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कोटा टाइल ठेकेदार हत्या प्रकरण: एक करोड़ मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे परिजन, पुलिस ने हटाया - kota murder case

बोरखेड़ा थाना इलाके की देवाशीष सिटी में टाइल ठेकेदार की हत्या मामले में सोमवार को परिजन और टाइल मजदूर एसोसिएशन आक्रोशित हो गए. परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और मुआवजे की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए. इस बात को लेकर काफी गहमागहमी चली. इन लोगों ने एक करोड रुपए के मुआवजे की मांग की है.

Kota Tile Contractor Murder Case, kota latest hindi news
कोटा टाइल ठेकेदार हत्या प्रकरण...
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Published : Feb 8, 2021, 3:57 PM IST

कोटा. बोरखेड़ा थाना इलाके की देवाशीष सिटी में टाइल ठेकेदार की हत्या मामले में सोमवार को परिजन और टाइल मजदूर एसोसिएशन आक्रोशित हो गए. परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और मुआवजे की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए. इस बात को लेकर काफी गहमागहमी चली. इन लोगों ने एक करोड रुपए के मुआवजे की मांग की है.

कोटा टाइल ठेकेदार हत्या प्रकरण में एक करोड़ मुआवजे की मांग...

सूचना पर पुलिस का भारी जाब्ता मौके पर पहुंचा. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन कमांडो के साथ आए और पहले उन्होंने इन लोगों के साथ समझाइश की. जब परिजन नहीं माने तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए सभी को मोर्चरी के बाहर से उठा दिया. पुलिस ने साफ कह दिया कि इस तरह से किसी भी व्यक्ति को धरने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी. मृतक मनीष शर्मा के परिजनों का कहना है कि हत्या में तीन व्यक्ति शामिल हैं. जिनमें मनीष अग्रवाल भी शामिल है.

पढ़ें: कोटा: आपसी विवाद में बिल्डर के सेल्स मैनेजर ने टाइल ठेकेदार की चाकू मारकर की हत्या, बाद में खुद ही थाने पहुंचा

उनकी मांग है कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए. साथ ही, मृतक मनीष शर्मा के चार बच्चे हैं, जिनमें तीन छोटी-छोटी बच्चियां है. ऐसे में उनके लालन पालन की जिम्मेदारी किसकी होगी, क्योंकि अभी तक तो सारी जिम्मेदारी मनीष शर्मा ही उठा रहा था. ऐसे में परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए. उसकी पत्नी भी सक्षम नहीं है कि वह चारों बच्चों को पाल सके. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन का कहना है कि वे लोग धरना प्रदर्शन कर रहे थे, ऐसे में उन्हें यहां से हटाया है. किसी से सख्ती नहीं की गई है. मुआवजा देना बिल्डर और श्रमिक परिवार के बीच का फैसला है.

कोटा. बोरखेड़ा थाना इलाके की देवाशीष सिटी में टाइल ठेकेदार की हत्या मामले में सोमवार को परिजन और टाइल मजदूर एसोसिएशन आक्रोशित हो गए. परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और मुआवजे की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए. इस बात को लेकर काफी गहमागहमी चली. इन लोगों ने एक करोड रुपए के मुआवजे की मांग की है.

कोटा टाइल ठेकेदार हत्या प्रकरण में एक करोड़ मुआवजे की मांग...

सूचना पर पुलिस का भारी जाब्ता मौके पर पहुंचा. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन कमांडो के साथ आए और पहले उन्होंने इन लोगों के साथ समझाइश की. जब परिजन नहीं माने तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए सभी को मोर्चरी के बाहर से उठा दिया. पुलिस ने साफ कह दिया कि इस तरह से किसी भी व्यक्ति को धरने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी. मृतक मनीष शर्मा के परिजनों का कहना है कि हत्या में तीन व्यक्ति शामिल हैं. जिनमें मनीष अग्रवाल भी शामिल है.

पढ़ें: कोटा: आपसी विवाद में बिल्डर के सेल्स मैनेजर ने टाइल ठेकेदार की चाकू मारकर की हत्या, बाद में खुद ही थाने पहुंचा

उनकी मांग है कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए. साथ ही, मृतक मनीष शर्मा के चार बच्चे हैं, जिनमें तीन छोटी-छोटी बच्चियां है. ऐसे में उनके लालन पालन की जिम्मेदारी किसकी होगी, क्योंकि अभी तक तो सारी जिम्मेदारी मनीष शर्मा ही उठा रहा था. ऐसे में परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए. उसकी पत्नी भी सक्षम नहीं है कि वह चारों बच्चों को पाल सके. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन का कहना है कि वे लोग धरना प्रदर्शन कर रहे थे, ऐसे में उन्हें यहां से हटाया है. किसी से सख्ती नहीं की गई है. मुआवजा देना बिल्डर और श्रमिक परिवार के बीच का फैसला है.

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