ETV Bharat / city

'रावण' ने बनाया अपना संगठन, रावण के पुतले का कद ऊंचा करने का किया विरोध - कोटा में बनी रावण एसोसिएशन

कोटा में मंगलवार को करीब एक दर्जन से ज्यादा रावण का पात्र करने वाले हाड़ौती के कलाकारों ने रावण एसोसिएशन का गठन किया (Ravan association formed in Kota) है. एसोसिएशन को कर्मयोगी की रावण सरकार नाम दिया है. संगठन की 4 मांगों में रावण का कद नहीं बढ़ाने की मांग शामिल है.

Ravan association formed in Kota, demands not to increase height of Ravan's effigy
'रावण' ने बनाया अपना संगठन, रावण के पुतले का कद ऊंचा करने का किया विरोध
author img

By

Published : Oct 4, 2022, 6:11 PM IST

Updated : Oct 5, 2022, 9:19 AM IST

कोटा. रावण का पात्र करने वाले हाड़ौती के एक दर्जन से ज्यादा कलाकारों ने अपना संगठन बनाया (Ravan association formed in Kota) है. इस एसोसिएशन को कर्मयोगी की रावण सरकार नाम दिया गया है. इस एसोसिएशन ने रावण का कद ऊंचा करने का किया विरोध किया है. साथ ही तीन अन्य मांगें पीएम मोदी के सामने रखने की बात कही है.

इसके संस्थापक अध्यक्ष कोटा के राजाराम कर्मयोगी 'रावण सरकार' बने हैं. कोटा में ये सभी पात्र एकत्रित हुए और रामधाम मंदिर शिवपुरा में शपथ ग्रहण की. इस संगठन के जरिए रावण के पात्रों ने चार मांगे रखी (Demands of Ravan association) हैं. जिनमें भिक्षावृत्ति मुक्त भारत बनाना, अंतिम संस्कार मंत्रालय की स्थापना, भारत को श्रीभारत नाम दिलाना और सोने की चिड़िया की जगह कोहिनूर भारत बनाने के लिए विदेश से कोहिनूर वापस लाने की मांग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रखी है.

'रावण' ने बनाया अपना संगठन,

पढ़ें: अलवर में होगा 75 फुट ऊंचे रावण का दहन, विशेष तकनीक से धीरे-धीरे जलेगा रावण

मांगरोल, बारां, झालावाड़, भवानीमंडी, मोरपा, स्टेशन केशवपुरा, बीड के बालाजी, कुन्हाड़ी, मुख्य रामलीला श्रीराम रंगमंच राघवेंद्र कला संस्थान के रावण पात्र मौजूद थे. इनमें लंकेश दिनेश जैन दिलवाला, अश्वत्थामा दाधीच, बृजराज गौतम व अलका दुलारी जैन 'मंदोदरी' शामिल रहे. संगठन के संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि दशहरे के 1 दिन पूर्व यह संगठन बनाया गया है. इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की है.

पढ़ें: VIDEO: रावण के दरबार में बारबाला ने लगाए ठुमके, झूम उठे दर्शक

2024 में 544 रावण एकत्रित करने का लक्ष्य: दशानन के दस सिर के रूप में 10 व्यक्तियों को पदाधिकारी बनाया गया है. कर्मयोगी ने बताया कि हमारा मकसद है कि देश के सभी लंकेश एक मंच पर आएं. अयोध्या में जनवरी 2024 में भगवान राम की प्रतिमाएं स्थापित हो जाएंगी. इसके लिए देश के सभी लंकेश को एक मंच पर लाकर संसद की तर्ज पर 544 लंकेश को अयोध्या में आमंत्रित किया जाएगा. जहां ये सभी अयोध्या में राम मंदिर की 2024 में परिक्रमा लगाएंगे. साथ ही सामाजिक सरोकार के काम से जुड़ेंगे.

पढ़ें: भाईचारे की मिसाल : सरगुजा का मुस्लिम परिवार बनाता है रावण के पुतले

रावण की एक्टिंग: हाड़ौती से करीब एक दर्जन से ज्यादा रावण पात्र इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे. उन्होंने रावण की एक्टिंग करके दिखाई और अपने-अपने अनूठे अंदाज को प्रस्तुत किया. रावण का अठ्ठाहस, हंसी और अहंकार उनके अभिनय में झलक रहा था. ये सभी लोग रामलीला में रावण का पात्र निभाते हैं. ऐसे में ये उसी तरह का गेटअप बना कर रखते हैं. सभी निजी जीवन में भी रावण के नाम से ही जाने जाते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की 4 मांगे:

  • राजाराम कर्मयोगी ने बताया कि इस संगठन को देश भर में लेकर जाएंगे. इसकी मुख्य मांग भिक्षावृत्ति की प्रथा को खत्म करना है. रावण ने भिक्षावृत्ति की आड़ में ही सीता माता का हरण किया था. अब इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो, इसे खत्म करने की कार्ययोजना बनेगी. जिससे भिक्षावृत्ति मुक्त भारत बने.
  • झारखंड के कालाहांडी में कई किलोमीटर तक अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर एक व्यक्ति गया था. ऐसी पुनरावृत्ति नहीं हो, इसलिए अंतिम संस्कार मंत्रालय की स्थापना की जानी चाहिए.
  • पूरी दुनिया में भारत को श्री भारत के रूप में जाना जाए. भारत पहले सोने की चिड़िया कहलाता था. अब कोहिनूर नाम रखने की मांग की गई है. साथ ही ब्रिटेन से कोहिनूर वापस लाने की मांग भी की है.
  • देश में हर साल रावण की ऊंचाई बढ़ाना अनुचित है. रावण बुराई का प्रतीक है और उसका कद बढ़ाना उचित नहीं है. सभी जगह रावण दहन समितियों से उन्होंने मांग की है कि कद नहीं बढ़ाया जाए. जितना कद रावण का अभी हैं, उतना ही रखा जाए. इको फ्रेंडली रावण के पुतले बनाए जाएं.

कोटा. रावण का पात्र करने वाले हाड़ौती के एक दर्जन से ज्यादा कलाकारों ने अपना संगठन बनाया (Ravan association formed in Kota) है. इस एसोसिएशन को कर्मयोगी की रावण सरकार नाम दिया गया है. इस एसोसिएशन ने रावण का कद ऊंचा करने का किया विरोध किया है. साथ ही तीन अन्य मांगें पीएम मोदी के सामने रखने की बात कही है.

इसके संस्थापक अध्यक्ष कोटा के राजाराम कर्मयोगी 'रावण सरकार' बने हैं. कोटा में ये सभी पात्र एकत्रित हुए और रामधाम मंदिर शिवपुरा में शपथ ग्रहण की. इस संगठन के जरिए रावण के पात्रों ने चार मांगे रखी (Demands of Ravan association) हैं. जिनमें भिक्षावृत्ति मुक्त भारत बनाना, अंतिम संस्कार मंत्रालय की स्थापना, भारत को श्रीभारत नाम दिलाना और सोने की चिड़िया की जगह कोहिनूर भारत बनाने के लिए विदेश से कोहिनूर वापस लाने की मांग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रखी है.

'रावण' ने बनाया अपना संगठन,

पढ़ें: अलवर में होगा 75 फुट ऊंचे रावण का दहन, विशेष तकनीक से धीरे-धीरे जलेगा रावण

मांगरोल, बारां, झालावाड़, भवानीमंडी, मोरपा, स्टेशन केशवपुरा, बीड के बालाजी, कुन्हाड़ी, मुख्य रामलीला श्रीराम रंगमंच राघवेंद्र कला संस्थान के रावण पात्र मौजूद थे. इनमें लंकेश दिनेश जैन दिलवाला, अश्वत्थामा दाधीच, बृजराज गौतम व अलका दुलारी जैन 'मंदोदरी' शामिल रहे. संगठन के संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि दशहरे के 1 दिन पूर्व यह संगठन बनाया गया है. इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की है.

पढ़ें: VIDEO: रावण के दरबार में बारबाला ने लगाए ठुमके, झूम उठे दर्शक

2024 में 544 रावण एकत्रित करने का लक्ष्य: दशानन के दस सिर के रूप में 10 व्यक्तियों को पदाधिकारी बनाया गया है. कर्मयोगी ने बताया कि हमारा मकसद है कि देश के सभी लंकेश एक मंच पर आएं. अयोध्या में जनवरी 2024 में भगवान राम की प्रतिमाएं स्थापित हो जाएंगी. इसके लिए देश के सभी लंकेश को एक मंच पर लाकर संसद की तर्ज पर 544 लंकेश को अयोध्या में आमंत्रित किया जाएगा. जहां ये सभी अयोध्या में राम मंदिर की 2024 में परिक्रमा लगाएंगे. साथ ही सामाजिक सरोकार के काम से जुड़ेंगे.

पढ़ें: भाईचारे की मिसाल : सरगुजा का मुस्लिम परिवार बनाता है रावण के पुतले

रावण की एक्टिंग: हाड़ौती से करीब एक दर्जन से ज्यादा रावण पात्र इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे. उन्होंने रावण की एक्टिंग करके दिखाई और अपने-अपने अनूठे अंदाज को प्रस्तुत किया. रावण का अठ्ठाहस, हंसी और अहंकार उनके अभिनय में झलक रहा था. ये सभी लोग रामलीला में रावण का पात्र निभाते हैं. ऐसे में ये उसी तरह का गेटअप बना कर रखते हैं. सभी निजी जीवन में भी रावण के नाम से ही जाने जाते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की 4 मांगे:

  • राजाराम कर्मयोगी ने बताया कि इस संगठन को देश भर में लेकर जाएंगे. इसकी मुख्य मांग भिक्षावृत्ति की प्रथा को खत्म करना है. रावण ने भिक्षावृत्ति की आड़ में ही सीता माता का हरण किया था. अब इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो, इसे खत्म करने की कार्ययोजना बनेगी. जिससे भिक्षावृत्ति मुक्त भारत बने.
  • झारखंड के कालाहांडी में कई किलोमीटर तक अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर एक व्यक्ति गया था. ऐसी पुनरावृत्ति नहीं हो, इसलिए अंतिम संस्कार मंत्रालय की स्थापना की जानी चाहिए.
  • पूरी दुनिया में भारत को श्री भारत के रूप में जाना जाए. भारत पहले सोने की चिड़िया कहलाता था. अब कोहिनूर नाम रखने की मांग की गई है. साथ ही ब्रिटेन से कोहिनूर वापस लाने की मांग भी की है.
  • देश में हर साल रावण की ऊंचाई बढ़ाना अनुचित है. रावण बुराई का प्रतीक है और उसका कद बढ़ाना उचित नहीं है. सभी जगह रावण दहन समितियों से उन्होंने मांग की है कि कद नहीं बढ़ाया जाए. जितना कद रावण का अभी हैं, उतना ही रखा जाए. इको फ्रेंडली रावण के पुतले बनाए जाएं.
Last Updated : Oct 5, 2022, 9:19 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.