कोटा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अपने संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने समर्थन मूल्य पर की जा रही खरीद को लेकर नैफेड के अधिकारियों की समीक्षा बैठक (Om Birla in NAFED review meeting) ली. उन्होंने कहा कि चना खरीद में किसानों की केवल 25 क्विंटल उपज एक टोकन पर खरीदी जा रही है. जमाबंदी के आधार पर किसान एक ही टोकन कटवा सकता है, जबकि किसानों की उपज इससे कई गुना ज्यादा होती है. इस खरीद के लिमिट को 25 से 40 क्विंटल किया जाए. इसके लिए ओम बिरला ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर से भी बातचीत की है (Om Birla spoke to Narendra Tomar for purchase of gram).
उन्होंने इस मामले में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसका प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाए. कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव से भी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियां राजस्थान में एमएसपी पर चने की समय पर खरीद (Timely purchase of gram at MSP in Rajasthan) करें. इस खरीद में किसानों को कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए. बिरला ने कहा कि किसानों को एमएसपी पर चना बेचने में एक और समस्या आ रही थी, जिसमें चने में दाल के टुकड़े होने के कारण उसकी खरीद नहीं हो रही थी. उन्होंने नैफेड के अधिकारियों से कहा है कि चने में खेसारी दाल की 2 फीसदी मात्रा होने तक की छूट दी जाए. अधिकारियों को लोकसभा स्पीकर ने आश्वस्त किया है कि राजस्थान से केंद्र सरकार को भेजे गए सभी प्रस्ताव को पास कराने की जिम्मेदारी उनकी है.
आपको बता दें कि कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड़ में 43 में से केवल 20 केंद्रों पर ही चने की खरीद शुरू हो पाई है. यहां पर भी अधिकतम एक केंद्र पर 10 किसानों का चना ही एमएसपी पर लिया जा रहा है. चने की क्वालिटी ठीक नहीं होने पर बारां जिले में खरीद बंद भी हो गई थी, जिसे दोबारा शुरू करवाया गया है. इसके अलावा अधिकांश जगह पर खरीद केंद्र की व्यवस्थाओं के लिए टेंडर नहीं होने के चलते खरीद शुरू नहीं हो पाई थी. इसके चलते मजबूरी में किसानों को चना 700 से 800 रुपए क्विंटल के नुकसान पर खुली बोली में भामाशाह मंडी में बेचना पड़ रहा है.