कोटा. लाखेरी मेज नदी बस हादसे के मृतकों की शोक सभा में शामिल होने कोटा आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच संभागीय आयुक्त को सौंपी गई है.
उसके यही मायने हैं कि जो भी कारण रहे हैं, जिसके चलते बड़ी दुर्घटना हुई है, वो सामने आ जाए. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही सरकार उचित कदम उठाएगी कि ऐसे हादसे दोबारा ना हो.
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सीएम गहलोत ने कहा कि हम कितनी मदद कर दें, जो हादसा हुआ है उसकी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती है. पीड़ित परिवारों की महिलाएं और बच्चों की स्थिति देखे नहीं जा सकती है. सरकार ने पूरा विश्वास दिलाया है कि उनके बच्चों की परवरिश आगे हो. लिखित में परमानेंट ऑर्डर करेंगे, जिससे भविष्य में इनको मांगना और रिमाइंड नहीं करना पड़े, सुविधाएं मिलती रहेंगी यह व्यवस्था करें.
पिछले सरकार ने पुल को नहीं किया चौड़ा
मुख्यमंत्री गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि पिछली सरकार के समय सड़क दोनों तरफ से चौड़ी हो गई, लेकिन पुल की चौड़ाई 6 मीटर ही रही है. जबकि, सड़क की चौड़ाई 10 मीटर की गई. समर्सिबल पुलिया है, इसके बारे में भी जो संभागीय आयुक्त की जांच होगी, उसके बाद तय करेंगे क्या कर सकते हैं.
प्रति परिवार देंगे 5 लाख रुपए
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि संभागायुक्त को एक जांच के लिए 7 दिन का समय निश्चित किया है, यह हादसा मेकैनिकल फाल्ट से हुआ या किसी अन्य कारण से हुई है. वहीं प्रति परिवार 5 लाख रुपए और अन्य कई चीजों की घोषणा कर चुके हैं. जिनमें बच्चों को कॉलेज तक एजुकेशन फ्री और पेंशन छात्रवृत्ति की घोषणा कर चुके हैं.
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सरकार संवेदनशील है और आर्थिक मदद के अलावा भी और भी किसी तरह की मदद भी जो सरकार दे सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दाह संस्कार में आना चाहते थे, लेकिन किसी कारणवश नहीं आ पाए. इसीलिए आज तीसरे की बैठक में आए हैं और अपने और स्वयं ने मुख्यमंत्री ने समाज के लोगों को आश्वस्त किया है. सरकारी मदद में कोई कमी नहीं रहेगी.