कोटा. पांच माह बाद प्रदेश के मंदिरों के कपाट फिर से खुल गए हैं. हालांकि अभी इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही मंदिर पहुंच रहे हैं. कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया था, जिन्हें आज यामी सोमवार को अनुमति मिलने के बाद खोला गया है. मंदिर प्रबंधकों का कहना है कि अभी लोगों को जानकारी मिली है कि मंदिर खुल गए हैं. धीरे-धीरे संख्या बढ़ेगी उसके अनुसार व्यवस्थाएं भी करनी होगी.
कई मंदिर प्रबंधन ने अपने अनुसार व्यवस्थाओं में बदलाव किया है. मंदिर में किसी भी वस्तु को छूने पर रोक लगाई है, ताकि कोरोना का संक्रमण नहीं फैले. यहां तक कि दर्शनार्थियों के लिए गोदावरी धाम में तो सेंसर लगा हुआ घंटा लगाया गया है, ताकि भक्त बार-बार घंटे को हाथ नहीं लगाएं और वह दूर से ही बज जाए.
बाहर का फूल-माला, प्रसाद नहीं चढ़ाएंगे...
शहर के खड़े गणेश मंदिर और राधा कृष्ण मंदिर में बाहर की सामग्री लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. बाहर से लाए फूल व प्रसाद को नहीं चढ़ाने दिया जा रहा है. श्रद्धालुओं को इसके लिए मना किया जा रहा है. उन्हें केवल दर्शन कर वापस लौटने के लिए आग्रह किया जा रहा है. मंदिर में सैनिटाइज करने के लिए ऑटोमेटिक मशीन लगाई गई है. इसके अलावा राधा कृष्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का पहले हाथ धुलवाया जाते हैं. उसके बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं, श्रद्धालुओं के नंबर भी लिए जाते हैं, ताकि मंदिर में कोई पॉजिटिव आ जाने पर जानकारी दी जा सके. प्रशासन को भी जानकारी पहुंचाई जाए.
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नहीं नजर आ रही भजन मंडली...
मंदिर में जहां पहले हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे थे वहीं अभी संख्या काफी कम है. राधा कृष्ण मंदिर में ही अनगिनत संख्या में लोग आते थे. इसके अलावा भजन मंडली भी होती थी, लेकिन फिलहाल यह सब अभी नहीं शुरू हुआ है. श्रद्धालुओं का कहना है कि पहले मंदिर में रोज काफा संख्या में श्रद्धालु आते थे, लेकिन कोरोना काल में केवल पुजारी ही मंदिर में पूजा करते थे. आज काफी दिन बाद मंदिर खुला है, अच्छी बात है लोग दर्शन कर सकेंगे.