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राजस्थान के पहले अत्याधुनिक NICU को निजी कोचिंग को सौंपा, बेहतर उपचार में मिलेगी मदद

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Published : Jul 20, 2021, 4:12 PM IST

Updated : Jul 20, 2021, 8:16 PM IST

राजस्थान सरकार ने 3 करोड़ की लागत से NICU यानी नियोनेटल इंसेंटिव केयर यूनिट (Neonatal Intensive Care Unit) तैयार कराया है. कोटा में निजी कोचिंग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह राजस्थान के सरकारी हेल्थ सिस्टम में पहला अत्याधुनिक NICU है.

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अत्याधुनिक एनआईसीयू को निजी कोचिंग को सौंपा

कोटा: संभाग का सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु चिकित्सालय जेके लोन अस्पताल नवजात की मौत के लिए बदनाम था. राज्य सरकार ने 3 करोड़ की लागत से NICU यानी नियोनेटल इंसेंटिव केयर यूनिट (Neonatal Intensive Care Unit) तैयार कराया है. इस एनआईसीयू को निजी कोचिंग को सौंपा गया है ताकि इसकी व्यवस्थाओं को मेंटेन किया जा सके.

मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि एनआईसीयू की व्यवस्थाओं को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए यह अच्छा कदम है. इसके लिए हमने कोचिंग संस्थान से बात की थी और वह तुरंत तैयार भी हो गए. मेडिकल कॉलेज में और भी एनआईसीयू जल्द ही तैयार होने वाले हैं. ऐसे में वहां भी कोचिंग संस्थान की मदद ली जाएगी ताकि चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बच्चों का बेहतर उपचार करें. यहां की व्यवस्थाओं को कोचिंग संस्थान संभाल लें, जिससे साफ-सफाई से लेकर हर व्यवस्था दुरुस्त हो.

अत्याधुनिक एनआईसीयू को निजी कोचिंग को सौंपा

पढ़ें: Speical: नवजात बच्चों की मौत के लिए बदनाम जेके लोन अस्पताल की बदली सूरत, 32 दिन में बनकर तैयार हुआ इंटरनेशनल लेवल का एनआईसीयू

निजी कोचिंग के निदेशक नवीन माहेश्वरी का कहना है कि उन्होंने इसमें 3 शिफ्टों में 15 लोगों का स्टाफ लगाया है. 3-3 सुपरवाइजर, गार्ड और 12 हेल्पर रहेंगे. यहां उपयोग किए जाने वाले हर सामान को भी पहुंचाया गया है. सुपरवाइजर इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. एनआईसीयू के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी उठाई जाएगी. अस्पताल के चिकित्सकों और अन्य स्टाफ से पूरा कोऑर्डिनेशन लेते हुए बेहतर तरीके से संचालित किया जाएगा.

जेकेलोन अस्पताल में 40 बेड का यह एनआईसीयू महज 32 दिनों में ही तैयार किया गया था. बीते ढाई महीने से इसे उपयोग में लिया जा रहा है. इसका वर्चुअल लोकार्पण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने किया था. इसमें करीब 3 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.

कोटा: संभाग का सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु चिकित्सालय जेके लोन अस्पताल नवजात की मौत के लिए बदनाम था. राज्य सरकार ने 3 करोड़ की लागत से NICU यानी नियोनेटल इंसेंटिव केयर यूनिट (Neonatal Intensive Care Unit) तैयार कराया है. इस एनआईसीयू को निजी कोचिंग को सौंपा गया है ताकि इसकी व्यवस्थाओं को मेंटेन किया जा सके.

मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि एनआईसीयू की व्यवस्थाओं को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए यह अच्छा कदम है. इसके लिए हमने कोचिंग संस्थान से बात की थी और वह तुरंत तैयार भी हो गए. मेडिकल कॉलेज में और भी एनआईसीयू जल्द ही तैयार होने वाले हैं. ऐसे में वहां भी कोचिंग संस्थान की मदद ली जाएगी ताकि चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बच्चों का बेहतर उपचार करें. यहां की व्यवस्थाओं को कोचिंग संस्थान संभाल लें, जिससे साफ-सफाई से लेकर हर व्यवस्था दुरुस्त हो.

अत्याधुनिक एनआईसीयू को निजी कोचिंग को सौंपा

पढ़ें: Speical: नवजात बच्चों की मौत के लिए बदनाम जेके लोन अस्पताल की बदली सूरत, 32 दिन में बनकर तैयार हुआ इंटरनेशनल लेवल का एनआईसीयू

निजी कोचिंग के निदेशक नवीन माहेश्वरी का कहना है कि उन्होंने इसमें 3 शिफ्टों में 15 लोगों का स्टाफ लगाया है. 3-3 सुपरवाइजर, गार्ड और 12 हेल्पर रहेंगे. यहां उपयोग किए जाने वाले हर सामान को भी पहुंचाया गया है. सुपरवाइजर इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. एनआईसीयू के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी उठाई जाएगी. अस्पताल के चिकित्सकों और अन्य स्टाफ से पूरा कोऑर्डिनेशन लेते हुए बेहतर तरीके से संचालित किया जाएगा.

जेकेलोन अस्पताल में 40 बेड का यह एनआईसीयू महज 32 दिनों में ही तैयार किया गया था. बीते ढाई महीने से इसे उपयोग में लिया जा रहा है. इसका वर्चुअल लोकार्पण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने किया था. इसमें करीब 3 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.

Last Updated : Jul 20, 2021, 8:16 PM IST
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