कोटा. कृषि विज्ञान केंद्र कोटा के लिए रिसर्च कोई नई बात नहीं है. केवीके कोटा में सोया मिल्क पाउडर का निर्माण किया जा रहा है, जो सोया मिल्क से ही बनाया जा रहा है. यह बहुत ही फायदेमंद और पौष्टिक युक्त है. साथ ही उसकी लागत आम मिल्क पाउडर से ज्यादा नहीं है. सोया मिल्क पाउडर को करीब 1 साल तक रखा जा सकता है. यह स्टूडेंट के लिए ब्रेन स्टॉर्मिंग के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को भी काफी न्यूट्रिएंट्स देता है. इसमें आम मिल्क पाउडर से कम कैलोरीज है, इसके साथ यह पाचन तंत्र, त्वचा और नसों को ठीक करने में भी मददगार है. भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित भी यह करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट काफी मात्रा में है.
8 किलो दूध से तैयार होता है, डेढ़ किलो सोया मिल्क पाउडर
सोया मिल्क पाउडर कृषि विज्ञान केंद्र में ही स्वयं सहायता समूह में कार्य करने वाली महिलाएं तैयार कर रही हैं. इसमें एक बार में करीब 8 किलो दूध उपयोग में लिया जाता है, जिससे डेढ़ किलो मिल्क पाउडर तैयार होता है. इसमें खर्चा करीब 400 रुपए के आसपास होता है.
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घंटों की मेहनत के बाद होता है तैयार
सोया मिल्क का पहले से ही प्रोडक्शन कृषि विज्ञान केंद्र के अलावा देशभर में कई जगह हो रहा है. इसी से सोया पाउडर का निर्माण किया गया है, जो कि बिल्कुल मिल्क पाउडर की तरह है. इसमें सोया मिल्क को पहले थोड़ा गर्म कर उसे गाढ़ा बनाया जाता है, इसके बाद इसको इलेक्ट्रिक ड्रायर में रखा जाता है और उसको सुखाया जाता है. जब यह पूरी तरह से सूख जाता है उसके बाद उसको मिक्सी में पीसकर छान लिया जाता है और यह मिल्क पाउडर तैयार हो जाता है. पाउडर बनाने के लिए उसे इलेक्ट्रिक ड्रायर में करीब 4 से 6 घंटे तक रखा जाता है, बीच में कई बार इसको बाहर निकाल कर दोबारा मिक्सी में पीसकर ड्रायर में सुखाया जाता है. हालांकि, इससे पहले सोया मिल्क को बनाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है. एक किलो सोयाबीन से करीब 6 किलो के आसपास दूध तैयार होता है, जिसको पहले सुखाया और उबाला भी जाता है.
सोया मिल्क पाउडर 1 साल तक रख सकते हैं
डॉ. ममता तिवारी का कहना है कि विशेष तौर पर हम सोया पनीर पर बड़ा प्रशिक्षण आयोजित किया, जिसके सोया पनीर के बहुत सारे यूनिट युवाओं ने लगाई है. कोटा जिले के अलावा पूरे देश भर में सोया पनीर के माध्यम से एंटरप्रेन्योर बने हैं. सोया के लिए लोगों की न्यूट्रीशनल एस्पेक्ट को देखते हुए सोया मिल्क पाउडर की जो खास बात है, इसको लंबे समय तक रखा जा सकता है. नॉर्मल भी हम रख सकते हैं, लेकिन सोया मिल्क पाउडर लंबे समय तक पूरे 1 वर्ष तक के रख सकते हैं.
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मिल्क पाउडर से कम होती है कैलोरीज
कृषि विज्ञान केंद्र के ह्यूमन रिसोर्स डायरेक्टर डॉ. ममता तिवारी कहती हैं कि सोया मिल्क पाउडर की कैलोरीज वैल्यू अधिक है, लेकिन इसमें जो प्रोटीन है नॉर्मल दूध से थोड़ा कम है. वहीं, इसमें नाइसिन की मात्रा काफी अधिक है. इसमें असेंसियन अमीनो एसिड भी पर्याप्त मात्रा में है. इसमें स्ट्रिपसिल इनहैबीटर होता है, जिसकी वजह से सुगंध अलग हो जाती है, इसको पचाने में जो प्रॉब्लम होती है, उसको हटाने के लिए ही प्रोसेस करके ही बनाया जाता है.
अपग्रेड भी सोया मिल्क पाउडर का किया
कृषि विज्ञान केंद्र में ही सोया मिल्क पाउडर को अधिक पौष्टिक बनाने के लिए फोर्टीफाइड भी किया है. इसमें गाजर पाउडर मिलाने से कैरोटीन और विटामिन ए भी बढ़ गया है. वहीं, ब्रेनस्टॉर्मिंग बनाने के लिए केले का पाउडर इसमें मिलाया है, उससे यह अधिक स्वादिष्ट हो गया है और ब्रेनस्टॉर्मिंग भी है. स्टूडेंट्स और गर्भवती महिलाओं के लिए काफी उपयोगी है. उन लोगों को अक्सर थकान हो जाती है और न्यूट्रिएंट्स की आवश्यकता होती है.
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22 से ज्यादा अलग-अलग प्रोडक्ट
डॉ. ममता तिवारी बताती हैं कि वह बीते कई साल से सोयाबीन के प्रोडक्ट्स बना रही हैं, इनमें दूध से शुरुआत हुई थी. उसके बाद कई और प्रोडक्ट भी यहां पर बनाए जा रहे हैं. सोया पनीर चोकोलावा केक, बिस्किट, छाछ, फ्लेवर्ड मिल्क, दही, छाछ, नमकीन, सोया हलवा, लड्डू, मठरी, सोया पकौड़ी, सोया आटा, सोया पूरी व रस्क पिछले कई साल से बना रहे हैं, उनका डेमो और प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इनको सीखने के लिए देश भर से कई प्रतिभागी यहां पर आते हैं और उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है.