कोटा. एमबीएस अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही का मामला सामने आया है. जिसमें एक चाकूबाजी के पीड़ित बालक के शरीर में चाकू का टुकड़ा छोड़ दिया. जबकि चाकू का टुकड़ा शरीर से निकाला जाना था, लेकिन चिकित्सकों ने उसे ऐसे ही घर भेज दिया. जिसके चलते उसके संक्रमण फैल गया है. अब जब यह बात अस्पताल प्रबंधन के सामने आई है, तो इस मामले में तीन सदस्य कमेटी बनाकर जांच करवाई जा रही है.
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मामले के अनुसार बीती 1 मार्च को बोम्बे योजना निवासी 14 वर्षीय फैजल चाकूबाजी के दौरान घायल हो गया था. चाकू पेट में घुसने के कारण घाव गहरा हो गया था. परिजन गंभीर अवस्था में फैजल को एमबीएस अस्पताल लेकर आए थे, जहां चिकित्सकों ने देर रात को ही उसके पट्टी बांधकर घर भेज दिया.
जब दूसरे दिन भी अस्पताल में दिखाने पहुंचा तब भी इसी लापरवाही को दोहराया गया. फैजल के हाथ से पट्टी हटाकर दूसरी पट्टी बांधकर उसे घर भेज दिया गया. साथ ही कहा गया कि छोटा सा घाव है, ठीक हो जाएगा. लेकिन जब 10 दिन तक भी घाव नहीं भरा और उसमें मवाद पड गई तो उसे फिर से एमबीएस में दिखाया गया. एक्सरे करने पर सारी हकीकत सामने आई. चाकू का टुकड़ा हाथ के अंदर ही दिखाई दिया, जिसे देखकर परिजनों के होश उड़ गए.
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मामले में एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना का कहना है कि उन्होंने भी फैजल की फाइल देखी है. जिसमें 1 व 2 मार्च को वह अपने परिजनों के साथ दिखाने आया है, लेकिन यह लापरवाही कैसे हो गई समझना होगा. इस मामले में तीन सदस्य चिकित्सकों के कमेटी गठित कर दिया. जिसमें ऑर्थोपेडिक्स, जनरल सर्जरी और फॉरेंसिक मेडिसिन के एक चिकित्सक शामिल है. उनकी रिपोर्ट के बाद ही तय होगा कि किसकी लापरवाही रही है.