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PWD XEN 18 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, परिवादी बोला-मेरा पूरा ठेकेदारी का करियर कर दिया चौपट - ACB arrested PWD XEN

पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार से बिल पास करने और फर्म की एसीआर रिपोर्ट सही बनाने की एवज में पीडब्ल्यूडी एक्सईएन रिश्वत की मांग कर रहा था. आज परिवादी से एक्सईएन ने 18 हजार रुपए लिए थे. जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर (PWD XEN arrested in bribe case) लिया.

PWD XEN arrested in bribe case
PWD XEN 18 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार,
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Published : Mar 30, 2022, 5:29 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 7:01 AM IST

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. एक्सईएन ठेकेदार से बिल को पास करने और फर्म की एसीआर रिपोर्ट सही बनाने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहे था. आज एक्सईएन ने परिवादी से 18 हजार रुपए उन्होंने लिए थे. जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने उसे गिरफ्तार कर (ACB arrested PWD XEN) लिया. परिवादी ने आरोप लगाया है कि उनका रजिस्ट्रेशन भी रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी. यहां तक कि उसका पूरा ठेकेदारी का कॅरियर चौपट कर दिया.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि उन्हें परिवादी ठेकेदार रमेश चंचलानी ने 25 मार्च, 2022 को परिवाद दिया था. इसमें बताया था कि वे ए क्लास के कांट्रेक्टर हैं. उन्होंने कोरोना काल में 2020-21 में डीसी जनरेटर सेट का कार्य किया था. यह कार्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एमबीबीएस, जेकेलोन और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में कार्य करवाए गए थे. जिसका भुगतान 10 लाख था. इसके अलावा बूंदी जिले के कापरेन में गौरव पथ पर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य भी किया था. इसका फाइनल बिल पास करवाने, ठेकेदार व उसके बेटे की फर्म की एसीआर रिपोर्ट सही बनाने की एवज में अधिशासी अभियंता अवध बिहारी मकवाना 30 हजार रुपए की मांग कर रहा था.

पढ़ें: Kota ACB Work Report 2021 : भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई में बारां सबसे फिसड्डी, कोटा और भरतपुर सबसे आगे

परिवादी की शिकायत पर गोपनीय सत्यापन करवाया गया. इसमें परिवादी रमेश चंचलानी से आरोपी एक्सईएन ने 15 हजार रुपए लिए और शेष राशि बाद में देने के लिए कहा था. आज ट्रैप कार्रवाई के दौरान परिवादी रिश्वत की राशि लेकर एक्सईएन के पास गया. जहां पर आरोपी एक्सईएन ने परिवादी से रिश्वत की 18 हजार रुपए की राशि खिड़की के पर्दे के पीछे रखवाए. इसके बाद रमेश चंचलानी ने एसीबी की टीम को इशारा कर दिया और एसीबी की टीम आरोपी एक्शन के कमरे में पहुंची. एसीबी ने रिश्वत की राशि खिड़की से बरामद कर ली. ट्रेप कार्रवाई के तुरंत बाद आरोपी के आनंदपुरा इलाके के मकान पर भी एसीबी की टीम ने दबिश दी है.

मुझे एक्सईएन आतंकवादी साबित करवाने पर तुले थे: परिवादी का कहना है कि उन्होंने लंबे समय से ठेकेदारी पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिक खंड में की है. बीते कुछ समय से वे परेशान चल रहे हैं. उनका कहना है कि उनका रजिस्ट्रेशन भी निलंबन करवाने के लिए चीफ इंजीनियर जयपुर को भेज दिया है. मुझे आतंकवादी, भस्मासुर, गुंडा और पता नहीं क्या-क्या बोला गया. मेरी एसीआर भी खराब कर दी गई है. इसके चलते मैं टेंडर नहीं डाल पा रहा हूं. यहां तक कि मेरे बेटे का इस पूरे प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है, इसके बावजूद उसको भी परेशान किया जा रहा है और उसकी एससीआर भी खराब कर दी है. मैंने यह टेंडर बीएसआर दरों से 11 फीसदी नीचे लिया था, लेकिन इसके बाद भी मेरे टेंडर में 3 फ़ीसदी की और कमी इन्होंने करवा दी थी. मैं लगातार इनके पास एसीआर सही करवाने और बिलों के भुगतान के लिए जा रहा था, लेकिन इन्होंने मेरी एक बात भी नहीं सुनी केवल पैसे की मांग जारी रखी.

रिश्वतखोर का भाई धमकाने पहुंचा: ट्रैप कार्रवाई के बाद परिवादी चंचलानी पीडब्ल्यूडी ऑफिस में ही थे. उनके साथ अन्य ठेकेदार भी खड़े हुए थे. इसी दौरान रिश्वतखोर एक्सईएन अवध बिहारी मकवाना का भाई कुंज बिहारी मकवाना वहां पर पहुंचा. उसने परिवादी रमेश चंचलानी को धमकाना शुरू कर दिया. उसने चंचलानी से कहा कि यह काम आपने अच्छा नहीं किया है. इस पर चंचलानी ने जवाब दिया कि वह कई लोगों से इस संबंध में मिल चुका था और आरोपी एक्सईएन के बड़े भाई से भी जाकर मिला था, लेकिन कोई सुनवाई उसकी नहीं हुई. हालांकि इस दौरान अन्य ठेकेदार भी उद्वेलित हो गए और इस कारण आरोपी का भाई कुंज बिहारी मकवाना पीडब्ल्यूडी ऑफिस से वापस रवाना हो गया.

ठेकेदार बोले 5 फीसदी कमीशन से ज्यादा मांगा: पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिक डिवीजन में काम करने वाले कई ठेकेदार इस दौरान ऑफिस में मौजूद रहे. सभी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह यहां पर नॉर्मल प्रैक्टिस में है. ठेकेदार अशोक कुमार का कहना है कि हर बार बिल आने पर 5 फीसदी कमीशन अधिकारियों की ओर से मांगा जाता है. इसमें एक्सईएन ही नहीं हर इंजीनियर पैसा मांगता है, जिसमें कनिष्ठ, सहायक, अधिशासी और अधीक्षण अभियंता तक यह मांग की जाती है. यह पूरी राशि सभी ठेकेदार देते हैं. जिस तरह से रोटी बेलने के लिए आटे का उपयोग यानी पलोथन लगाया जाता है, ठीक उसी तरह से यहां कमीशन लिया जाता है. एक अन्य ठेकेदार कृष्ण गोपाल गुप्ता का कहना है कि जब सब कुछ सिस्टम से चल रहा होता है. तब किसी को दिक्कत नहीं होती, लेकिन एब्नॉर्मल डिमांड हो जाने पर लोग परेशान हो जाते हैं. तभी इस तरह से कार्रवाई करने को मजबूर होते हैं.

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. एक्सईएन ठेकेदार से बिल को पास करने और फर्म की एसीआर रिपोर्ट सही बनाने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहे था. आज एक्सईएन ने परिवादी से 18 हजार रुपए उन्होंने लिए थे. जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने उसे गिरफ्तार कर (ACB arrested PWD XEN) लिया. परिवादी ने आरोप लगाया है कि उनका रजिस्ट्रेशन भी रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी. यहां तक कि उसका पूरा ठेकेदारी का कॅरियर चौपट कर दिया.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि उन्हें परिवादी ठेकेदार रमेश चंचलानी ने 25 मार्च, 2022 को परिवाद दिया था. इसमें बताया था कि वे ए क्लास के कांट्रेक्टर हैं. उन्होंने कोरोना काल में 2020-21 में डीसी जनरेटर सेट का कार्य किया था. यह कार्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एमबीबीएस, जेकेलोन और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में कार्य करवाए गए थे. जिसका भुगतान 10 लाख था. इसके अलावा बूंदी जिले के कापरेन में गौरव पथ पर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य भी किया था. इसका फाइनल बिल पास करवाने, ठेकेदार व उसके बेटे की फर्म की एसीआर रिपोर्ट सही बनाने की एवज में अधिशासी अभियंता अवध बिहारी मकवाना 30 हजार रुपए की मांग कर रहा था.

पढ़ें: Kota ACB Work Report 2021 : भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई में बारां सबसे फिसड्डी, कोटा और भरतपुर सबसे आगे

परिवादी की शिकायत पर गोपनीय सत्यापन करवाया गया. इसमें परिवादी रमेश चंचलानी से आरोपी एक्सईएन ने 15 हजार रुपए लिए और शेष राशि बाद में देने के लिए कहा था. आज ट्रैप कार्रवाई के दौरान परिवादी रिश्वत की राशि लेकर एक्सईएन के पास गया. जहां पर आरोपी एक्सईएन ने परिवादी से रिश्वत की 18 हजार रुपए की राशि खिड़की के पर्दे के पीछे रखवाए. इसके बाद रमेश चंचलानी ने एसीबी की टीम को इशारा कर दिया और एसीबी की टीम आरोपी एक्शन के कमरे में पहुंची. एसीबी ने रिश्वत की राशि खिड़की से बरामद कर ली. ट्रेप कार्रवाई के तुरंत बाद आरोपी के आनंदपुरा इलाके के मकान पर भी एसीबी की टीम ने दबिश दी है.

मुझे एक्सईएन आतंकवादी साबित करवाने पर तुले थे: परिवादी का कहना है कि उन्होंने लंबे समय से ठेकेदारी पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिक खंड में की है. बीते कुछ समय से वे परेशान चल रहे हैं. उनका कहना है कि उनका रजिस्ट्रेशन भी निलंबन करवाने के लिए चीफ इंजीनियर जयपुर को भेज दिया है. मुझे आतंकवादी, भस्मासुर, गुंडा और पता नहीं क्या-क्या बोला गया. मेरी एसीआर भी खराब कर दी गई है. इसके चलते मैं टेंडर नहीं डाल पा रहा हूं. यहां तक कि मेरे बेटे का इस पूरे प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है, इसके बावजूद उसको भी परेशान किया जा रहा है और उसकी एससीआर भी खराब कर दी है. मैंने यह टेंडर बीएसआर दरों से 11 फीसदी नीचे लिया था, लेकिन इसके बाद भी मेरे टेंडर में 3 फ़ीसदी की और कमी इन्होंने करवा दी थी. मैं लगातार इनके पास एसीआर सही करवाने और बिलों के भुगतान के लिए जा रहा था, लेकिन इन्होंने मेरी एक बात भी नहीं सुनी केवल पैसे की मांग जारी रखी.

रिश्वतखोर का भाई धमकाने पहुंचा: ट्रैप कार्रवाई के बाद परिवादी चंचलानी पीडब्ल्यूडी ऑफिस में ही थे. उनके साथ अन्य ठेकेदार भी खड़े हुए थे. इसी दौरान रिश्वतखोर एक्सईएन अवध बिहारी मकवाना का भाई कुंज बिहारी मकवाना वहां पर पहुंचा. उसने परिवादी रमेश चंचलानी को धमकाना शुरू कर दिया. उसने चंचलानी से कहा कि यह काम आपने अच्छा नहीं किया है. इस पर चंचलानी ने जवाब दिया कि वह कई लोगों से इस संबंध में मिल चुका था और आरोपी एक्सईएन के बड़े भाई से भी जाकर मिला था, लेकिन कोई सुनवाई उसकी नहीं हुई. हालांकि इस दौरान अन्य ठेकेदार भी उद्वेलित हो गए और इस कारण आरोपी का भाई कुंज बिहारी मकवाना पीडब्ल्यूडी ऑफिस से वापस रवाना हो गया.

ठेकेदार बोले 5 फीसदी कमीशन से ज्यादा मांगा: पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिक डिवीजन में काम करने वाले कई ठेकेदार इस दौरान ऑफिस में मौजूद रहे. सभी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह यहां पर नॉर्मल प्रैक्टिस में है. ठेकेदार अशोक कुमार का कहना है कि हर बार बिल आने पर 5 फीसदी कमीशन अधिकारियों की ओर से मांगा जाता है. इसमें एक्सईएन ही नहीं हर इंजीनियर पैसा मांगता है, जिसमें कनिष्ठ, सहायक, अधिशासी और अधीक्षण अभियंता तक यह मांग की जाती है. यह पूरी राशि सभी ठेकेदार देते हैं. जिस तरह से रोटी बेलने के लिए आटे का उपयोग यानी पलोथन लगाया जाता है, ठीक उसी तरह से यहां कमीशन लिया जाता है. एक अन्य ठेकेदार कृष्ण गोपाल गुप्ता का कहना है कि जब सब कुछ सिस्टम से चल रहा होता है. तब किसी को दिक्कत नहीं होती, लेकिन एब्नॉर्मल डिमांड हो जाने पर लोग परेशान हो जाते हैं. तभी इस तरह से कार्रवाई करने को मजबूर होते हैं.

Last Updated : Mar 31, 2022, 7:01 AM IST
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