कोटा. शिक्षा नगरी कोटा में जहां मार्च के अंत तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया था और जनता सुकून से लॉकडाउन की अनुपालना में तल्लीन थी. वहीं अचानक से 33 मामले सामने आने से प्रशासन के होश उड़ गए. इसके बाद पुलिस ने जब कोटा में कोरोना एंट्री के सोर्स की पड़ताल शुरू की तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. एसपी गौरव यादव ने बताया कि मकबरा इलाके में रहने वाला संक्रमित ड्राइवर 15 मार्च को भीलवाड़ा गया था.
जिसके बाद वह 2 अप्रैल की सुबह जयपुर से अपने अन्य साथी के साथ दो टैक्सियों में तबलीगी जमात के कुल 16 लोगों को लेकर कोटा आया था. जिस परमिशन से वह उन जमातियों को कोटा लेकर आया था, वह परमिशन अवैध थी. जिसे बारां से जयपुर के लिए बनवाया गया था. इसके बाद पुलिस ने दोनों ड्राइवरों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में मामला दर्ज कर एमबीएस अस्पताल में आइसोलेट करवाया था.
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दो दिनों बाद 4 अप्रैल को इस ड्राइवर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जिसके अब तक कुल 18 पड़ोसियों को कोरोना संक्रमण हो चुका है. वहीं एसपी यादव का कहना है कि कोटा में बना दूसरा 'कोरोना हॉटस्पॉट' भीमगंजमंडी थाना इलाके का तेलघर क्षेत्र है. जहां कोरोना संदिग्ध की मौत के बाद आई पॉजिटिव रिपोर्ट मामले में सामने आया है कि कुछ दिनों पहले मृतक और उसके रिश्तेदारों का कोटा से जयपुर के रामगंज इलाके में आना जाना लगा हुआ था. इसी बीच मृतक, उसके रिश्तेदार और 15 अन्य लोगों तक कोरोना संक्रमण पहुंच चुका है.