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पर्यावरण प्रेमियों ने चंबल नदी में फैली गंदगी को किया साफ

कोटा में पर्यावरण प्रेमियों ने चंबल नदी के किनारे फैली गंदगी को श्रमदान करते हुए नदी से बाहर निकाला. वहीं इस दौरान उन्होंने नदी को पूरी तरह से निर्मल बनाने का संकल्प लिया.

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Published : Mar 14, 2020, 3:09 PM IST

कोटा खबर,Kota news
पर्यावरण प्रेमियों ने चंबल नदी की सफाई

कोटा. जिले में चंबल शुद्धिकरण अभियान के तहत शनिवार को पर्यावरण प्रेमी का कारवां नयापुरा चंबल की रियासत कालीन पुल के किनारे पहुंचा. जहां उन्होंने चंबल के किनारों पर फैली गंदगी को श्रमदान करते हुए नदी से बाहर निकाला.

पर्यावरण प्रेमियों ने चंबल नदी की सफाई

वहीं श्रमदान के दौरान देखने में आया नदी में बड़ी संख्या में पॉलिथीन अपशिष्ट के रूप में पड़ी थी. साथ ही नदी के किनारे संचालित होने वाली मीट मछली की दुकानों से निकलने वाला अपशिष्ट नदी में पड़ा हुआ था. जिसे पर्यावरण प्रेमियों और निजी कॉलेज के स्टूडेंट ने अपशिष्ट पदार्थ को नदी को संबल देते हुए बाहर किया.

पढ़ेंः अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कोटा नगर निगम की कार्रवाई

इस दौरान स्टूडेंट्स ने कहा कि यह काम 1 दिन का नहीं है, लगातार चंबल को शुद्ध रखने का प्रयास किया जाना चाहिए. सरकार को भी चाहिए कि वह चंबल को शुद्ध बनाने का प्रयास करे. वहीं पर्यावरण प्रेमियों ने चंबल नदी को पूरी तरह से निर्मल बनाने का संकल्प लिया.

स्टूडेंट ने कहा कि कोटा के बीच से निकलने वाली यह चंबल कोटा शहर के लिए जीवनदायिनी है. पूरे शहर में दो फिल्टर प्लांट से पानी सप्लाई होता है अगर चंबल इसी तरह गंदगी से जूझती रही, तो लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है.

कोटा. जिले में चंबल शुद्धिकरण अभियान के तहत शनिवार को पर्यावरण प्रेमी का कारवां नयापुरा चंबल की रियासत कालीन पुल के किनारे पहुंचा. जहां उन्होंने चंबल के किनारों पर फैली गंदगी को श्रमदान करते हुए नदी से बाहर निकाला.

पर्यावरण प्रेमियों ने चंबल नदी की सफाई

वहीं श्रमदान के दौरान देखने में आया नदी में बड़ी संख्या में पॉलिथीन अपशिष्ट के रूप में पड़ी थी. साथ ही नदी के किनारे संचालित होने वाली मीट मछली की दुकानों से निकलने वाला अपशिष्ट नदी में पड़ा हुआ था. जिसे पर्यावरण प्रेमियों और निजी कॉलेज के स्टूडेंट ने अपशिष्ट पदार्थ को नदी को संबल देते हुए बाहर किया.

पढ़ेंः अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कोटा नगर निगम की कार्रवाई

इस दौरान स्टूडेंट्स ने कहा कि यह काम 1 दिन का नहीं है, लगातार चंबल को शुद्ध रखने का प्रयास किया जाना चाहिए. सरकार को भी चाहिए कि वह चंबल को शुद्ध बनाने का प्रयास करे. वहीं पर्यावरण प्रेमियों ने चंबल नदी को पूरी तरह से निर्मल बनाने का संकल्प लिया.

स्टूडेंट ने कहा कि कोटा के बीच से निकलने वाली यह चंबल कोटा शहर के लिए जीवनदायिनी है. पूरे शहर में दो फिल्टर प्लांट से पानी सप्लाई होता है अगर चंबल इसी तरह गंदगी से जूझती रही, तो लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है.

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