कोटा. जिले में बुधवार को कोरोना वायरस के तीन मामले सामने आए है. जिसमें प्रसूता कोरोना वायरस से संक्रमित मिली है. इस मामले में पड़ताल करने पर जेके लोन अस्पताल की लापरवाही सामने आ रही है. महिला का नमूना जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन रिपोर्ट आने के पहले ही उसे डिस्चार्ज कर दिया गया और अब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
इसके अलावा कोटा शहर के टिपटा इलाके के 28 वर्षीय 37 साल के दो युवक भी पॉजिटिव आए हैं. इन तीनों को मिलाकर अब कोटा में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 192 पहुंच गई है. मामले के अनुसार 28 वर्षीय प्रसूता की डिलीवरी 21 अप्रैल को जेके लोन अस्पताल में हुई है. इसके बाद उसका कोरोना वायरस जांच के लिए नमूना भी लिया गया था, जो नेगेटिव आया था.
वहीं, प्रसूता का डिस्चार्ज करने के पहले 28 अप्रैल को सुबह 10:00 बजे कोरोना टेस्ट करवाया गया. हालांकि इस जांच रिपोर्ट का इंतजार अस्पताल प्रबंधन ने नहीं किया और रिपोर्ट आने के पहले ही दोपहर 2:00 बजे उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. जबकि बुधवार को जब उसकी रिपोर्ट आई तो वह पॉजिटिव पाई गई. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया. अब आनन-फानन में दोबारा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने महिला को घर से नवजात के साथ ही मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में भर्ती करवाया है.
ऑनलाइन फूड डिलीवरी करता है महिला का पति
इस मामले में पड़ताल करने पर सामने आया कि महिला का पति ऑनलाइन फूड डिलीवरी का काम करता है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पॉजिटिव आई प्रसूता के परिजनों के नमूने ले लिए हैं. इसके अलावा उनके घर के आस पास सैनिटाइज और डिसइनफेक्ट किया है. हालांकि परिजनों ने यह आरोप लगाया है कि घर में सैनिटाइजेशन का कार्य नहीं किया गया, जबकि आसपास कर गए हैं. साथ ही परिजनों ने आरोप लगाया है कि महिला अस्पताल में ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुई है.
MBS भी कर चुका है लापरवाही, डॉक्टरों समेत 50 को करना पड़ा क्वॉरेंटाइन
इससे पहले भी एमबीएस अस्पताल में इस तरह की लापरवाही हो चुकी है. एक 32 वर्षीय मकबरा निवासी युवक एमबीएस के इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड और मेडिसिन ICU में भर्ती रहा है. यहां तक की उसे डायलिसिस के लिए डायलिसिस यूनिट में भी ले जाया गया, लेकिन डायलिसिस नहीं हुई. इस मरीज की मौत उपचार के दौरान हो मौत गई. जिसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया. लेकिन मौत के पहले कोरोना वायरस जांच के लिए जो उसका नमूना लिया गया था, उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इस मामले में चिकित्सक, रेजिडेंट, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय, स्वीपर और सिक्योरिटी गार्ड समेत 50 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.