कोटा. शहर पुलिस की तरह ही अब ग्रामीण पुलिस को भी मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग महिला पुलिस कार्मिकों को दी जा रही है. इसकी शुरुआत बुधवार को कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने ग्रामीण पुलिस लाइन में की. उनके साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन भी मौजूद थे. पूरी ट्रेनिंग का शेड्यूल 1 महीने का बनाया गया है. जिसमें मार्शल आर्ट एक्सपर्ट दीपक स्वामी, सचिन शर्मा और ज्योति हाड़ा ट्रेनिंग देंगे. पहले बैच में 31 महिला पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग शुरू हुई है.
कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी का कहना है कि अभी उनको चुनावी ड्यूटी पर दूसरे जिलों में दी गई है. ऐसे में वापस लौटने पर ये संख्या बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य है कि ग्रामीण पुलिस लाइन में जो महिला कार्मिक है उनमें बॉडी स्किल के साथ-साथ मार्शल आर्ट की स्किल भी आ जाए. जिसके बाद वो स्कूलों में सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी बालिकाओं को दे सकेंगी.
उन्होंने कहा कि ये प्रयास पहले से जारी था, लेकिन कोविड-19 के चलते बंद हो गया था. अब दोबारा फिर से शुरू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस ट्रेनिंग के बाद 5 से 8 महिला पुलिसकर्मी अच्छी योग्यता प्राप्त कर लेंगी, उन्हें कमांडो ट्रेनिंग के लिए भी आगे भेजा जाएगा. महिलाओं की कमांडो फोर्स तैयार हो जाएगी.
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ट्रेनिंग का आयोजन करवा रहे लायंस क्लब के वरुण रस्सवेट कहा कि कोटा शहर पुलिस की महिला कार्मिकों को भी इस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है. उसी तरह से ग्रामीण पुलिस के अधिकारियों के निर्देश पर ये ट्रेनिंग शुरू की गई है. इससे महिला पुलिसकर्मियों की दक्षता बढ़ेगी. साथ ही वो मार्शल आर्ट में ट्रेंड हो जाएंगी. ग्रामीण इलाके के स्कूलों में जाकर ये ट्रेनिंग बालिकाओं को भी दे सकती हैं. ऐसे में इसी टेक्निक से आगे स्कूलों तक भी मार्शल आर्ट को पहुंचाया जाएगा. साथ ही इस मार्शल आर्ट के जरिए आपकी क्षमता से भी ज्यादा क्षमता वाले व्यक्ति को तकनीक के सहारे चुनौती दी जा सकेगी.