कोटा. लॉकडाउन से उपजे हालातों के बीच कई सामाजिक संस्थाएं लोगों को भोजन पहुंचा रही है, जिला प्रशासन ने इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी संचालित किया हुआ है. जहां पर लगातार लोगों के फोन आ रहे हैं. जिस पर उन्हें प्रशासन भोजन पैकेट भी पहुंचा रहा है, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो पूर्णतया संपन्न है.
बता दें, कि जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने कहा, कि ऐसे लोगों की भी भर्त्सना करते हैं. कलेक्टर ने बताया कि कुन्हाड़ी के पंचवटी कॉलोनी की शिकायत उन्हें मिली थी कि लोगों को भोजन नहीं मिल रहा है. ऐसे में टीम को भोजन पहुंचाने के निर्देश दिए गए, लेकिन जब वहां गए, तो नया निर्मित दो मंजिला मकान था. साथ ही घर के बाहर 3 वाहन खड़े हुए थे, जो भी उन्हीं के थे. ये लोग सुविधा संपन्न थे. कलेक्टर कसेरा ने कहा, कि ऐसे लोगों को आपदा की घड़ी में प्रशासन का सहयोग करना चाहिए, क्योंकि सीमित संसाधनों में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचानी है. ऐसे में इस तरह के जो संपन्न लोग हैं, वह मदद ले लेंगे तो वंचित वर्ग तक मदद नहीं पहुंच पाएगी.
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5 लोगों के खिलाफ पहले भी हुई है कार्रवाई...
इसके पहले भी पांच लोगों ने राजस्थान सरकार की संपर्क हेल्पलाइन पर घरों पर राशन नहीं होने की शिकायत दी. जिसमें कहा, कि वह भूख से तड़प रहे हैं. 2 दिन से भोजन नहीं किया, ऐसे में जिला प्रशासन ने शिकायतों की पुष्टि की तो सामने आया कि शिकायत करने वाले 5 लोगों के घर पर पर्याप्त राशन मौजूद था. वह केवल और राशन चाहते थे, इसकी एवज में ही शिकायतें कर रहे थे. इनमें कच्ची बस्ती निवासी बसंत कुमार, प्रेमनगर प्रथम निवासी कालूराम, सलाम और आमिर खान और कंसुआ अफॉर्डेबल आवास योजना निवासी लेखराज ने ऑनलाइन शिकायत दी थी, लेकिन जब इनके घरों पर जांच की गई तो शिकायतें झूठी पाई गई. इनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी है.