कोटा. शहर में मुकंदरा टाइगर रिजर्व में पिछले साल से 7 बाघ-बाघिन और शावक थे. जहां पिछले साल 3 बाघ और शावक की मौत हो गई, वहीं दो शावक और एक बाघ मिसिंग है. ऐसे में अब सिर्फ एक बाघिन जिंदा है, वह भी सात महीने से एनक्लोजर में बंद है. जिसमे उसके सेही (porcupine) के कांटे लग गए है. वह तो गनीमत रही की मॉनिटरिंग टीम ने देख लिया. जिस पर उप वन संरक्षक मुकन्दरा राष्ट्रीय उघान की ओर से उच्च कार्यालय को सूचना दी गई.
मुख्य वन संरक्षक और क्षेत्र निदेशक की ओर से अनुमति प्राप्त कर निर्देश देने के उपरांत टाइग्रेस का उपचार करने के लिए रणथनभौर से डॉ. राजीव गर्ग, वरिष्ठ पशु चिकित्सक के नेतृत्व में टीम को बुलाया गया. वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. राजीव गर्ग और डॉ. तेजेन्द्र रियार्ड के नेतृत्व में बाघिन को ट्रक्यूलाईज कर सेही के कांटो को निकाल कर उपचार किया गया.
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विधानसभा में उठा था मामला
कोटा मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बाघ लाने का विधानसभा में मामला उठा था. सात भागों में से 6 बाघ बाघिन और शावक के मौत और मिसिंग के बाद तत्कालीन सीसीएफ और फील्ड निदेशक आनंद टी मोहनराज को एपीओ कर दिया था. एसीएफ दरा राजेश कुमार और रेंजर माखनलाल को निलंबित कर दिया था. मौके पर NTCA के प्रतिनिधि दौलत सिंह शक्तावत, उप वन संरक्षक, क्षेत्रीय वन अधिकारी और स्टाफ मौजूद थे. बाघिन की सघन मॉनिटरिंग हेतु कार्यालय वरिष्ठ पुशु चिकित्सक के नेतृत्व में मॉनिटरिंग टीम को पाबंद किया गया.