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नामांकन रैली में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के मामले में विधायक दिलावर को CID-CB ने माना दोषी

कोटा के रामगंजमंडी कस्बे में विधानसभा चुनाव की नामांकन रैली के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले नारे लगवाने के मामले में सीआईडी सीबी ने मदन दिलावर को दोषी मान लिया है. सीआईडी सीबी ने चालान के निर्णय के साथ पत्रावली कोटा ग्रामीण पुलिस को लौटा दी है.

विधायक मदन दिलावर दोषी, Kota News
विधायक मदन दिलावर दोषी
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Published : Jan 31, 2020, 10:30 PM IST

Updated : Jan 31, 2020, 11:00 PM IST

कोटा. भाजपा विधायक मदन दिलावर की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती है. रामगंजमंडी कस्बे में विधानसभा चुनाव की नामांकन रैली के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले नारे लगवाने के मामले में सीआईडी सीबी ने जांच में भाजपा विधायक मदन दिलावर को दोषी मान लिया है. साथ ही सीआईडी सीबी ने चालान के निर्णय के साथ पत्रावली कोटा ग्रामीण पुलिस को लौटा दी है.

विधायक मदन दिलावर दोषी

बता दें कि यह प्रकरण रामगंजमंडी के तत्कालीन एसएचओ हीरालाल सैनी की रिपोर्ट पर दर्ज हुआ था. फाइल मिलने के साथ ही पुलिस ने गृह विभाग से अभियोजन स्वीकृति मांगी है. जानकारी के अनुसार अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद विधायक मदन दिलावर इस प्रकरण में गिरफ्तार हो सकते हैं, क्योंकि गैर जमानती धाराओं में चालान पेश करने का निर्णय किया गया है.

पढ़ें- चीन में रहने वाले भारतीयों को भारत सरकार करेगी एयरलिफ्ट, अलवर सहित भारत में बनाए गए 3 सेंटर

विधायक बनते ही सीआईडी सीबी में चली गई फाइल

प्रकरण में एसएचओ की रिपोर्ट पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं 125 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. शुरुआती दौर में इसकी जांच पुलिस ने की, लेकिन बाद में मदन दिलावर निर्वाचित हो गए तो फाइल सीआईडी सीबी के पास चली गई. उसके बाद कोटा की सीआईडी सीबी ने इसकी जांच की. सीआईडी सीबी ने जांच में सभी आरोप को प्रमाणित मानते हुए फाइनल मुख्यालय भेज दी. मुख्यालय से चालान आदेश के साथ फाइल रामगंजमंडी थाने को मिली.

रिटर्निंग अधिकारी ने भी कराई थी जांच

14 नवंबर 2018 को मदन दिलावर की नामांकन रैली के लिए रिटर्निंग अधिकारी से स्वीकृति भी ली गई थी. लेकिन रैली में डीजे पर धार्मिक द्वेषता फैलाने वाले और ऐसे विवादित गाने बजाए गए, जिससे माहौल बिगड़ सकता था. जब इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो कस्बे में द्वेषता का वातावरण उत्पन्न हो गया. मामले में रिटर्निंग अधिकारी के स्तर पर भी जांच कराई गई थी, जिसमें मदन दिलावर को दोषी माना गया था.

कोटा. भाजपा विधायक मदन दिलावर की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती है. रामगंजमंडी कस्बे में विधानसभा चुनाव की नामांकन रैली के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले नारे लगवाने के मामले में सीआईडी सीबी ने जांच में भाजपा विधायक मदन दिलावर को दोषी मान लिया है. साथ ही सीआईडी सीबी ने चालान के निर्णय के साथ पत्रावली कोटा ग्रामीण पुलिस को लौटा दी है.

विधायक मदन दिलावर दोषी

बता दें कि यह प्रकरण रामगंजमंडी के तत्कालीन एसएचओ हीरालाल सैनी की रिपोर्ट पर दर्ज हुआ था. फाइल मिलने के साथ ही पुलिस ने गृह विभाग से अभियोजन स्वीकृति मांगी है. जानकारी के अनुसार अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद विधायक मदन दिलावर इस प्रकरण में गिरफ्तार हो सकते हैं, क्योंकि गैर जमानती धाराओं में चालान पेश करने का निर्णय किया गया है.

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विधायक बनते ही सीआईडी सीबी में चली गई फाइल

प्रकरण में एसएचओ की रिपोर्ट पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं 125 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. शुरुआती दौर में इसकी जांच पुलिस ने की, लेकिन बाद में मदन दिलावर निर्वाचित हो गए तो फाइल सीआईडी सीबी के पास चली गई. उसके बाद कोटा की सीआईडी सीबी ने इसकी जांच की. सीआईडी सीबी ने जांच में सभी आरोप को प्रमाणित मानते हुए फाइनल मुख्यालय भेज दी. मुख्यालय से चालान आदेश के साथ फाइल रामगंजमंडी थाने को मिली.

रिटर्निंग अधिकारी ने भी कराई थी जांच

14 नवंबर 2018 को मदन दिलावर की नामांकन रैली के लिए रिटर्निंग अधिकारी से स्वीकृति भी ली गई थी. लेकिन रैली में डीजे पर धार्मिक द्वेषता फैलाने वाले और ऐसे विवादित गाने बजाए गए, जिससे माहौल बिगड़ सकता था. जब इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो कस्बे में द्वेषता का वातावरण उत्पन्न हो गया. मामले में रिटर्निंग अधिकारी के स्तर पर भी जांच कराई गई थी, जिसमें मदन दिलावर को दोषी माना गया था.

Intro:नामांकन रैली में सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने वाले नारे लगाने के मामले में विधायक दिलावर दोषी।सीआईडी सीबी के बाद चालान आदेश के साथ पुलिस को लौटाई फाइल।
कोटा रामगंजमंडी से भाजपा विधायक मदन दिलावर की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती है।रामगंजमंडी कस्बे में विधानसभा चुनाव की नामांकन रैली के दौरान सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने वाले नारे लगवाने के मामले सीआईडी सीबी ने जांच में दिलावर को दोषी मान लिया है और चालान के निर्णय के साथ पत्रावली कोटा ग्रामीण पुलिस को लौटा दी है।यह प्रकरण रामगंजमंडी के तत्कालीन एसएचओ हीरालाल सैनी की रिपोर्ट पर दर्ज हुआ था।
Body:फाइल मिलने के साथ ही पुलिस ने गृह विभाग से अभियोजन स्वीकृति मांगी है।सूत्रों की माने तो अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद दिलावर को इस प्रकरण में गिरफ्तार होना पड़ेगा, क्योकि गैरजमानती धाराओं में चालान पेश करने का निर्णय हुआ है।
विधायक बनते ही सीआईडी सीबी में चली गई फाइल:-
प्रकरण में एसएचओ की रिपोर्ट पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं 125 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी,शुरुआती दौर इसकी जांच पुलिस ने की बाद में दिलावर निर्वाचित हो गए तो फाइल सीआईडी सीबी को चली गई।सीआईडी सीबी कोटा ने इसकी जांच की ओर सभी आरोप प्रमाणित मानते हुए फाइनल मुख्यालय भेज दी।जंहा से चालान आदेश के साथ फाइल रामगंजमंडी थाने को मिली।
Conclusion:रिटर्निंग अधिकारी ने भी कराई थी जांच:-
बता दें कि14 नवंबर2018 को दिलावर की नामांकन रैली निकाली गई थी रैली के लिए रिटर्निंग अधिकारी से स्वीकृति भी ली गई थी।रैली में डीजे पर धार्मिक द्वेषता फैलाने वाले व ऐसे विवादित गाने बजाए गए, जिससे माहौल बिगड़ सकता था।जब इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो कस्बे में द्वेषता का वातावरण उत्पन्न हो गया।मामले में रिटर्निंग अधिकारी के स्तर पर भी जांच कराई गई थी, जिसमे दिलावर को दोषी माना था।
Last Updated : Jan 31, 2020, 11:00 PM IST
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