कोटा: NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) ने देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2021 के परीक्षा परिणाम जारी करने के टाई-ब्रेकिंग क्राइटेरिया में बड़ा बदलाव किया है. साल 2020 तक नीट यूजी प्रवेश परीक्षा में दो या दो से अधिक कैंडीडेट्स के सभी स्कोर समान होने पर अधिक उम्र के विद्यार्थी को बेहतर रैंक दी जाती थी, लेकिब अब 2021 में ऐसा नहीं होगा. दोनों स्टूडेंट्स को समान रैंक दी जाएगी.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि साल 2020 तक नीट यूजी प्रवेश परीक्षा में दो या दो से अधिक कैंडीडेट्स के सभी स्कोर समान होने पर अधिक उम्र के विद्यार्थी को बेहतर रैंक प्रदान की जाती थी, लेकिब अब 2021 में ऐसा नहीं होगा. दोनों स्टूडेंट्स को समान रैंक दी जाएगी.
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देव शर्मा ने बताया कि पिछले साल नीट यूजी 2020 में दो विद्यार्थियों शोएब आफताब और आकांक्षा सिंह ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए थे. टाई-ब्रेकिंग क्राइटेरिया से दोनों विद्यार्थियों के अंकों की तुलना सर्वप्रथम बायोलॉजी, फिर केमिस्ट्री विषय में की गई. ये समान मिलने पर इनकरेक्ट-आंसर से करेक्ट-आंसर के अनुपात की तुलना की गई. प्रत्येक कसौटी पर इनका स्कोर समान पाया गया.
ऐसी स्थिति में टाई-ब्रेकिंग क्राइटेरिया के अंतिम नियमानुसार कोटा से कोचिंग कर रहे शोएब आफताब की उम्र अधिक होने पर उसे फर्स्ट-रैंक दी गई. वहीं आकांक्षा सिंह को द्वितीय स्थान मिला. साल 2020 से ही अधिक उम्र को बेहतर रैंक के इस नियम पर शिक्षाविदों ने सवाल उठाए थे.
देव शर्मा ने बताया कि टाई-ब्रेकिंग क्राइटेरिया के नए नियम में दो या दो से अधिक विद्यार्थी नीट यूजी 2021 में समान स्कोर करते हैं तो सबसे पहले बॉटनी और जूलॉजी यानी 'बायोलॉजी' में अधिक स्कोर करने वाले विद्यार्थी को बेहतर रैंक प्रदान की जाएगी. यह अंक भी समान हैं तो 'केमिस्ट्री' में अधिक स्कोर करने वाले विद्यार्थी को बेहतर रैंक प्रदान की जाएगी.
अब यदि केमिस्ट्री में भी स्कोर समान है तो प्रश्न पत्र में अटेंप्ट किए गए प्रश्नों में से गलत और सही उत्तरों के अनुपात पर फैसला होगा. कम-अनुपात वाले विद्यार्थी को बेहतर रैंक प्रदान कर दी जाएगी. ऐसे में टॉपर्स को बेहतर रैंक हासिल करने के लिए नेगेटिव मार्किंग पर कंट्रोल रखना होगा.