कोटा. कोरोना महामारी के बाद अब ब्लैक फंगस भी महामारी के रूप में सामने आ चुकी है. इसके जो मरीज आ रहे हैं, उन्हें भी कोविड-19 की तरह दवा नहीं मिल पा रहा है. अस्पताल में मरीज भर्ती जरूर हो गए हैं, लेकिन दवा नहीं मिल पा रहा है. मरीज इसके लिए मेडिकल स्टोर के चक्कर लगा रहे हैं.
बता दें, मरीज के परिजन पूरे शहर के मेडिकल स्टोरों के चक्कर काट रहे हैं. अस्पताल भी उन्हें दवा उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है. केशोरायपाटन निवासी मरीज अनवर अली के परिजन मुस्ताक का कहना है कि वे 2 से 3 दिन से बाजार में इसके लिए दवा खोज रहे हैं, लेकिन एंफोटरइसिन और एम्फोटेट-बी दोनों ही दवा नहीं मिल पा रही है.
परिजन ने बताया कि मरीज का सर्जरी कर फंगस को निकाल दिया गया था. इसके बाद मरीज को दिखना भी बंद हो गया. उन्होंने कहा कि दवाई नहीं मिल पा रही है. अगर दवा आगे भी नहीं मिली तो संक्रमण फैलता जाएगा. जिससे मरीज की जान को खतरा है.
एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना का कहना है कि राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है. इसके लिए हमने एमबीएस अस्पताल में एक वार्ड संचालित किया जा रहा है. डॉक्टरों की पूरी एक कमेटी बना दी गई है, जो उपचार करेगी.
उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस मरीजों के लिए एक ऑपरेशन थिएटर भी संचालित किया है, लेकिन इनके उपचार में आने वाली लाइफोसोमल, प्लेन एंफोटरइसिन और एंफोटरइसिन-बी दवा खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि दवा का आर्डर हमने दे दिया है. साथ ही 200 इंजेक्शन खरीदने का प्रयास कर रहे हैं.