कोटा. बिहार के बच्चे जो कि कोटा में कोचिंग करने आए थे और लॉकडाउन के चलते अपने गृह जिलों को नहीं जा सके, उनका रेस्क्यू शुरू हो गया है. विशेष ट्रेनों के जरिए उन्हें कोटा से अपने गृह राज्य भेजा जा रहा है. इसके लिए रविवार को कोटा से बरौली बेगूसराय जाने के लिए सुबह 11 बजे एक विशेष ट्रेन लगाई गई थी. हालांकि बच्चों की संख्या ज्यादा होने के चलते वह इस ट्रेन में नहीं आए. ऐसे में आनन-फानन में ही जिला प्रशासन ने दूसरी ट्रेन का आग्रह किया.
इस संबंध में लोकसभा स्पीकर और कोटा बूंदी सांसद ओम बिरला ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत की. रेल मंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद कोटा मंडल रेल प्रबंधक ने तुरंत दूसरी ट्रेन का इंतजाम कर दिया. 3:45 बजे एक और ट्रेन को कोटा से बिहार के बरौली के लिए रवाना कर दिया गया है. इस ट्रेन में कोटा में अध्ययनरत बिहार के बेगूसराय जोन के कोचिंग 1050 स्टूडेंट्स को रवाना किया है.
ढाई घंटे की तैयारियों में ही लगा दी गई दूसरी ट्रेन
बिहार के बेगूसराय जोन के बंका, बेगूसराय, भागलपुर, जमुई, खगरिया, लखीसराय, मुंगेर और शेखपुरा के स्टूडेंट्स को सुबह 11 वाली ट्रेन से जाना था, लेकिन जिला प्रशासन बेगूसराय जाने वाली ट्रेन में बैठने वाले बच्चों की गणना सही से नहीं कर पाया. इसके चलते ट्रेन में 1200 को बैठा दिया गया, जबकि करीब 1000 बच्चे बाहर ही रह गए.
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ऐसे में रेलवे बोर्ड की हरी झंडी मिलने के बाद, रेलवे के अधिकारियों ने तुरंत दूसरी ट्रेन को सैनिटाइज करवा कर तैयार करवाया. ढाई घंटे के भीतर ही प्लेटफार्म नंबर एक पर लाकर खड़ा कर दिया. जिसमें बचे हुए 1050 बच्चों को बैठाया गया. वहीं रेलवे के अधिकारियों ने 3:45 बजे इस ट्रेन को भी रवाना कर दिया.
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इस पूरी व्यवस्था को संभालने के लिए डीआरएम पंकज शर्मा, एडीआरएम विनीत पांडेय, सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश और वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त विजय पंडित मौजूद रहे. आपको बता दें कि बरौली-बेगूसराय के लिए गई ट्रेन बयाना, टूंडला, कानपुर, दीनदयाल उपाध्याय और दारापुर होते हुए, सोमवार सुबह 11 बजे बरौली पहुंचेगी.