कोटा: किशोरपुरा थाना इलाके के सिंधी कॉलोनी से लापता निखिल टेकवानी हत्या मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार आरोपियों के निखिल से अच्छी खासी जान पहचान थी. पुलिस के अनुसार आरोपियों ने लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए निखिल की हत्या की.
निखिल की मौत के बाद सिंधी समाज ने लगाया जाम
निखिल टेकवानी की मृत्यु से आक्रोशित सिंधी समाज और मोबाइल व्यवसायियों ने जाम लगा दिया. सैकड़ों की संख्या में यह लोग इंदिरा गांधी सर्किल पर उतर आए. इसमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल थीं. जिन्होंने रास्ता जाम कर दिया. मामले की संजीदगी को पहचान पुलिस का बड़ा अमला मौके पर पहुंच गया है. इन लोगों की मांग थी कि निखिल के हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए. काफी देर तक जद्दोजहद चलती रही करीब डेढ़ घंटे तक रास्ता बंद रहा. दूसरी तरफ मोर्चरी पर भी हंगामे की आशंका को देखते हुए 100 से ज्यादा जवानों की तैनाती पुलिस ने की थी.
इस दौरान कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा भी मोर्चरी पर पहुंचे.आक्रोशित परिजनों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में देरी की है, अगर पुलिस तुरंत एक्शन लेती तो अनहोनी तो निखिल की जान बचाई जा सकती थी.
चार दिनों से लापता मोबाइल व्यवसायी की लाश और कार जली हालत में जंगल में मिली
हत्यारे पुलिस को भटकाना चाह रहे थे: शातिर हत्यारे पुलिस को भटकाना चाहते थे. इसके चलते उन्होंने हत्या को दुर्घटना की शक्ल दी. पहले पीड़ित को जान से मारा फिर कार समेत उसे जलाकर दाढ़ देवी जंगल में छोड़ दिया. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों महेश मीणा, आयुष मीणा और अजय चौधरी को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पहले ही युवक निखिल टेकवानी की हत्या (Kota businessman murder) की और बाद में उसे ठिकाने लगा दिया. कार को उन्होंने 4 किलोमीटर दूर अनंतपुरा थाना इलाके में वन विभाग की खाली जमीन पर छोड़ दिया था.
सिंधी समाज का था दबाव: इस मामले में सिंधी समाज के लोग आक्रोशित थे. उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी तक शव न उठाने की बात कही थी. वहीं, परिजनों ने निखिल से लूट की आशंका जताई थी. उनका कहना था कि निखिल जब घर से निकला तो उसके पास 50 हजार रुपए, गहने और मोबाइल था, जो कि उसकी लाश के साथ नहीं मिला. परिजनों ने भी कपड़ों से निखिल टेकवानी की पहचान की थी. चौतरफा दबाव के चलते पुलिस की टीम ने अलग अलग जगहों पर दबिश दे बदमाशों को डिटेन किया, बाद में उनकी गिरफ्तारी हुई. फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों से कड़ी पूछताछ कर कुछ और तथ्य जुटाने में लगी है.
क्या है मामला?: 23 साल का निखिल टेकवानी कोटा शहर की सिंधी कॉलोनी में परिवार सहित रहता था. उसका मोबाइल का कारोबार था. उसके पिता किशन टेकवानी की किराने की दुकान है. पिता के मुताबिक 13 अगस्त को रात आठ बजे किसी शख्स का उसके पास फोन आया था. उसके बाद निखिल अपनी नई कार लेकर मोबाइल की डिलिवरी देने निकल गया था. बाद में समय बीतने के साथ परिवार वालों ने उसे फोन किया तो उसका मोबाइल बंद रहा, आशंका होने पर परिवार के लोग उसे तलाशने सिमलिया (यहीं आखिरी बार नम्बर ट्रेस हुआ था) पहुंचे लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला.
सीसीटीवी फुटेज भी आया था सामने
शव की स्थिति देख कर लग रहा था कि निखिल के लापता होने के साथ ही मौत के घाट उतार दिया गया था. और फिर उसे हत्यारों ने कार समेत जला दिया था. पुलिस और परिजन लगातार उसकी तलाश में जुटे थे. युवक का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. जिसमें वो कार ले जाते हुए दिखा था, उस समय वो अकेला ही था.