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Apeksha group chit fund case: करोड़ों की धोखाधड़ी में अपेक्षा ग्रुप के आरोपियों की मदद, SHO लखन लाल मीणा व ASI रेहाना अब्बास निलंबित

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Published : Jun 2, 2022, 4:22 PM IST

बहुचर्चित अपेक्षा ग्रुप चिटफंड कंपनी घोटाले के मामले में एसपी केसर सिंह शेखावत ने गुमानपुरा थाने के निरीक्षक लखन लाल मीणा और सहायक उप निरीक्षक रेहाना अब्बास को निलंबित कर दिया (SHO and ASI suspended in Apeksha group chit fund case) है. इन पर हिरासत में बंद अपेक्षा ग्रुप के निदेशकों को रजिस्ट्रार ऑफिस भेज कागजों में हेरफेर कर रजिस्ट्री करवाने में मदद का आरोप है.

SHO and ASI suspended in Apeksha group chit fund case
करोड़ों की धोखाधड़ी में अपेक्षा ग्रुप के आरोपियों की मदद: SHO लखन लाल मीणा व ASI रेहाना अब्बास निलंबित

कोटा. शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने शहर के गुमानपुरा थाने के निरीक्षक लखन लाल मीणा और सहायक उप निरीक्षक रेहाना अब्बास को निलंबित कर दिया (SHO and ASI suspended in Apeksha group chit fund case) है. यह कार्रवाई बहुचर्चित अपेक्षा ग्रुप चिटफंड कंपनी घोटाले के आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुई करोड़ों के गबन की सैकड़ों एफआईआर के मामले से जुड़ा है. जिसमें पुलिस हिरासत में मौजूद अपेक्षा ग्रुप के निदेशकों को रजिस्ट्रार ऑफिस भेजकर जमीनों के कागजात के हेरफेर और बिकवाने में मदद करने का आरोप लगा है. इस मामले में सीआई मीणा और एएसआई रेहाना पर आरोपियों से साठगांठ के आरोप लगे हैं. जिसमें भ्रष्टाचार का भी अंदेशा है.

एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि अपेक्षा ग्रुप का केस रजिस्टर्ड है. निवेशकों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी हुई है. पुलिस निरीक्षक लखन लाल मीणा और एएसआई रेहाना अब्बास के खिलाफ गंभीर अनियमितता सामने आई हैं. कस्टडी में मुलजिम थे और रजिस्ट्रार ऑफिस भेज कर जमीनों की रजिस्ट्री करा दी. परिवादियों के मुकदमे सीधे तौर पर दर्ज नहीं कर रहे थे. इसके साथ ही न्यायालय में जमानत का विरोध नहीं किया. जमानत अर्जी के दौरान न्यायालय में पूरे तथ्य प्रस्तुत नहीं किए गए हैं. इस पूरे मामले में जांच के दौरान भी गंभीर अनियमितताएं बरती गई है. जिसका सीधा लाभ आरोपियों को मिला है और उनकी न्यायालय से जल्द जमानत दी हुई है.

पढ़ें: Chit Fund Company In Kota: अपेक्षा ग्रुप ने रकम दोगुनी करने का झांसा देकर लाखों ठगे, 3 गिरफ्तार...डायरेक्टर सहित अन्य फरार

इस संबंध में शेखावत ने कहा कि आरोपियों की जमानत होने के बाद पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह राठौड़ से मामले की जानकारी ली थी. जिसमें कई तथ्य सामने आए थे. इसके बाद मैंने स्वयं संज्ञान लेते हुए लेते हुए कार्रवाई की है. इसके बाद पूरे प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय राजेश मील को सौंप दी है और इस मामले में अन्य जितने भी पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आएगी, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: पति-पत्नी ने चिटफंड के नाम पर ₹400 करोड़ की ठगी, दोनों गिरफ्तार

बेल मिलने पर एसपी ने गठित कर दी थी एसआईटी: इस मामले में करीब 2 महीने पहले भी गुमानपुरा थाना पुलिस ने अपेक्षा ग्रुप के फर्जीवाड़े के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था. जिनकी जमानत भी जल्दी हो गई थी. जिस पर एसपी शेखावत नाराज हुए थे. क्योंकि करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का मामला है. इसके बाद उन्होंने इस मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित कर दी थी. जिसकी जिम्मेदारी पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह राठौड़ को सौंपी है.

पढ़ें: चिटफंड घोटाला: KBCL कंपनी में निवेशकों से परेशान एजेंटों ने SP से सुरक्षा और न्याय की लगाई गुहार

उनके अलावा इस टीम में दो दर्जन से ज्यादा पुलिस अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं. जिनमें सीआई, एसआई, एएसआई, हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं. आपको बता दें कि अपेक्षा ग्रुप ने 3500 से ज्यादा निवेशकों से करीब 200 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी की है. इस पर निवेशकों की शिकायत पर अपेक्षा ग्रुप कंपनी के 38 निदेशकों के खिलाफ 2 जनवरी को एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसमें अभी तक महज 4 आरोपियों की गिरफ्तारी हो पाई है.

कोटा. शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने शहर के गुमानपुरा थाने के निरीक्षक लखन लाल मीणा और सहायक उप निरीक्षक रेहाना अब्बास को निलंबित कर दिया (SHO and ASI suspended in Apeksha group chit fund case) है. यह कार्रवाई बहुचर्चित अपेक्षा ग्रुप चिटफंड कंपनी घोटाले के आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुई करोड़ों के गबन की सैकड़ों एफआईआर के मामले से जुड़ा है. जिसमें पुलिस हिरासत में मौजूद अपेक्षा ग्रुप के निदेशकों को रजिस्ट्रार ऑफिस भेजकर जमीनों के कागजात के हेरफेर और बिकवाने में मदद करने का आरोप लगा है. इस मामले में सीआई मीणा और एएसआई रेहाना पर आरोपियों से साठगांठ के आरोप लगे हैं. जिसमें भ्रष्टाचार का भी अंदेशा है.

एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि अपेक्षा ग्रुप का केस रजिस्टर्ड है. निवेशकों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी हुई है. पुलिस निरीक्षक लखन लाल मीणा और एएसआई रेहाना अब्बास के खिलाफ गंभीर अनियमितता सामने आई हैं. कस्टडी में मुलजिम थे और रजिस्ट्रार ऑफिस भेज कर जमीनों की रजिस्ट्री करा दी. परिवादियों के मुकदमे सीधे तौर पर दर्ज नहीं कर रहे थे. इसके साथ ही न्यायालय में जमानत का विरोध नहीं किया. जमानत अर्जी के दौरान न्यायालय में पूरे तथ्य प्रस्तुत नहीं किए गए हैं. इस पूरे मामले में जांच के दौरान भी गंभीर अनियमितताएं बरती गई है. जिसका सीधा लाभ आरोपियों को मिला है और उनकी न्यायालय से जल्द जमानत दी हुई है.

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इस संबंध में शेखावत ने कहा कि आरोपियों की जमानत होने के बाद पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह राठौड़ से मामले की जानकारी ली थी. जिसमें कई तथ्य सामने आए थे. इसके बाद मैंने स्वयं संज्ञान लेते हुए लेते हुए कार्रवाई की है. इसके बाद पूरे प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय राजेश मील को सौंप दी है और इस मामले में अन्य जितने भी पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आएगी, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

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बेल मिलने पर एसपी ने गठित कर दी थी एसआईटी: इस मामले में करीब 2 महीने पहले भी गुमानपुरा थाना पुलिस ने अपेक्षा ग्रुप के फर्जीवाड़े के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था. जिनकी जमानत भी जल्दी हो गई थी. जिस पर एसपी शेखावत नाराज हुए थे. क्योंकि करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का मामला है. इसके बाद उन्होंने इस मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित कर दी थी. जिसकी जिम्मेदारी पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह राठौड़ को सौंपी है.

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उनके अलावा इस टीम में दो दर्जन से ज्यादा पुलिस अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं. जिनमें सीआई, एसआई, एएसआई, हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं. आपको बता दें कि अपेक्षा ग्रुप ने 3500 से ज्यादा निवेशकों से करीब 200 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी की है. इस पर निवेशकों की शिकायत पर अपेक्षा ग्रुप कंपनी के 38 निदेशकों के खिलाफ 2 जनवरी को एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसमें अभी तक महज 4 आरोपियों की गिरफ्तारी हो पाई है.

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