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एमबीएस अस्पताल ने स्थापित किए कीर्तिमान, दो बच्चों को दी रोशनी

कोटा जिले के हाड़ौती क्षेत्र के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल में पहली बार दो बच्चों का नेत्र ऑपरेशन कर कीर्तिमान स्थापित कर दिखाया. बता दें कि दोनों बच्चे जन्म से ही नहीं देख पा रहे थे. नेत्र विभाग के सर्जन डॉक्टर निजामुद्दीन ने बताया कि इस प्रकार का ऑपरेशन एमबीएस अस्पताल में पहली बार हुआ है.

दो बच्चों का नेत्र ऑपरेशन, Eye operation of two children
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Published : Sep 13, 2019, 5:49 PM IST

कोटा. जिले के एमबीएस अस्पताल में 2 बच्चों की आंखों का ऑपरेशन कर कीर्तिमान स्थापित किया है. बता दें कि जो बच्चे जन्म से ही नहीं देख पा रहे थे शुक्रवार को उनका ऑपरेशन कर आंखों की रोशनी लौट आई. एमबीएस अस्पताल के नेत्र विभाग ने दोनों बच्चों का सफल ऑपरेशन कर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिखाया.

एमबीएस अस्पताल ने स्थापित किए कीर्तिमान

एमबीएस अस्पताल के नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष जय श्री सिंह ने बताया कि झालावाड़ रोड स्थित मूक बधिर स्कूल में कैंप लगाया गया था. उन्होंने बताया कि वहां 5 बच्चों ने नेत्र जांच करवाई जिसमें 2 बच्चे ऐसे थे जिनको बचपन से ही नहीं दिखता था. विभागाध्यक्ष ने बताया कि दोनों बच्चों को जांच के आधार पर एमबीएस अस्पताल में ऑपरेशन कर इनकी आंखों की रोशनी लौट आई.

पढ़ें- सीकर: सरकारी स्कूल के बच्चों को लेकर जा रही गाड़ी पलटी, 18 बच्चे घायल

नेत्र विभाग के सर्जन डॉक्टर निजामुद्दीन ने बताया कि दोनों का ऑपरेशन एक रेयर केस था. इसमें मोतियाबिंद हटाने के साथ-साथ पीछे की झिल्ली को भी काटा गया. उन्होंने बताया कि इसमें दुबारा मोतियाबिंद बनने की संभावना जीरो हो जाती है. सर्जन ने बताया कि इस प्रकार का ऑपरेशन एमबीएस अस्पताल में पहली बार हुआ है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने नेत्र विभाग के सभी डॉक्टर को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी सर्जरी जितनी जल्दी हो सके उतना उन्होंने किया और अब दोनों बच्चे देख सकते हैं.

कोटा. जिले के एमबीएस अस्पताल में 2 बच्चों की आंखों का ऑपरेशन कर कीर्तिमान स्थापित किया है. बता दें कि जो बच्चे जन्म से ही नहीं देख पा रहे थे शुक्रवार को उनका ऑपरेशन कर आंखों की रोशनी लौट आई. एमबीएस अस्पताल के नेत्र विभाग ने दोनों बच्चों का सफल ऑपरेशन कर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिखाया.

एमबीएस अस्पताल ने स्थापित किए कीर्तिमान

एमबीएस अस्पताल के नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष जय श्री सिंह ने बताया कि झालावाड़ रोड स्थित मूक बधिर स्कूल में कैंप लगाया गया था. उन्होंने बताया कि वहां 5 बच्चों ने नेत्र जांच करवाई जिसमें 2 बच्चे ऐसे थे जिनको बचपन से ही नहीं दिखता था. विभागाध्यक्ष ने बताया कि दोनों बच्चों को जांच के आधार पर एमबीएस अस्पताल में ऑपरेशन कर इनकी आंखों की रोशनी लौट आई.

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नेत्र विभाग के सर्जन डॉक्टर निजामुद्दीन ने बताया कि दोनों का ऑपरेशन एक रेयर केस था. इसमें मोतियाबिंद हटाने के साथ-साथ पीछे की झिल्ली को भी काटा गया. उन्होंने बताया कि इसमें दुबारा मोतियाबिंद बनने की संभावना जीरो हो जाती है. सर्जन ने बताया कि इस प्रकार का ऑपरेशन एमबीएस अस्पताल में पहली बार हुआ है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने नेत्र विभाग के सभी डॉक्टर को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी सर्जरी जितनी जल्दी हो सके उतना उन्होंने किया और अब दोनों बच्चे देख सकते हैं.

Intro:एमबीएस अस्पताल में दो बच्चों की आंखों का ऑपरेशन कर कीर्तिमान स्थापित किया जो बच्चे जन्म से ही नहीं देख पा रहे थे आज उनका ऑपरेशन कर आंखों की रोशनी लौट आई अब वह दुनिया देख सकते हैं एमबीएस अस्पताल के नेत्र विभाग ने दोनों बच्चों को सफल ऑपरेशन कर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिखाया।

Body:एमबीएस अस्पताल की नेत्र विभाग की विभागाध्यक्ष जय श्री सिंह ने बताया कि झालावार रोड स्थित मुक बधिर स्कूल में कैंप लगाया था वहां से 5 बच्चों का नेत्र जांच करवाई जिसमें 2 बच्चे ऐसे रेयर केस थे कि इनको बचपन से ही नहीं दिखता था इनकी जांच की गई जांच के आधार पर इनको एमबीएस में ऑपरेशन कर इनकी आंखों की रोशनी लौट आई अब अब दोनों दुनिया देख सकते हैं। वही नेत्र विभाग के सर्जन डॉक्टर निजामुद्दीन ने बताया कि दोनों का ऑपरेशन एक रेयर केस था इसमें मोतियाबिंद हटाने के साथ-साथ पीछे की झिल्ली को भी काटा गया इसमें दुबारा मोतियाबिंद बनने की समस्या जीरो हो जाती है छोटे बच्चों में लेंस डालने के बाद वह झिल्ली बड़े नहीं जिससे मुझे बिन बनता है वह दोबारा ना हो इसके लिए उसकी झिल्ली को उसी से में काटा गया उन्होंने बताया कि इस प्रकार का ऑपरेशन एमबीएस अस्पताल में पहली बार हुआ है मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने नेत्र विभाग के सभी डॉक्टर को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी सर्जरी जितनी जल्दी हो सके उतना उन्होंने किया और अब दोनों बच्चे देख सकते हैं इसके लिए इस विभाग को बधाई दी।Conclusion:हाडोती क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल एमबीएस में पहली बार दो बच्चों का नेत्र ऑपरेशन कर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिखाया
बाईट-डॉ.जय श्री सिंह, विभागाध्यक्ष, नेत्र विभाग, एमबीएस
बाईट-डॉ.निजामुद्दीन, सर्जन, नेत्र विभाग, एमबीएस
बाईट-डॉ.विजय सरदाना, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज कोटा।
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