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विकास ने रोका विकास: CM की बजट घोषणा भी नहीं हो पा रही जमीन पर लागू, PWD का काम दूसरी एजेंसियों ने अटकाया

मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार 30-30 किलोमीटर सड़कें (Kota City Development Projects) नगर निगम कोटा उत्तर दक्षिण में बननी है. जिनका निर्माण आरयूआईडीपी (RUIDP), आरएसजीएल (RSGL), नगर निगम (Municipal Corporation), यूआईटी (UIT) और अन्य एजेंसी के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है. इन सड़कों पर पानी सप्लाई, सीवर लाइन, गैस की लाइन डाली जा रही है. इसके चलते पीडब्ल्यूडी नई सड़क नहीं बना पा रही है.

Slow Pace Of Development In kota
PWD का काम दूसरी एजेंसियों ने अटकाया
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Published : Jan 29, 2022, 8:30 AM IST

कोटा. राज्य सरकार ने बजट घोषणा में कोटा उत्तर और दक्षिण नगर निगम में 30-30 किलोमीटर सड़कों को नवीनीकरण (Slow Pace Of Development In kota) करने के लिए घोषणा की थी. यह घोषणा जमीनी स्तर पर नहीं उतर पा रही है क्योंकि इसमें टेंडर होने के बाद भी पीडब्ल्यूडी (Municipal Corporation kota) को काम करने का मौका नहीं मिल पा रहा है.

कहीं सड़क पर राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड अपनी घरेलू और इंडस्ट्रियल सप्लाई की पाइप लाइन डाल रहा है, तो अधिकांश शहर की सड़कों पर राजस्थान अर्बन इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (RUIDP) सीवरेज लाइन डाल रही है. कुछ जगह पर नगर विकास न्यास भी इसी तरह से सीवरेज डालने के काम कर रही है, और अन्य जगह पर नगर निगम भी काम में जुटी हुई है. इसके चलते इन सड़कों पर अगर पीडब्ल्यूडी काम कर देती है, तो वह सड़क दोबारा खोद दी जाएगी. इसी के चलते काम अटका हुआ है.

PWD का काम दूसरी एजेंसियों ने अटकाया

सीमेंट कंक्रीट और डामर की भी सड़कें : बजट घोषणा के अनुसार शहर में 46 करोड़ रुपए से सड़कों का नवीनीकरण (Development project in kota) होना है, जिसमें सीमेंट कंक्रीट और डामर की सड़कों का भी नवीनीकरण किया जाना है. इस पैकेज में सबसे लंबा कार्य जवाहर नगर पेट्रोल पंप से शीला चौधरी रोड तक का है. जिसमें सीमेंट कंक्रीट और डामर दोनों की ही सड़क है. इस कार्य के लिए करीब साढ़े छह करोड़ रुपए स्वीकृत हुए है, लेकिन यहां भी काम करने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को समय लगेगा. हालांकि जो प्रस्ताव नगर निगम से पीडब्ल्यूडी ने प्राप्त किए हैं, उनमें से कई सड़कों को यूआईटी भी बना रहा है.

कई सड़कों में तो 1 साल से ज्यादा लगेगा समय : कोटा शहर में जहां पर करीब 450 किलोमीटर लंबे रूट पर सीवरेज लाइन बिछाने का काम आरयूआईडीपी (RUIDP) कर रही है. इसके लिए आरयूआईडीपी ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में यहां तक की गलियों मोहल्लों में भी जाकर खुदाई कर दी है, जिसके चलते काम में लंबा समय लग रहा है. यह कार्य करीब ढाई साल से ज्यादा से चल रहा है. अभी इसमें इतना ही समय और लगेगा.

पढ़ें: Munesh Gurjar on Councilors Revolt : पार्षदों की नाराजगी को महापौर ने किया खारिज, कमेटी गठन पर कही ये बड़ी बात...

जिन सड़कों पर पीडब्ल्यूडी को नवीनीकरण करना है और रास्तों को दुरस्त कर जनता को राहत पहुंचानी है, इनका कार्य अभी लंबे समय तक चलना है. इसी तरह से राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड भी घरेलू और इंडस्ट्रियल सप्लाई के लिए प्राकृतिक गैस के लिए 150 किलोमीटर लंबी लाइन डाल रही है. यह कार्य भी लंबे समय से चल रहा है और इससे भी शहर में कई जगह पर खुदाई चल रही है.

बना देंगे तो फिर खोद जाएंगे सड़कों को : सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीपी अग्रवाल का कहना है कि नगर निगम कोटा उत्तर और दक्षिण से उन्होंने बजट घोषणा के अनुसार ही 60 किलोमीटर सड़कों के नवीनीकरण के लिए प्रस्ताव लिए थे. इनको स्वीकृति के लिए भेज दिया था, अक्टूबर महीने में इसकी स्वीकृति मिली थी. इन कामों के लिए हमने टेंडर भी लगा दिए थे. जिनको स्वीकृति मिल गई है और वर्क आर्डर भी जारी हो गए हैं, लेकिन काम कर पाने की स्थिति अधिकांश जगह अभी नहीं है.

पढ़ें: Zero hunger scheme in Rajasthan : 'जीरो हंगर योजना' के तहत प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए के संकल्प से कार्य करने के निर्देश

डीपी अग्रवाल का कहना है कि कार्य की शुरूआत इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि एजेंसी आकर सड़क तोड़ जाएगी. तब जनता को ही नुकसान होगा. पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन अग्रवाल का कहना है कि लगातार आरएसजीएल और आरयूआईडीपी के अधिकारियों से संपर्क में है. जिस भी सड़क पर वह काम कर रहे हैं. उसकी जानकारी पहले देते हैं, ऐसे में कई इलाकों में काम नहीं कर पा रहे हैं. इनमें सिविल लाइंस, दादाबाड़ी, तलवंडी, इंद्र विहार, महावीर नगर, कुन्हाड़ी के भी कई इलाके शामिल हैं.

कोटा. राज्य सरकार ने बजट घोषणा में कोटा उत्तर और दक्षिण नगर निगम में 30-30 किलोमीटर सड़कों को नवीनीकरण (Slow Pace Of Development In kota) करने के लिए घोषणा की थी. यह घोषणा जमीनी स्तर पर नहीं उतर पा रही है क्योंकि इसमें टेंडर होने के बाद भी पीडब्ल्यूडी (Municipal Corporation kota) को काम करने का मौका नहीं मिल पा रहा है.

कहीं सड़क पर राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड अपनी घरेलू और इंडस्ट्रियल सप्लाई की पाइप लाइन डाल रहा है, तो अधिकांश शहर की सड़कों पर राजस्थान अर्बन इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (RUIDP) सीवरेज लाइन डाल रही है. कुछ जगह पर नगर विकास न्यास भी इसी तरह से सीवरेज डालने के काम कर रही है, और अन्य जगह पर नगर निगम भी काम में जुटी हुई है. इसके चलते इन सड़कों पर अगर पीडब्ल्यूडी काम कर देती है, तो वह सड़क दोबारा खोद दी जाएगी. इसी के चलते काम अटका हुआ है.

PWD का काम दूसरी एजेंसियों ने अटकाया

सीमेंट कंक्रीट और डामर की भी सड़कें : बजट घोषणा के अनुसार शहर में 46 करोड़ रुपए से सड़कों का नवीनीकरण (Development project in kota) होना है, जिसमें सीमेंट कंक्रीट और डामर की सड़कों का भी नवीनीकरण किया जाना है. इस पैकेज में सबसे लंबा कार्य जवाहर नगर पेट्रोल पंप से शीला चौधरी रोड तक का है. जिसमें सीमेंट कंक्रीट और डामर दोनों की ही सड़क है. इस कार्य के लिए करीब साढ़े छह करोड़ रुपए स्वीकृत हुए है, लेकिन यहां भी काम करने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को समय लगेगा. हालांकि जो प्रस्ताव नगर निगम से पीडब्ल्यूडी ने प्राप्त किए हैं, उनमें से कई सड़कों को यूआईटी भी बना रहा है.

कई सड़कों में तो 1 साल से ज्यादा लगेगा समय : कोटा शहर में जहां पर करीब 450 किलोमीटर लंबे रूट पर सीवरेज लाइन बिछाने का काम आरयूआईडीपी (RUIDP) कर रही है. इसके लिए आरयूआईडीपी ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में यहां तक की गलियों मोहल्लों में भी जाकर खुदाई कर दी है, जिसके चलते काम में लंबा समय लग रहा है. यह कार्य करीब ढाई साल से ज्यादा से चल रहा है. अभी इसमें इतना ही समय और लगेगा.

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जिन सड़कों पर पीडब्ल्यूडी को नवीनीकरण करना है और रास्तों को दुरस्त कर जनता को राहत पहुंचानी है, इनका कार्य अभी लंबे समय तक चलना है. इसी तरह से राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड भी घरेलू और इंडस्ट्रियल सप्लाई के लिए प्राकृतिक गैस के लिए 150 किलोमीटर लंबी लाइन डाल रही है. यह कार्य भी लंबे समय से चल रहा है और इससे भी शहर में कई जगह पर खुदाई चल रही है.

बना देंगे तो फिर खोद जाएंगे सड़कों को : सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीपी अग्रवाल का कहना है कि नगर निगम कोटा उत्तर और दक्षिण से उन्होंने बजट घोषणा के अनुसार ही 60 किलोमीटर सड़कों के नवीनीकरण के लिए प्रस्ताव लिए थे. इनको स्वीकृति के लिए भेज दिया था, अक्टूबर महीने में इसकी स्वीकृति मिली थी. इन कामों के लिए हमने टेंडर भी लगा दिए थे. जिनको स्वीकृति मिल गई है और वर्क आर्डर भी जारी हो गए हैं, लेकिन काम कर पाने की स्थिति अधिकांश जगह अभी नहीं है.

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डीपी अग्रवाल का कहना है कि कार्य की शुरूआत इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि एजेंसी आकर सड़क तोड़ जाएगी. तब जनता को ही नुकसान होगा. पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन अग्रवाल का कहना है कि लगातार आरएसजीएल और आरयूआईडीपी के अधिकारियों से संपर्क में है. जिस भी सड़क पर वह काम कर रहे हैं. उसकी जानकारी पहले देते हैं, ऐसे में कई इलाकों में काम नहीं कर पा रहे हैं. इनमें सिविल लाइंस, दादाबाड़ी, तलवंडी, इंद्र विहार, महावीर नगर, कुन्हाड़ी के भी कई इलाके शामिल हैं.

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