कोटा. एजुकेशन एक्सपोर्ट देव शर्मा ने बताया कि इसके लिए गुरुवार को एनटीए ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है. इसके साथ ही एडमिट कार्ड के पेज नंबर 2 पर चस्पा किए गए पोस्टकार्ड साइज फोटोग्राफ की बांई तरफ में विद्यार्थी को अपने हस्ताक्षर भी करने होंगे. इसके साथ ही एग्जाम के लिए जब विद्यार्थी प्रवेश करेगा.
उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान इनविजीलेटर इसी पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ की दाईं तरफ से साइन करेंगे. विद्यार्थी को एक बात विशेष रूप से ध्यान देनी है कि ऑनलाइन आवेदन के दौरान जो फोटो अपलोड किया गया था, साथ ही जो हस्ताक्षर अपलोड किए गए थे, उसी तरह के हस्ताक्षर इस पेज नंबर 2 पर करने हैं. साथ ही वैसा ही फोटो पोस्टकार्ड साइज का प्रिंट करवा कर जमा करना है.
तापमान ज्यादा तो आइसोलेशन में देनी होगी परीक्षा...
एनटीए ने पहले ही यह स्पष्ट कहा है कि कोविड-19 से संबंधित नियमों का उल्लघंन करने पर विद्यार्थी को परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित किया जा सकता है. इस संबंध में विद्यार्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश देने अथवा नहीं देने का अधिकार केंद्र अधीक्षक के पास होगा. परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पूर्व विद्यार्थी का थर्मोगन की सहायता से बॉडी टेंपरेचर मापा जाएगा. विद्यार्थी का बॉडी टेंपरेचर कोविड मानकों से अधिक पाए जाने पर विद्यार्थी को आइसोलेशन रूम में परीक्षा देनी होगी.
विद्यार्थीयों को मोटे बटन के कपड़ों व मोटे-सोल के जूतों को पहनने के लिए मना किया गया है. विद्यार्थी भारत सरकार या राज्य सरकार के जारी किए गए ओरिजिनल फोटो आईडी कार्ड के साथ रिपोर्टिंग टाइम पर परीक्षा केंद्र पहुंचेंगे. विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक वॉच, केलकुलेटर या अन्य किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को ले जाने की भी मनाही है. विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए परीक्षा केंद्र पर उन्हें एन 95 मास्क पहनने के लिए दिया जाएगा, लेकिन हैंड सैनिटाइजर की बोतल विद्यार्थियों को स्वयं ले जानी होगी.
पढ़ें : वसुंधरा समर्थक कालीचरण के घर अरुण सिंह और प्रताप सिंघवी के घर पहुंचे पूनिया, आखिर क्या है माजरा...
देव शर्मा ने बताया कि परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को रफ वर्क के लिए अतिरिक्त रफ शीट्स उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी. इसके लिए उन्हें एग्जामिनेशन पेपर ही उपयोग में लेना होगा. परीक्षा समाप्ति पर एडमिट कार्ड, ओएमआर शीट की ओरिजिनल कॉपी/ऑफिस कॉपी इनविजीलेटर को सौंपनी होगी. ऐसा नहीं करने पर विद्यार्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. यहां तक कि उनकी परीक्षा भी रद्द की जा सकती.