कोटा. दीपावली के मौके पर सभी कार्मिकों को बोनस और मिठाई दी जाती है, लेकिन कोटा के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 35 संविदा कार्मिकों की दिवाली इस बार सूखी ही रहने वाली है. क्योंकि उन्हें नौकरी से ही हाथ धोना पड़ा है.
ऐसे में आज इन कार्मिकों ने विरोध भी जताया. जिला कलेक्टर कार्यालय में जाकर अधिकारियों को अपनी मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा है. इन कार्मिकों का कहना है कि उन्होंने पूरे डेढ़ साल तक मेहनत करके कोरोना में जान की परवाह किए बगैर काम किया है. जिसका उन्हें इस तरह से इनाम दिया गया है. यह सभी कार्मिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में एक फर्म अल्फा एक्स सोल्जर मल्टीपरपज को-ऑपरेटिव सोसाइटी के जरिए लगे हुए थे.
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यह सभी कार्मिक जुलाई 2020 से ही सैंपलिंग का कार्य कर रहे थे, जो कि घरों पर जाकर लोगों के सैंपल भी लेते थे. इनमें लगे हुए कार्मिकों का कहना है कि जब वे सैंपलिंग में ड्यूटी कर रहे थे, तब अपने घरों पर भी नहीं जाते थे. इन लोगों का यह भी कहना है कि हमें पहले से किसी तरह का कोई नोटिस भी नहीं दिया गया है.
सभी का यह भी कहना है कि हमें तो दिवाली पर घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. सभी ने दोबारा नौकरी लगाने की मांग की है. इन कर्मचारियों में अनिल मेघवाल, बृजराज, फारूक, मनीष, पीयूष, अंतिमा, हेमराज, लेखराज सहित कई लोग शामिल हैं.
इस संबंध में संवेदक फर्म के जयेंद्र सिंह सोलंकी का कहना है कि उन्हें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से आदेश मिला था, जो उन्होंने इन कार्मिकों तक पहुंचा दिया है. जिसमें सरकार ने इन लोगों के लिए बजट नहीं होने की बात कही है. यह सब लोग ड्यूटी पर पहुंच गए थे और कुछ लोगों ने ड्यूटी भी की थी, लेकिन उसके बाद उन्हें पत्र देखकर सेवा समाप्ति के लिए बता दिया है.