कोटा. जिले में कर्फ्यू शुरू होते ही लोग अपने घरों को जाने के लिए आतुर दिख रहे हैं. कई ऐसे मजदूर थे जो आसपास के कस्बों में या गांव में रहते हैं. जो बसों की मदद से जाते रहे. वहीं बसों में भी ठूंस ठूंस कर इन लोगों को भरकर ले जाया जा रहा था. यहां तक कि निजी और सरकारी दोनों तरह की बसों में इस तरह के हालात नजर आए. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना यहां पर नजर नहीं आई.
कहीं दिखाई सख्ती, कहीं अपने आप बंद हो गए
बाजारों में कहीं पर सख्ती पुलिस को दिखानी पड़ी और कुछ जगह पर अपने आप ही बाजार बंद हो गए. सब्जी मंडी में जहां पर पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी, यहां पर सब्जी का बेच रहे व्यापारियों को घर भेजना पड़ा. जबकि अन्य कई बाजारों में व्यापारी स्वतः ही अपनी दुकानों को बंद कर घर की तरफ लौट गए.
घंटाघर और भीतरी बाजारों में पुलिस को लोगों को घरों के तरफ से भेजने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी. यहां तक कि 5:00 बजे के बाद शहर की सड़कों पर करीब 45 मिनट जाम जैसी स्थिति भी बनी रही. क्योंकि लोग एक साथ ही अपने घरों की तरफ निकल रहे थे.
सर्किल एरिया के अनुसार नियुक्त किए मजिस्ट्रेट
पुलिस और प्रशासन ने कर्फ्यू को पूरी तरह से कामयाब करने के लिए तैयारी की है. इसके लिए पुलिस के उपाधीक्षक सर्किल एरिया के अनुसार मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिए हैं, जिसमें एक आरएएस अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, नगर निगम और यूआईटी के एक-एक अभियंता को शामिल किया है. यह सभी लोग कर्फ्यू की पालना करवाने के लिए फील्ड में जिम्मेदारी संभालेंगे.