कोटा. राजस्थान सरकार ने अनलॉक में निजी बसों के संचालन को मंजूरी दे दी है. लेकिन कोटा संभाग के निजी बस संचालकों ने हड़ताल की चेतावनी दी है. निजी बस मालिकों का कहना है कि सरकार ने केवल टैक्स वसूली के लिए ही बसों को चलाने की अनुमति दी है. जबकि उनकी टैक्स माफी की मांग को पूरा नहीं किया गया. अगर उनकी मांगों को लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास या राजस्थान सरकार आश्वासन नहीं देती है तो हाड़ौती के चारों जिलों की 750 से ज्यादा निजी बसों का संचालन नहीं होगा.
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बस मालिक संघ के प्रदेश महासचिव और कोटा संभाग के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने कहा कि डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में पिछले 2 महीने से उनकी बसें खड़ी हुई हैं. पूरा सीजन पिछले साल भी कोरोना के चलते खराब हो गया था. इस साल भी ऐसा ही हुआ है.
निजी बस संचालकों ने सरकार से निम्न मांगे की
- स्टेट कैरिज की बसों का 1 साल का टैक्स माफ किया जाए
- राजस्थान सरकार रेलवे और रोडवेज की तर्ज पर डीजल में सब्सिडी दे
- सब्सिडी नहीं देने पर सरकार 40 फीसदी किराया बढ़ाने की अनुमति दे
- बस मालिकों को सीएनजी किट लगाने के लिए दो लाख रुपये की सब्सिडी दे या फिर बिना ब्याज के पैसे मुहैया करवाए
- राजस्थान सरकार केंद्र सरकार से निजी बसों के बीमा की अवधि 1 साल के लिए बढ़ाने की मांग करे
टैक्स में छूट दे सरकार
राजस्थान सरकार ने निजी बसों के संचालन को सोमवार सुबह 5 बजे से लेकर शुक्रवार सुबह 5 बजे तक ही अनुमति दी है. उसके बाद वीकेंड कर्फ्यू में बसों का संचालन बंद रहेगा. जिसको लेकर निजी बस संचालकों का कहना है कि सप्ताह में महज 4 दिन ही बसों का संचालन हो पाएगा. 3 दिन उनकी बसें नहीं चलेगी. लेकिन सरकार 7 दिन के हिसाब से पूरा टैक्स वसूलने की तैयारी में है.
स्लीपर बसों के टैक्स में पूरी छूट दे सरकार
कोटा संभाग के बस मालिक संघ के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि स्लीपर कोच बसों से 40 लाख रुपये महीना और अन्य बसों से 60 लाख रुपये महीना टैक्स कोटा संभाग से परिवहन विभाग को मिलता है. कोटा में करीब 100 से ज्यादा स्लीपर कोच बसें हैं. जो दूसरे राज्यों में जाती हैं. लेकिन कोरोना में बॉर्डर सील होने पर उन बसों के संचालन पर रोक है. ऐसे में स्लीपर बसों का संचालन भी नहीं हो पाएगा और इन बसों का टैक्स भी काफी ज्यादा होता है. ऐसे में सरकार को पूरा टैक्स स्लीपर बसों का माफ करना चाहिए. निजी बस संचालकों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.