कोटा. जालोर के घटनाक्रम (Jalore Dalit Student Death Case) को लेकर बारां की अटरू बारां विधानसभा सीट से एमएलए और कांग्रेस जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने सबसे पहले अपनी ही सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने राजस्थान में दलित वर्ग के साथ अत्याचार बढ़ने की बात कही थी. साथ ही बतौर विधायक इस्तीफा भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भेजा था. अब विधायक पानाचंद के नाम से ही सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हो रही है. जिनसे जाहिर होता है कि सरकार की कार्यशैली से वो संतुष्ट नहीं हैं और मुखर विरोध कर रहे हैं. इन पोस्ट्स से एमएलए पानाचंद ने पल्ला झाड़ा है और इन्हें फेक करार दिया है.
पोस्ट्स में क्या?: अटरू बारां विधायक पानाचंद मेघवाल (MLA panachand Meghwal) के नाम से किए गए सोशल मीडिया पोस्ट में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार करने पर कांग्रेस सरकार को मनुवादी और सामंतवादी बताया है. साथ ही लिखा है कि सभी एससी एसटी के विधायक अपने जमीर को जगा कर सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार हों.इसी तरह से दूसरी सोशल मीडिया पोस्ट में बीजेपी और कांग्रेस के लिए एससी एसटी को वोट बैंक बताया है. लिखा है-उनके लिए एससी एसटी की जान की कोई कीमत नहीं है. इसके साथ ही बीजेपी और कांग्रेस के दलित नेताओं को पालतू और चमचा बताते हुए सबक सिखाने की अपील की है.
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कानूनी कार्रवाई की चेतावनी: इन पोस्ट्स के चौतरफा वायरल होते ही मेघवाल ने इनका विरोध शुरू कर दिया. उन्होंने अपने अकाउंट से एक और पोस्ट डाली और इसे फेक बताया. उन्होंने कहा कि ये ट्वीट उनके नहीं हैं. फर्जी आईडी बनाकर ट्वीट किए गए हैं. साथ ही उन्होंने लिखा है कि मेरा इन फर्जी अकाउंट से कोई संबंध नहीं है. ये मेरे नाम से संचालित किए जा रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
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आपको बता दें कि विधायक पानाचंद मेघवाल ने जालोर पहुंचकर पीड़ित दलित परिवार से भी मुलाकात की थी. यहीं उन्होंने कहा था कि अगर राज्य सरकार ने मुआवजा और सरकारी नौकरी की घोषणा कर दी तो वो अपना इस्तीफा भी वापस ले लेंगे.