते हैं .


Conclusion:हमारे बुते की बात नहीं
इस संबंध में राजस्थान राज्य प्रसारण निगम के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि पोल के आसपास के लोगों को जिन्होंने मकान बना लिए हैं. हटाने की चेतावनी भी दी गई है, लेकिन यूआईटी ने मकानों को पट्टे देने से प्रसारण निगम के बूते में बात नहीं रही है. अब यूआईटी को ही इन लोगों को विस्थापित करना होगा.



बाइट-- विनोद बूर्ट, स्थानीय निवासी
बाइट-- संतोष स्थानीय निवासी
बाइट-- ललिता, स्थानीय निवासी
बाइट-- डीके गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड
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