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मुकुंदरा टाइगर रिजर्व : शावक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने, डॉक्टरों ने क्या कहा सुनिये

कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघिन MT- 2 के एक शावक की मौत हो गई, जबकि दूसरा अब भी लापता बाताया जा रहा है. वहीं अब शावक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें प्रारंभिक तौर पर मौत का कारण ब्रेन हेमरेज होना बताया गया है.

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मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में अब शावक की मौत
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Published : Aug 18, 2020, 7:11 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 7:54 PM IST

कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की बाघिन एमटी- 2 के एक शावक ने कोटा के चिड़ियाघर में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रारंभिक तौर पर मौत की वजह ब्रेन हेमरेज होना बताया गया है. चिकित्सकों का कहना है कि मां की मौत के बाद, अकेले रहने के चलते शावक सदमे (Shock) में था. साथ ही वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चार अगस्त को उपचार के लिए कोटा चिड़ियाघर में लाया गया था, तब से ही वह यहां था. जब लाया गया था तो उसकी स्थिति काफी नाजुक थी. बीच में थोड़ा सुधार भी हुआ, लेकिन हिमोग्लोबिन का स्तर 2.6 के आसपास ही बना हुआ था. शावक का पोस्टमार्टम डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. अखिलेश पांडे और डॉ. तेजेंद्र रियाड ने किया.

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में अब शावक की मौत

मौत के प्रारंभिक कारणों पर जानकारी देते हुए डॉ. राजीव गर्ग का कहना है कि ब्रेन में ब्लीडिंग मिली है और फेफड़ों में भी संक्रमण सामने आया है. ऐसे में मौत का सबसे बड़ा कारण ब्लीडिंग ज्यादा होना ही है. इसकी बॉडी से हिस्टोपैथोलॉजी, वायरोलॉजी और बैक्टीरियालॉजी के साथ-साथ टॉक्सिकोलॉजी के लिए भी सैंपल लिए हैं. इनमें टॉक्सिकोलॉजी के सैंपल फॉरेंसिक साइंस लैब में भेजे जाएंगे. बाकी नमूनों को बरेली जांच के लिए भेजा जाएगा.

यह भी पढ़ेंः SPECIAL: मुकुंदरा रिजर्व रहा बाघ-बाघिन के प्रेम का साक्षी, साथ जिए और साथ ही कह गए दुनिया को अलविदा

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक तौर पर शावक के कान पर चोट मिली थी, साथ ही उसको लगातार दौरे भी पड़ रहे थे. इससे साफ था कि ब्रेन में कहीं न कहीं दिक्कत थी. उसकी वजह से ही उसे दौरे आ रहे थे. हिमोग्लोबिन का स्तर भी नहीं बढ़ रहा था, जिससे साफ था कि उसके ब्लीडिंग बॉडी में हो रही है. दूसरी तरफ डीसीएफ वन्यजीव कोटा आलोक गुप्ता का कहना है कि जब शुरू से ही शावक की स्थिति स्वास्थ्य के अनुसार अच्छी नहीं थी. उससे इंफेक्शन के साथ ही सेप्टीसीमिया भी था. वह पूरी तरह एनीमिक था. डॉक्टर्स की टीम हमने बनाई और 24 घंटे इलाज में लगी थी. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरा भी लगाकर मॉनिटरिंग कर रहे थे. उसे इंसेंटिव केयर ट्रीटमेंट दिया जा रहा था. जिस तरह के लक्षण शावक में नजर आ रहे थे, उससे साफ था कि उसे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. उसके स्वास्थ्य में सुधार होने की जगह लगातार बिगड़ता ही जा रहा था.

यह भी पढ़ेंः प्रदेश में बाघों की तर्ज पर शेरों को भी बसाने की योजना बना रहा वन विभाग

डीसीएफ आलोक गुप्ता ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम में भी देखा गया है कि इसके ब्रेन में कुछ हेमरेज सामने आया है. इससे साफ है कि शावक शॉक में था. वाइल्ड जानवर के साथ ही वह छोटा भी था और मां से दूर रहने पर भी यह शॉक में चला गया था. उन्होंने बताया कि शावक को एनटीसीए के प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया है. साथ ही इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों और एनटीसीए को भेजी जाएगी.

कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की बाघिन एमटी- 2 के एक शावक ने कोटा के चिड़ियाघर में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रारंभिक तौर पर मौत की वजह ब्रेन हेमरेज होना बताया गया है. चिकित्सकों का कहना है कि मां की मौत के बाद, अकेले रहने के चलते शावक सदमे (Shock) में था. साथ ही वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चार अगस्त को उपचार के लिए कोटा चिड़ियाघर में लाया गया था, तब से ही वह यहां था. जब लाया गया था तो उसकी स्थिति काफी नाजुक थी. बीच में थोड़ा सुधार भी हुआ, लेकिन हिमोग्लोबिन का स्तर 2.6 के आसपास ही बना हुआ था. शावक का पोस्टमार्टम डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. अखिलेश पांडे और डॉ. तेजेंद्र रियाड ने किया.

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में अब शावक की मौत

मौत के प्रारंभिक कारणों पर जानकारी देते हुए डॉ. राजीव गर्ग का कहना है कि ब्रेन में ब्लीडिंग मिली है और फेफड़ों में भी संक्रमण सामने आया है. ऐसे में मौत का सबसे बड़ा कारण ब्लीडिंग ज्यादा होना ही है. इसकी बॉडी से हिस्टोपैथोलॉजी, वायरोलॉजी और बैक्टीरियालॉजी के साथ-साथ टॉक्सिकोलॉजी के लिए भी सैंपल लिए हैं. इनमें टॉक्सिकोलॉजी के सैंपल फॉरेंसिक साइंस लैब में भेजे जाएंगे. बाकी नमूनों को बरेली जांच के लिए भेजा जाएगा.

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उन्होंने कहा कि प्रारंभिक तौर पर शावक के कान पर चोट मिली थी, साथ ही उसको लगातार दौरे भी पड़ रहे थे. इससे साफ था कि ब्रेन में कहीं न कहीं दिक्कत थी. उसकी वजह से ही उसे दौरे आ रहे थे. हिमोग्लोबिन का स्तर भी नहीं बढ़ रहा था, जिससे साफ था कि उसके ब्लीडिंग बॉडी में हो रही है. दूसरी तरफ डीसीएफ वन्यजीव कोटा आलोक गुप्ता का कहना है कि जब शुरू से ही शावक की स्थिति स्वास्थ्य के अनुसार अच्छी नहीं थी. उससे इंफेक्शन के साथ ही सेप्टीसीमिया भी था. वह पूरी तरह एनीमिक था. डॉक्टर्स की टीम हमने बनाई और 24 घंटे इलाज में लगी थी. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरा भी लगाकर मॉनिटरिंग कर रहे थे. उसे इंसेंटिव केयर ट्रीटमेंट दिया जा रहा था. जिस तरह के लक्षण शावक में नजर आ रहे थे, उससे साफ था कि उसे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. उसके स्वास्थ्य में सुधार होने की जगह लगातार बिगड़ता ही जा रहा था.

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डीसीएफ आलोक गुप्ता ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम में भी देखा गया है कि इसके ब्रेन में कुछ हेमरेज सामने आया है. इससे साफ है कि शावक शॉक में था. वाइल्ड जानवर के साथ ही वह छोटा भी था और मां से दूर रहने पर भी यह शॉक में चला गया था. उन्होंने बताया कि शावक को एनटीसीए के प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया है. साथ ही इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों और एनटीसीए को भेजी जाएगी.

Last Updated : Aug 18, 2020, 7:54 PM IST
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