कोटा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. इसके बाद अब मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा नीट यूजी 2021 की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए असमंजस और हो गया है क्योंकि 12वीं की परीक्षा में प्रतिशत की बाध्यता थी.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि आमतौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी आयोजित की जाने वाली प्री-बोर्ड व अन्य परीक्षाओं पर अधिक फोकस नहीं करते हैं. उनका प्री-बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम कमजोर रहता है. अब क्योंकि बोर्ड परीक्षा का परिणाम वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्री-बोर्ड परीक्षा के परिणाम के आधार पर तैयार किया जाना है, ऐसे में इन विद्यार्थियों को यह चिंता सताने लगी है कि कहीं बारहवीं बोर्ड परीक्षा में उनका प्रतिशत नीट-यूजी की पात्रता शर्तों के अनुसार कम न रह जाए और वे अपनी पात्रता खो दें.
देव शर्मा ने पात्रता खोने के डर से चिंतित ऐसे सभी विद्यार्थियों को स्पष्ट किया कि इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन व एडवांस की तर्ज पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी नीट यूजी 2021 के लिए बोर्ड प्रतिशत की बाध्यता हटा ली जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं भी होता है तो भी मेडिकल परीक्षार्थियों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जारी किए गए परिणाम से असंतुष्ट होने पर विद्यार्थियों के लिए एक विशेष व्यवस्था की गई है.
इस व्यवस्था के तहत अनुकूल परिस्थितियां होने पर यह विद्यार्थी 12वीं बोर्ड की परीक्षा दे सकेंगे. इनके पास अपने परीक्षा परिणाम को बेहतर करने का एक अवसर होगा. भविष्य में अनुकूल समय पर आयोजित की जाने वाली बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर इन विद्यार्थियों के लिए नीट-यूजी की पात्रताहासिल करने का एक अवसर उपलब्ध होगा.
देव शर्मा ने बताया कि 12वीं बोर्ड सीबीएसई की परीक्षा वर्ष 2020 में उत्तीर्ण कर चुके ऐसे विद्यार्थी जो नीट यूजी के लिए बोर्ड प्रतिशत की पात्रता हासिल नहीं कर सके थे. जबकि वर्ष 2021 में इंप्रूवमेंट परीक्षा देकर पात्रता हासिल करना चाहते थे, ऐसे सभी विद्यार्थी इस समय पशोपेश की स्थिति में है.
शर्मा का कहना है कि ऐसे सभी स्टूडेंट यदि नीट यूजी 2021 के लिए बोर्ड प्रतिशत की बाध्यता समाप्त नहीं की गई, तो उनकी सालभर की मेहनत व्यर्थ हो जाएगी क्योंकि बोर्ड परीक्षा रद्द होने के कारण अब इंप्रूवमेंट एग्जाम नहीं होंगे. वे बोर्ड प्रतिशत की पात्रता हासिल नहीं कर पाएंगे.
देव शर्मा ने बताया कि सीबीएसई नई दिल्ली व नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए को आपसी सामंजस्य के साथ इन विद्यार्थियों के विषय में सोचना होगा. बता दें कि वर्ष 2020 तक 12वीं बोर्ड-प्रतिशत की बाध्यता थी. सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों हेतु फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा बायोलॉजी में एग्रीगेट 50 फीसदी अंक व ओबीसी, एससी एवं एसटी कैटेगरी में 40 फीसदी अंक आवश्यक थे.