कोटा. भरतपुर के पहाड़ी इलाकों में अवैध खनन को लेकर साधु-संत आंदोलनरत हैं और इसी बीच 551 दिन से आंदोलनरत एक साधु ने गुरुवार को आत्मदाह का प्रयास किया. इसके बाद सरकार ने त्वरित एक्शन लेते हुए अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. अब इसी राह पर कोटा जिले के सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह (mla bharat singh letter to cm gehlot) भी चल सकते हैं. उन्होंने खुद इसकी चेतावनी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में भी दी है. उन्होंने भी अवैध खनन का मुद्दा उठाया है.
इसके लिए उन्होंने प्रदेश के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को जिम्मेदार बताया है. पत्र में मंत्री भाया पर आरोप लगाते हुए उन्हें प्रदेश का सबसे बड़ा खनन माफिया भी कहा है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब विधायक भरत सिंह ने मंत्री भाया पर आरोप लगाए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस मसले को लेकर पत्र भी लिखा है. इसके पहले भी कई मुद्दों में वह प्रमोद जैन भाया को निशाने पर ले चुके हैं.
पत्र में भाया को बताया खनन माफिया...
विधायक भरत सिंह ने पत्र में लिखा है कि अवैध खनन का सीधा संबंध गुंडागर्दी से है. शासन के संरक्षण के बिना यह संभव नहीं हो सकता है. साधु के आत्महत्या के प्रयास के बाद आपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला कलेक्टर व प्रशासन ने खनन माफिया को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के खनिज मंत्री प्रमोद जैन भाया भी मौजूद थे. विधायक ने लिखा है कि प्रदेश के सबसे बड़े खनन माफिया खनिज मंत्री ही हैं. इन्होंने अवैध खनन में अपने गृह जिले बारां में ही रिकॉर्ड कायम किया है. बारां में छांट कर सभी भ्रष्ट अधिकारी कलेक्टर, मंडल वन अधिकारी और अन्य उच्च पदों पर नियुक्त किए जाते हैं. जंगल, जमीन, नदी व नालों पर अवैध खनन करवाकर भ्रष्टाचार किया गया है. बारां में अवैध खनन के कारण कई लोग जान गंवा चुके हैं. उन्होंने सीएम को यह भी लिखा है कि इसके पहले सोरसन और गोडावण संरक्षण को लेकर भी पत्र लिख चुका हूं. अवैध खनन को रोकने का एकमात्र मार्ग अगर भरतपुर के साधु वाला ही है, तो मुझे इस कारगर मार्ग पर चलकर आप तक बात पहुंचानी न पड़े तो बेहतर होगा.