कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने देश के नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट ( NEET UG 2022) को 6 परीक्षा केंद्रों पर फिर से एग्जाम करवाने की घोषणा कर दी है. नीट यूजी परीक्षा को वन नेशन वन एग्जाम बोला जाता है, लेकिन जब 4 सितंबर को दूसरा एग्जाम होगा, उसमें एग्जाम पेपर नया होगा. ऐसे में इस साल भी वन नेशन वन एग्जाम नहीं हो (NEET One Nation one exam failed again) पाएगा.
विदेशी परीक्षा केंद्रों पर दिया था दूसरा पेपर: कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट परिजात मिश्रा ने बताया कि पहले भी आयोजित हुई परीक्षाओं में इसी तरह से दोबारा परीक्षा देने वाले छात्रों के अलग पेपर दिया गया था. उनका कहना है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी वन नेशन वन एग्जाम की बात करती है, लेकिन इस बार 17 जुलाई को देश-विदेश के 497 शहरों के 3570 परीक्षा केंद्रों पर एग्जाम लिया गया था. जिसमें भारत के 483 परीक्षा शहरों के अलावा 14 विदेशी शहरों में भी परीक्षा आयोजित की गई थी.
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भारतीय शहरों में एक ही तरह का पेपर विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाना था, लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में गलती से दुबई में होने वाली परीक्षा का पेपर दे दिया गया था. वहीं, भारत और विदेश में पहली बार अलग-अलग पेपर बांटा गया. जिसमें प्रश्न भी अलग-अलग पूछे गए थे. ये परीक्षा अबूधाबी, बैंकॉक, कोलंबो, दोहा, काठमांडू, कुआलालंपुर, लागोस, मनामा, मस्कट, रियाद, शारजाह और सिंगापुर जैसे शहरों में भी आयोजित की गई. हालांकि, इन सब जगहों पर भारतीय छात्र ही परीक्षाएं देते हैं.
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मेडिकल एंट्रेंस में दोबारा एग्जाम का भी है लंबा इतिहास:
- नीट यूजी के पहले ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट आयोजित किया जाता था. ऐसे में 2004 में पेपर आउट होने पर सभी स्टूडेंट के लिए इसे दोबारा करवाया गया था.
- साल 2015 में एआईपीएमटी का 3 मई को हुआ पेपर आउट हो गया था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, कोर्ट ने दोबारा परीक्षा के निर्देश दिए. इसलिए 25 जुलाई, 2015 में सभी विद्यार्थियों की दोबारा परीक्षा ली गई.
- साल 2016 में एआईपीएमटी की परीक्षा 1 मई को होनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ही एआईपीएमटी को हटाकर नीट यूजी को मान्यता दे दी थी. ऐसे में 1 मई वाली परीक्षा को नीट यूजी वन माना गया. छूट गए विद्यार्थियों के लिए 24 जुलाई को नीट यूजी 2 परीक्षा हुई थी. हालांकि इसमें पहले परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को छूट दी गई थी कि वह इसमें भाग ले भी सकते हैं और नहीं भी.
- साल 2019 में फनी साइक्लोन के चलते उड़ीसा और बेंगलुरु में ट्रेन देरी से पहुंचने के चलते कई विद्यार्थी 5 मई को परीक्षा देने से चूक गए थे. ऐसे में इन विद्यार्थियों के लिए दोबारा परीक्षा 20 मई को आयोजित की गई थी.
- साल 2020 में भी कोविड-19 के चलते पॉजिटिव स्टूडेंट 13 सितंबर को परीक्षा नहीं दे पाए थे. ऐसे विद्यार्थियों के लिए दोबारा 14 अक्टूबर को परीक्षा आयोजित की गई थी.
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(जैसा कि एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया)