कोटा. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) की कोटा संभाग में बिजली की खपत करीब 3500 लाख यूनिट हर माह है. लॉकडाउन के समय यह 500 लाख यूनिट कम हो गई थी. क्योंकि लॉकडाउन अप्रैल और मई में व्यावसायिक दुकानें और फैक्ट्रियां बंद होने से कम हो गई थी. यह खपत वापस अनलॉक के 2 महीने जून और जुलाई में फिर बढ़ गई है. लॉकडाउन के बाद अनलॉक में जिस तरह से बिजली की खपत बढ़ी है और पिछले साल के लगभग बराबर हो गई है. उसी तरह से रिकवरी में भी लॉकडाउन में जेवीवीएनएल ने कोटा संभाग में रिकॉर्ड बनाया है.
पिछले साल से कम खरीदी, ज्यादा बेची
पिछले साल जहां जेवीवीएनएल ने 13445 लाख यूनिट बिजली अप्रैल से लेकर जुलाई तक खरीदी थी. इसमें से 9629 लाख यूनिट बिजली बेची भी गई थी. इस साल इसी पीरियड में 13094 लाख यूनिट बिजली खरीदी है. जबकि 10145 लाख यूनिट बिजली उपभोक्ताओं को सप्लाई की गई है. पिछले साल जहां 28. 39 फीसदी छीजत हुई थी. इस साल यह कम होकर 22.52 रह गई है.
लॉकडाउन में बढ़ गई थी बिजली चोरी
अप्रैल और मई में लॉकडाउन पीरियड में जहां पर 6094 लाख यूनिट बिजली जेवीवीएनएल ने खरीदी. वहीं संभाग में 4440 लाख यूनिटी बिजली बेची गई है. जबकि 1654 लाख यूनिट छीजत में चली गई थी. इसमें बिजली या तो बिजली चोरी में चली गई या फिर सप्लाई के दौरान होने वाले तकनीकी नुकसान में गई है. जोकि खरीदी हुई बिजली का 27.14 फीसदी था. जबकि अनलॉक में जून और जुलाई की बात की जाए तो 7000 लाख यूनिट बिजली की खरीद जेवीवीएनएल की है. इनमें से 5705 लाख मिनट बेची है. वहीं तकनीकी लॉस में 18.5 फीसदी यूनिट बिजली गई है, जोकि 1295 लाख यूनिट है.
जून-जुलाई में हुई 98 फीसदी रिकवरी
जेवीवीएनएल को कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ में बिजली सप्लाई के बाद पूरी रिकवरी नहीं मिल पाती है. हालांकि लॉकडाउन के दौरान भी 79 फीसदी बिल ही जमा हो पाए थे. लेकिन बिजली विभाग ने लॉकडाउन खुलने के बाद जून-जुलाई में सख्ती दिखाते हुए बिजली बिलों की रिकवरी भी बड़ी मात्रा में की है. जून-जुलाई में जहां पर 42048 लाख रुपए की बिजली दी गई है. उसकी एवज में 41158 लाख रुपए वसूले गए हैं, जो कि 98 फीसदी थे. प्रदेश में भी सबसे ज्यादा कोटा संभाग की अव्वल रहा है. हालांकि इसके लिए बिजली विभाग ने किसानों से भी तगड़ी रिकवरी की है.
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अवैध रूप से लगाए गए डमी ट्रांसफार्मरों को बिजली विभाग ने उठाया है. साथ ही किसानों को बकाया बिल भी जमा करवाने के लिए सख्ती दिखाई है. इसके अलावा बड़ी मात्रा में वीसीआर भी अवैध कनेक्शनों की भरी गई है. वहीं किसानों को बिजली की दर बढ़ने पर राज्य सरकार ने घोषित की सब्सिडी को समायोजित किया गया है.
लॉकडाउन अवधि में अप्रैल-मई की खपत
- जेवीवीएनएल ने खरीदी 6094 लाख यूनिट बिजली
- उपभोक्ताओं को बेची 4440 लाख यूनिट बिजली
- बिजली चोरी और तकनीकी नुकसान में गई 27.14 फीसदी
- कुल बिजली के बिल जारी हुए 34567 लाख रुपए के
- उपभोक्ताओं से जेवीवीएनएल ने वसूले 27144 लाख रुपए
- केवल 78.52 फ़ीसदी ही हो पाई वसूली
अनलॉक अवधि में जून-जुलाई की खपत
- जेवीवीएनएल ने खरीदी 7000 लाख यूनिट बिजली
- उपभोक्ताओं को बेची 5705 लाख यूनिट बिजली
- बिजली चोरी और तकनीकी नुकसान में गई 18.50 फीसदी
- कुल बिजली के बिल जारी हुए 42048 लाख रुपए के
- उपभोक्ताओं से जेवीवीएनएल ने वसूले 41158 लाख रुपए