कोटा. कोरोना की दूसरी लहर के चलते लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे थे, ऑक्सीजन सिलेंडर मिलना भी मुश्किल हो रहा था. इसके चलते कई मरीजों की मौत भी हुई है. हालांकि अब हालात सामान्य हो गए हैं. आसानी से मरीजों को बेड भी उपलब्ध हो रहे हैं और ऑक्सीजन मिलने में भी समस्या नहीं आ रही है. संक्रमितों की संख्या में भी गिरावट आई है.
मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों की बात की जाए तो वहां पर कोविड-19 की दूसरी लहर में सर्वाधिक 925 मरीज सभी संस्थानों में भर्ती हुए थे, जबकि यह संख्या अब घटकर 437 पहुंच गई है. कोविड-19 की दूसरी लहर के पीक के दौरान अप्रैल के अंतिम और मई के पहले सप्ताह में जहां रोज करीब 60 से लेकर 150 मरीजों तक की भर्ती हुई है, वहीं अब भर्ती मरीजों की संख्या महज 10 से 15 के बीच ही है. मरीजों की संख्या में भी लगातार कमी आ रही है.
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बंद किया कॉविड केयर सेंटर और डे केयर
मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में कुछ दिनों पहले मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं बची थी. आनन-फानन में ही मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने एग्जामिनेशन हॉल खोलकर वहां पर डे केयर की सुविधा शुरू कर दी थी. मरीजों की संख्या फिर भी बढ़ रही थी. ऐसे में कोटा विश्वविद्यालय के एकेडमिक ब्लॉक को अधिग्रहीत कर लिया गया था और उसमें कोविड-19 केयर सेंटर संचालित किया गया. यहां चार सौ बेड तक सुविधाएं जुटाई गईं थीं. हालांकि मरीज 100 से ज्यादा ही वहां पर भर्ती हुए. अब मरीजों की भर्ती बंद भी हो गई थी. ऐसे में कोटा विश्वविद्यालय के कोविड 19 केयर सेंटर को भी बंद कर दिया गया है. साथ ही डे केयर को एग्जामिनेशन हॉल में चलाया जा रहा था जो संक्रमितों की संख्या कम होने पर बंद कर दिया है.
11858 मरीज अब तक हुए भर्ती
मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में दूसरी लहर के दौरान 11858 मरीज उपचार के लिए भर्ती हुए थे. इनमें से 10672 मरीज डिस्चार्ज कर दिए गए साथ ही 177 मरीज रेफर हुए हैं. करीब 300 मरीजों के उपचार के दौरान मौत हुई है. इन मरीजों को मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल, सुपर स्पेशियिलिटी ब्लॉक, एमबीएस, रेलवे हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज एग्जामिनेशन हॉल और कोटा विश्वविद्यालय के कोविड-19 केयर सेंटर में भर्ती रखा गया था.
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अब एमबीएस अस्पताल को भी किया जाएगा कोविड-19 फ्री
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन अब तैयारी में जुटा हुआ है कि एमबीएस अस्पताल को भी कोविड-19 फ्री किया जाए. ताकि दूसरी बीमारियों के मरीजों का उपचार शुरू हो सकें. हालांकि बीते एक-दो दिन से एमबीएस अस्पताल में कोरोना के नए मरीज नहीं आ रहे हैं.
ऑक्सीजन की खपत भी आधी के आसपास
प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की जब डिमांड काफी ज्यादा थी. तब मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में करीब 2400 से ज्यादा सिलेंडर के बराबर ऑक्सीजन की खपत हो रही थी. अब इसमें धीरे-धीरे कमी आ गई है. अभी 1500 सिलेंडर के बराबर ऑक्सीजन की खपत आ रही है. इसमें मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में सुपर स्पेशयिलिटी ब्लॉक में 700 ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत हो रही है. जबकि नए अस्पताल की पूरी सप्लाई लिक्विड ऑक्सीजन के जरिए जा रही है, जो कि 4.25 हजार लीटर के आसपास है. जबकि नए अस्पताल में दूसरी लहर में जब सर्वाधिक मरीज थे, तब 7000 लीटर से भी ज्यादा ऑक्सीजन उपयोग में आ रही थी.