कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट का रिजल्ट 7 सितंबर को जारी (NEET UG 2022 results) होगा. एनटीए ने आंकड़ों के अनुसार इस परीक्षा में 18 लाख 72 हजार विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इसके आधार पर देश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल संस्थानों व आयुष कोर्सेज की एमबीबीएस, बीडीएस व आयुष यूजी सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा. नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया से संबंधित कुछ नर्सिंग संस्थानों की बीएससी नर्सिंग सीटों पर भी प्रवेश मेरिट सूची के आधार पर ही दिया जाएगा.
बता दें कि यह परीक्षा 17 जुलाई को आयोजित की गई थी, जिसमें कुछ सेंटर पर प्रश्न पत्र बांटने में गड़बड़झाला हो गया था. जिसके चलते देशभर के 6 सेंटर पर दोबारा री नीट यूजी परीक्षा आयोजित की गई. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि एम्स संस्थानों, जिप्मेर पुडुचेरी व कराईकाल, आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) पुणे, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) सहित देशभर के सभी मेडिकल संस्थानों की एमबीबीएस सीट में शामिल है. इसके अलावा कई विदेशी मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी नीट यूजी प्रवेश परीक्षा की एलिजिबिलिटी कटऑफ क्लियर होने पर ही एमबीबीएस में प्रवेश देती है.
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शर्मा ने बताया कि एलिजिबिलिटी कट ऑफ परसेंटाइल में है. यानी कि सापेक्ष है. यही कारण है कि एलिजिबिलिटी परसेंटाइल से संबंधित अंक, प्रथम रैंक हासिल करने वाले विद्यार्थी व अन्य विद्यार्थियों की परफॉर्मेंस के आधार पर हर साल बदलते हैं. नीट यूजी प्रवेश परीक्षा के पूर्णांक 720 होते हैं. ऐसी स्थिति में इतने मामूली अंको पर भी विद्यार्थी को नीट एलिजिबिल अर्थात सेंट्रल व स्टेट काउंसलिंग के आधार पर एमबीबीएस बीडीएस सीटों पर प्रवेश के लिए पात्र घोषित किया जाता हैं.
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एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश से 40 हजार करोड़ की फीसः शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में देश के 612 मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस की 92 हजार से अधिक सीटें हैं. इन सीटों में से लगभग 50 हजार सीटें निजी मेडिकल संस्थानों की हैं. जिनकी साढ़े पांच साल की फीस 50 लाख से एक करोड़ रुपए है. ऐसे में औसत माना जाए तो करीब 75 लाख प्रति सीट फीस देनी होती है. ऐसे में इन सीटों पर प्रवेश लेने के बाद विद्यार्थी करीब 38 हजार करोड़ रुपए फीस के रूप में अगले 5 साल में देंगे. इसके अलावा सरकारी संस्थानों में भी ढाई लाख से लेकर 20 लाख रुपए तक फीस है. इनका औसत भी सालाना ढाई लाख के आसपास आता है. जिनसे पांच साल में 1 हजार करोड़ की आय होगी. इसीलिए सरकारी सीटों पर प्रवेश के लिए मारामारी रहती है. निजी सीटों पर फीस ज्यादा होने के चलते मामूली अंको से पास विद्यार्थी भी प्रवेश ले लेते हैं.
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नीट यूजी एलिजिबिलिटी कटऑफ :
- जनरल -50 परसेंटाइल
- जनरल पीडब्ल्यूडी- 45 परसेंटाइल
- ओबीसी, एससी, एसटी व पीडब्ल्यूडी- 40 परसेंटाइल
महज 15 फीसदी अंक पर मिल रहा है प्रवेश :
- बीते साल 2021 में जनरल-138 अंक, जनरल पीडब्ल्यूडी-122, ओबीसी, एससी, एसटी व पीडब्ल्यूडी कैटेगरी-108 अंक
- साल 2020 में जनरल-147 अंक, जनरल पीडब्ल्यूडी-129 व ओबीसी, एससी, एसटी व पीडब्ल्यूडी में-113 अंक
- 2019 में जनरल-134 अंक, जनरल पीडब्ल्यूडी-120 व ओबीसी, एससी, एसटी व पीडब्ल्यूडी कैटेगरी-107 अंक