कोटा. प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और कोटा के प्रभारी व परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास शुक्रवार को जेके लोन अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के मामले में जेके लोन अस्पताल का करीब 1 घंटे तक निरीक्षण किया. इसके बाद करीब 2 घंटे तक उन्होंने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और जिला प्रशासन के साथ मीटिंग की. इस दौरान चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. बैठक के बाद मंत्री रघु शर्मा ने इन मौतों के लिए सीधे तौर पर भाजपा को ही जिम्मेदार बता दिया.
रघु शर्मा ने कहा कि भाजपा के शासन में लगातार अस्पताल प्रबंधन ने करोड़ों रुपए की मांग अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए की, लेकिन यह जारी नहीं किए गए. 2017 में अस्पताल प्रबंधन ने नए 300 बेड के अस्पताल की मांग की थी, जिसके प्रस्ताव को भी भाजपा की सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया. साथ ही रघु शर्मा ने कहा कि हमें जेके लोन अस्पताल में व्यवस्थाएं विरासत में नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि जो लोग सवाल उठा रहे हैं कि अस्पताल में एक बेड पर दो-दो बच्चे हैं, हमारे 2012 की शासन में 120 बेड गायनी और शिशु रोग के पास किए थे. इसका बजट भी जारी कर दिया था, लेकिन केवल गायनी के ही बेड बढ़ पाए, शिशु रोग के बेड नहीं बढ़े. अगर ये बेड पर जाते तो यह बच्चों की मौतें नहीं होती.
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उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एक भी बच्चे की मौत होती है, तो हमारे लिए दुःख का कारण है. रघु शर्मा ने कहा कि 15 जनवरी तक जेके लोन अस्पताल की सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद होगी. सेंट्रलाइज ऑक्सीजन सिस्टम एनआईसीयू में लग जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भी उपकरण वेंटिलेटर, नेबुलाइजर और वॉर्मर खराब है, उनको अपडेट कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जेके लोन अस्पताल के पास 6 करोड़ रुपए हैं और अगर ज्यादा राशि की जरूरत पड़ेगी तो प्रदेश सरकार उसको देगी.
मुख्यमंत्री के बयान की मुझे जानकारी नहीं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान की सभी अस्पतालों में कमियां रहती है और मौतें भी होती रहती है, इस पर मीडिया ने जब रघु शर्मा से पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि यह बयान उन्होंने नहीं सुना है, लेकिन अस्पताल में कमी रहती है. अस्पताल में उपकरण खराब होते रहते हैं और उनके मेंटेनेंस का काम सतत चलता भी रहता है. ऐसे ही हालात जेके लोन में भी है. साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल में मेंटेनेंस के लिए एक करोड़ रुपए जारी किए हैं.
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रघु शर्मा ने कहा कि उन्होंने एक एक प्वाइंट पर करीब 2 घंटे मीटिंग में चर्चा की है. उन्होंने कहा कि अभी जो अस्पताल की हालात है, आने वाले 15 दिनों में उसमें आमूलचूल परिवर्तन होगा. यहां पर जो नर्सिंग स्टाफ की कमी थी, ऐसे में 19 नर्सिंग स्टाफ बीते 5 दिनों में लगाया गया है. डॉक्टर की कमी है उनको भी पूरा किया जाएगा.
जयपुर से ही सुधार कर रहा था
बच्चों की मौत के लगातार खबरें आने के बावजूद भी चिकित्सा मंत्री के कोटा दौरे पर देरी से आने पर मीडिया ने पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं देरी से इसलिए आया हूं क्योंकि जयपुर में भी इसी के सुधार के लिए काम कर रहा था. हमने जो फैसले किए हैं, वहां बैठकर अधिकारियों के साथ जैसे ही हमारी टीम आई सेक्रेटरी मेडिकल एजुकेशन और एसएमएस के डाक्टरों की टीम आई थी. उनकी जो फाइंडिंग थे, उनको भी हम दुरुस्त करने में जुटे थे. मैं तैयारियों के साथ कोटा आया हूं, कुछ करके कुछ एक्शन जो लेना है, वह लेंगे इसलिए हम लेट हुए हैं.
मैं जिम्मेदार हूं, जिम्मेदारी से भागता भी नहीं: रघु शर्मा
मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि 1438 मरीज दिसंबर महीने में यहां पर भर्ती हुए थे. जिनमें से 100 बच्चों की मौत हुई है, यह 7 फीसदी है. इन बच्चों में से एनआईसीयू में 70 और पीआईसीयू में 25 बच्चों की मौत हुई है. 5 बच्चों की मौत जनरल वार्ड में हुई है. जिन बच्चों की मौत एनआईसीयू में ही हुई है, वह ज्यादा क्रिटिकल कंडीशन में थे.
पेरीफेरी से रेफर होकर आने वाले मरीजों को बिना इनक्यूबेटर के लाने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि सभी के लिए मैं ही जिम्मेदार हूं, इसलिए यहां पर बैठा हुआ हूं और मैं अपनी जिम्मेदारी से भागता भी नहीं हूं, लेकिन हमारा काम कर एक्टिव मेजर्स का है. साथ ही उन्होंने कहा कि 300 बेड के अस्पताल के प्रपोजल में स्टाफ, सुविधाएं, उपकरण, जमीन सहित जल्दी जयपुर मंगवाया था कि बजट में स्वीकृत किया जा सके.