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कोटा : न्यू मेडिकल अस्पताल में एमआरआई बंद होने से मरीज हो रहे हैं परेशान

कोटा में अस्पताल की अनदेखी के चलते मरीजों को परेशानी हो रही है. शहर के तीनों बड़े अस्पताल में से न्यू मेडिकल अस्पताल में लगी मात्र एक एमआरआई मशीन काफी दिनों से बंद होने पर मरीज परेशान हो रहे है.वहीं पहले ही मरीजों को जांच के लिए एक माह का समय दिया गया लेकिन जब वह जांच के लिए अस्पताल पहुंचे तो मशीन खराब होने से निराश होकर लौट रहे हैं.अब मरीजों को महंगे दामों पर बाहर से एमआरआई करवानी पड़ रही है.

न्यू मेडिकल अस्पताल में एमआरआई बंद होने से मरीज हो रहे हैं परेशान
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Published : Jul 11, 2019, 11:10 AM IST

कोटा. शहर के सबसे बड़े तीन अस्पतालों में से न्यू मेडिकल अस्पताल में लगी एमआरआई मशीन काफी समय से बंद होने से मरीज परेशान हो रहे हैं.वहीं एमआरआई मशीन चालू करने के लिए सर्वर रूम में लगी बैटरियों का खत्म होना बताया जा रहा है.

न्यू मेडिकल अस्पताल में एमआरआई बंद होने से मरीज हो रहे हैं परेशान

बता दें कि तीनों अस्पतालों में एक ही एमआरआई मशीन होने से मरीजों को जांच के लिए करीब एक महीने की तारीख दी गई. जब मरीज लिखी तारीख पर पहुंचे तो पता चला कि मशीन बंद है. वहीं एमआरआई कराने आये 98 वर्षीय ब्रजमोहन शर्मा ने बताया कि डॉक्टर ने एमआरआई जांच के लिए लिखा तो यहां आए और इन्होंने वेटिंग के चलते एक महीने बाद की तारीख दी. जब लिखी तारीख पर अस्पताल पहुंचे तो पता चला यह बंद है.

मरीजों ने बताया कि इस जांच को बाहर से कराने पर ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं. वहीं अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि एमआरआई के सर्वर को चलाने के लिए बैटरी बैकअप खत्म हो जाने से यह स्थिति बनी है. विभाग ने सरकार को इसके लिये 6 महीने पहले ही पत्र लिखकर अवगत करा दिया ,लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं निकला. इसके चलते इसको बंद करना पड़ा है.

गौरतलब है कि सरकारी अस्पताल में एमआरआई करने पर 3500 रुपये लगते हैं और बीपीएल धारकों के लिए इसे निःशुल्क किया जाता है. वहीं बाहर से करवाने पर करीब 5000 रुपये से 800 रुपये देने होते हैं. वहीं बाहर से करवाने पर किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाती. जिससे गरीब तबके के लोग इसको बाहर से कराने में सक्षम नहीं होते.

कोटा. शहर के सबसे बड़े तीन अस्पतालों में से न्यू मेडिकल अस्पताल में लगी एमआरआई मशीन काफी समय से बंद होने से मरीज परेशान हो रहे हैं.वहीं एमआरआई मशीन चालू करने के लिए सर्वर रूम में लगी बैटरियों का खत्म होना बताया जा रहा है.

न्यू मेडिकल अस्पताल में एमआरआई बंद होने से मरीज हो रहे हैं परेशान

बता दें कि तीनों अस्पतालों में एक ही एमआरआई मशीन होने से मरीजों को जांच के लिए करीब एक महीने की तारीख दी गई. जब मरीज लिखी तारीख पर पहुंचे तो पता चला कि मशीन बंद है. वहीं एमआरआई कराने आये 98 वर्षीय ब्रजमोहन शर्मा ने बताया कि डॉक्टर ने एमआरआई जांच के लिए लिखा तो यहां आए और इन्होंने वेटिंग के चलते एक महीने बाद की तारीख दी. जब लिखी तारीख पर अस्पताल पहुंचे तो पता चला यह बंद है.

मरीजों ने बताया कि इस जांच को बाहर से कराने पर ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं. वहीं अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि एमआरआई के सर्वर को चलाने के लिए बैटरी बैकअप खत्म हो जाने से यह स्थिति बनी है. विभाग ने सरकार को इसके लिये 6 महीने पहले ही पत्र लिखकर अवगत करा दिया ,लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं निकला. इसके चलते इसको बंद करना पड़ा है.

गौरतलब है कि सरकारी अस्पताल में एमआरआई करने पर 3500 रुपये लगते हैं और बीपीएल धारकों के लिए इसे निःशुल्क किया जाता है. वहीं बाहर से करवाने पर करीब 5000 रुपये से 800 रुपये देने होते हैं. वहीं बाहर से करवाने पर किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाती. जिससे गरीब तबके के लोग इसको बाहर से कराने में सक्षम नहीं होते.

Intro:शहर में तीन बड़े अस्पतालो के बीच लगी एक मात्र एमआरआई मशीन वह भी बैटरी बैकअप नही मिलने से हुई बंद।
मरीज हो रहे है जांच करवाने में परेशान
मेडिकल कालेज में लगी हुई है एमआरआई।
कोटा में अस्पताल विभागों की अनदेखी के चलते मरीजो को हो रही है परेशानी। शहर के तीनों बड़े अस्पताल में न्यू मेडिकल अस्पताल में लगी मात्र एक एमआरआई मशीन काफी दिनों से बंद होने पर मरीज परेशान हो रहे है।वही पहले ही मरीनो को जांच के लिए एक माह का समय दिया गया लेकिन जब वह जांच के लिए अस्पताल पहुंचे तो मशीन खराब होने से निराश होकर लौट रहे हैं।वही मरीजो को महंगे दामो पर बाहर से एमआरआई करवाई जा रही है। अस्पताल प्रशासन इस ओर चुप बैठा हुआ है।
Body:कोटा शहर के सबसे बड़े तीन अस्पतालों में न्यू मेडिकल अस्पताल में लगी एमआरआई मशीन काफी समय से बंद होने से मरीज परेशान हो रहे हैं।वही एमआरआई मशीन चालू करने के लिए सर्वर रूम में लगी बैटरियों का खत्म होना बताया।तीनो अस्पतालों में एक ही एमआरआई मशीन होने से मरीजो को जांच के लिए करीब एक महीने की तारीख दी जा रही है।जब मरीज लिखी तारीख पर पहुचे तो पता चला कि मशीन बंद है।वही एमआरआई करानेआये 98 वर्षीय ब्रजमोहन शर्मा ने बताया कि डॉक्टर ने एमआरआई जांच के लिए लिखा तो यहां आए और इन्होंने वेटिंग के चलते एक महीने बाद की तारीख दी जब लिखी तारीख पर अस्पताल पहुंचे तो पता चला यह बंद है। मरीजो ने बताया कि इस जांच को बाहर से कराने पर ज्यादा पैसे देने पड़ते है।वही अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि एमआरआई के सर्वर को चलाने के लिए बैटरी बैकअप खत्म हो जाने से यह स्थिति बनी है विभाग ने सरकार को इसके लिये छै महीने पहले ही पत्र लिखकर अवगत करा दिया लेकिन अभी तक इसका समाधान नही निकला इसके चलते इसको बंद करना पड़ा।
Conclusion:ज्ञात रहे सरकारी अस्पताल में एमआरआई करने पर3500रुपये लगते है वही बीपीएल धारकों के लिए इसे निःशुल्क किया जाता है।वही बाहर से करवाने पर करीब 5000रुपये से800रुपये देने होते हैं।वही बाहर से करवाने पर किसी प्रकार की छूट नही की जाती।जिससे गरीब तबके के लोग इसको बाहर से कराने में सक्षम नही होते।
बाईट-ब्रजमोहन शर्मा, मरीज
बाईट-डॉ.सी.एस.सुशील, अधीक्षक, न्यू मेडिकल कालेज अस्पताल
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