कोटा. जिले के पीपल्दा से कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा मंत्री नहीं बनाए जाने से खासे नाराज चल रहे हैं. हालांकि, वे सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर नहीं करते हैं. वे सरकार की तो तारीफ ही करते हैं, लेकिन अधिकारियों और मंत्रियों के खिलाफ सख्ती से बयान देते नजर आते हैं. अब उन्होंने अपने निशाने पर कोटा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर और जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र झालानी को लिया है. विधायक मीणा ने दोनों को कांग्रेस के धुर विरोधी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा हुआ बता दिया. साथ ही, कहा कि बच्चों की मौत के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं. भ्रष्टाचार को भी दोनों ही अधिकारी बढ़ावा दे रहे हैं.
एक्टिव नहीं हैं मंत्री, अधिकारी घोटाले कर रहे
विधायक मीणा ने कहा, ''प्रभारी मंत्री के सामने सीएमएचओ डॉ. तंवर ने कोविड-19 टेस्टिंग की बात कही थी. मैं सबसे ज्यादा कोविड-19 के समय घूमा हूं, मुझे कहीं भी टेस्टिंग नजर नहीं आई है और इसके कई बिल भी उन्होंने पेश कर दिए है. इन सब की जांच होनी चाहिए, लेकिन आज दिन तक भी जांच नहीं हुई.'' मंत्रियों को एक्टिव होना पड़ेगा, नहीं तो सरकार की खामियां नजर आएंगी. सीएमएचओ डॉ. तंवर के खिलाफ तो टेंडर घोटाले में भी आदेश पास हो रखे हैं, ज्वाइंट डायरेक्टर के पास उसकी जांच है. कोई भी उनसे खुश नहीं है. मीणा ने कहा था कि कोविड-19 महामारी में हमें लड़ने में दिक्कत आ रही है, हालांकि सरकार गंभीर रूप से ले रही है. मुख्यमंत्री खुद इस मामले में सतर्क है, लेकिन ऐसे अधिकारी बैठे रहेंगे तो कहीं ना कहीं कमजोरी नजर आती है.
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मुख्यमंत्री देखें, किस अधिकारी या मंत्री की कृपा
जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में उन्होंने सीएमएचओ डॉ. तंवर और आरसीएचओ डॉ. झालानी को जिम्मेदार बताते हुए मीणा ने कहा कि बच्चों के कुपोषण की जिम्मेदारी जिस अधिकारी की है. उस अधिकारी से अभी तक भी बात नहीं की है. इस जिम्मेदारी से कहीं न कहीं अधिकारी भी बचना चाहते हैं. सरकार जिस तरह से काम कर रही है, सही कर रही है. लेकिन, अधिकारी की सरकार की भावना के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं. कोटा में आरसीएचओ और सीएमएचओ दोनों वह व्यक्ति है, जो जो जिस संस्था से संबंध रखते हैं, वो संस्था कांग्रेस की विचारधारा से मेल नहीं खाती है. फिर भी इन पर किस अधिकारी, कर्मचारी और मंत्री की कृपा है. यह मुख्यमंत्री को देखना चाहिए.
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बच्चों की मौत के लिए भी सीएमएचओ और आरसीएचओ जिम्मेदार
विधायक मीणा ने कहा कि कोटा में बच्चों की मौत का मसला दो बार उठ चुका है. स्पीकर ओम बिरला भी इस मामले को उठा चुके हैं. यह हमारे लिए गंभीर बात है, दोनों अधिकारी ग्रामीण एरिया के कुपोषित बच्चों के लिए जिम्मेदारी है. राजस्थान सरकार बेइंतहा पैसा खर्च करने के लिए तैयार है, एक भी बच्चे की मौत नहीं होनी चाहिए. अगर मर रहे हैं तो दोनों अधिकारियों की जांच अभी तक क्यों नहीं हुई. आरसीएचओ तो इसके लिए सीधे जिम्मेदार है, लेकिन तकलीफ इस बात की है कि जांच क्यों नहीं हो रही है.