कोटा. कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में कोविड-19 संक्रमित महिला सीमा की मौत के बाद परिजन उसके शव को कोटा से झालावाड़ तक कार की सीट बेल्ट के आगे बांध कर ले गए थे. इस मामले में परिजनों ने एंबुलेंस चालकों से मनमाना किराया वसूलने का आरोप भी लगाया था. जिस पर प्रशासन लगातार कार्रवाई करने में जुटा हुआ है. मामले में दो कार्मिकों को जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ के निर्देश पर निलंबित किया गया है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में संविदा कर्मिकों के ऊपर लगाए गए सुपरवाइजर की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं. महावीर नगर थाना पुलिस ने भी एसपी सिटी डॉ. विकास पाठक के निर्देश पर मुकदमा अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया है.
मॉनिटरिंग नहीं होने का माना है 3 कार्मिकों को दोषी
मामले में पहले ही जांच कमेटी जिला कलेक्टर राठौड़ ने गठित कर दी थी. जिसमें नगर निगम उत्तर के आयुक्त वासुदेव मालावत और परिवहन विभाग के अधिकारियों को शामिल किया था. जिसने प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए नगर निगम कोटा दक्षिण के सहायक अभियंता कपिल पालीवाल और परिवहन विभाग के उप निरीक्षक सतवीर सिंह को निलंबित कर दिया है. साथ ही मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में संविदा कर्मिकों के ऊपर लगाए गए संवेदक सुपरवाइजर संदीप दिवाकर की सेवाएं भी समाप्त कर दी हैं. दूसरी तरफ कोटा के सिटी एसपी डॉ. विकास पाठक ने इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जिसमें धोखाधड़ी और एपिडेमिक एक्ट की धाराएं जोड़ी गई हैं.
50 एंबुलेंस की जांच, दो को किया सीज
दिनभर में 50 से ज्यादा एंबुलेंस की जांच हुई. क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कुसुम राठौड़ भी इस पूरे प्रकरण में कार्रवाई में जुटी हुई हैं. उनके निर्देश पर एंबुलेंस और शव वाहन चालकों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया गया है. मंगलवार को 50 से ज्यादा एंबुलेंस की जांच की गई. इनमें से दो एंबुलेंस चालकों के निर्धारित से ज्यादा किराया वसूलने पर उनका पंचनामा बनाया गया है.