कोटा. ट्रेड यूनियनों के बुधवार को देशव्यापी हड़ताल के तहत कोटा में भी श्रमिक संगठनों ने 1 किलोमीटर लंबी विरोध रैली निकाली. यह विरोध रैली कोटा के विवेकानंद चौराहे से शुरू होकर कलक्ट्रेट तक निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में श्रमिक संगठनों से जुड़े कार्मिक और मजदूर शामिल हुए. यह मजदूर हाथों में केंद्र सरकार के नए श्रमिक कानून के विरोध को लेकर तख्तियां लिए थे. साथ ही नारेबाजी कर रहे थे.
बता दें कि इस विरोध के अंदर देश के 10 केंद्रीय श्रम संगठन शामिल हैं. जिसमें इंटक, एटक, हिंद मजदूर सभा, सीटू, राजस्थान सीटू के साथ बीमा मेडिकल रेलवे और बैंक के भी एंप्लाइज यूनियन शामिल हैं. यह विरोध रैली विवेकानंद सर्किल से शुरू होते हुए महर्षि नवल सर्किल, एमबीएस अस्पताल से होते हुए जिलाधीश कार्यालय पहुंची और वहां रैली आम सभा में तब्दील हो गई. श्रमिक संगठन के नेताओं ने केंद्र के नए कानून के विरोध में भाषण दिए. साथ ही प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा है.
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श्रमिक नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण की जो नीतियां है, उनसे किसानों की आत्महत्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को बेरोजगार किया जा रहा है और करोड़ों लोग आज देश में बेरोजगार हैं. नेताओं ने कहा कि पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी का स्तर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है.
नेताओं ने कहा कि सरकार पूरी तरह से आर्थिक मोर्चे पर नाकाम है और जनता को धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यह सरकार टाटा, बिरला, अदानी और अंबानी की सेवा कर रही है. आज पूरा देश सड़क पर है. नेताओं ने कहा कि नीतियों में बदलाव का समय है, अगर अभी भी नीतियों को बदलने का काम जारी रहा तो अनिश्चितकाल के लिए हम विरोध करेंगे.