कोटा. शहर के इंद्र विहार सोसायटी के लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रखने और कोरोना पॉजिटिव मरीजों के भी कॉलोनी में घूमने की शिकायत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से की थी. जिसके बाद सीएमएचओ ने डॉ. सचित भोला के क्लीनिक को बंद कर दिया था. इस मामले में विरोध जताने के लिए चिकित्सकों का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ से मिला.
प्रतिनिधि मंडल में हाड़ौती प्राइवेट डॉक्टर सोसाइटी और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोटा ब्रांच के चिकित्सक शामिल थे. साथ ही इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए विरोध दर्ज कराया. कलेक्टर से चिकित्सकों का कहना था कि इस तरह से अगर डॉक्टर के क्लीनिक को बंद किया जाएगा, तो सभी डॉक्टरों के क्लीनिक बंद हो जाएंगे और फिर मरीजों को ही समस्या आएगी.
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जिसके बाद जिला कलेक्टर ने कहा कि प्राइवेट डॉक्टर कोविड-19 की गाइड लाइन की पालना करते हुए अपने क्लीनिक का संचालन करें. आस-पड़ोस के लोगों को भी समय देख कर ही बुलाया जाए, ताकि एक साथ भीड़ नहीं हो. वहीं, जिला प्रशासन पर हुई कार्रवाई के आदेश को निरस्त करने का निर्णय लिया है. साथ ही निजी चिकित्सकों ने अपनी समस्याओं को लेकर एक मेमोरेंडम भी जिला कलेक्टर को सौंपा है.
हालांकि इस मामले में इंद्र विहार सोसायटी के लोगों ने कहा था कि डॉ. भोला के क्लीनिक पर आने वाले मरीज आसपास के घरों के बाहर भी खड़े होते थे. जिससे उनके एरिया में कोविड-19 फैलने का खतरा है. इसके बाद शहर के निजी प्रैक्टिशनर डॉक्टरों ने प्रशासन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. वहीं, लामबंद होकर हड़ताल की चेतावनी भी दे दी थी.
वहीं निजी चिकित्सकों ने ही इंद्र विहार सोसायटी के लोगों को देखने से मना करने के पोस्टर भी अपने क्लीनिक के बाहर चस्पा कर दिए थे. सोमवार को हुई बैठक में हाड़ौती विकास मोर्चा के संभागीय अध्यक्ष राजेंद्र सांखला, हाड़ौती प्राइवेट डॉक्टर्स सोसायटी के सचिव डॉ. केके डंग, आईएमए के अध्यक्ष डॉ. एस सान्याल और डॉ सचित भोला मौजूद रहे.