कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन का चौथे सेशन 26 अगस्त से 2 सितम्बर के मध्य देश-विदेश के 334 शहरों में परीक्षा आयोजित होने जा रही है. यह परीक्षा 7 शिफ्टों में 26, 27, 31 अगस्त 1 सितम्बर को सुबह 9 से 12 और दोपहर 3 से 6 बजे तक होगी.
हालांकि, 1 सितम्बर को सुबह की शिफ्ट में बीई-बीटेक की परीक्षा नहीं होगी. चौथे सेशन के लिए पूर्व में जारी किए गए प्रवेश पत्रों में स्टूडेंट्स को परीक्षा संबंधित सभी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए थे. चौथे सेशन के लिए 7.50 लाख विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. कोटा के निजी करियर इंस्टीट्यूट के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस साल जेईई मेन परीक्षा के पूर्व के तीनों सेशन में न्यूमेरिकल वैल्यू बेस्ड प्रश्नों के उत्तरों को राउण्ड ऑफ कर इंटीजर में देने के निर्देश दिए गए थे. ऐसे में स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि पेपर प्रारंभ होने से 20 मिनट पूर्व दिए गए इंस्ट्रक्शंस को अच्छी तरह से पढ़ लें. स्टूडेंट्स परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों को हल करने की स्पीड और एक्यूरेसी में संतुलन बनाए रखें, ताकि उनका प्रश्न पत्र निर्धारित समय में हल हो सके.
इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत
- एनटीए के जेईई मेन के प्रवेश पत्रों में प्रत्येक विद्यार्थी को रिपोर्टिंग का अलग-अलग समय दिया गया है.
- परीक्षा प्रारंभ होने से आधा घंटा पूर्व प्रवेश द्वार बंद कर दिए जाएंगे.
- विद्यार्थियों को दिए गए प्रवेश पत्र में सेल्फ डिक्लेरेशन प्रारूप में विद्यार्थी को बांये हाथ का अंगूठा का निशान और स्वयं की फोटो लगाकर ले जाना होगा. विद्यार्थी को इस प्रारूप में स्वयं के हस्ताक्षर, परीक्षा केन्द्र में परीक्षक के सामने ही करने होंगे. विद्यार्थी को परीक्षा समाप्त होने पर प्रवेश पत्र और सेल्फ डिक्लेरेशन फार्म को भी दिए गए नियत स्थान पर छोड़ना होगा.
- विद्यार्थी अपने साथ आधार कार्ड या कोई आइडी प्रूफ सेल्फ डिक्लेरेशन भरा हुआ प्रवेश पत्र, पारदर्शी पेन, स्वयं का फोटो, सैनेटाइजर और पानी की पारदर्शी बोतल साथ में लाने होंगे.
- विद्यार्थियों को परीक्षा केन्द्र पर रफ कार्य के लिए 6 रफ शीट उपलब्ध करवाई जाएगी, जो नाम और रोल नम्बर लिखकर परीक्षा समाप्त होने पर लौटानी होगा.
सितम्बर के दूसरे- तीसरे हफ्ते में आएगी एआईआर
करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि चौथे सेशन की परीक्षा के बाद सितम्बर के दूसरे-तीसरे हफ्ते में जेईई-मेन की एआईआर जारी की जाएगी. ये एआईआर स्टूडेंट्स की चारों दिए गए अटेम्पट के हायर एनटीए स्कोर के आधार पर जारी की जाएगी. साथ ही हायर एनटीए स्कोर के आधार पर ही जेईई एडवांस्ड की योग्यता घोषित की जाएगी. जेईई मेन के आधार पर शीर्ष 2.50 लाख विद्यार्थी जेईई एडवांस्ड के लिए पात्र घोषित किये जायेंगे, जो 3 अक्टूबर को एडवांस्ड देंगे.
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जेईई मेन और एडवांस्ड 2022 की परीक्षा योग्यता में असमंजस
अमित आहूजा ने बताया की साल 2022 की जेईई मेन और एडवांस्ड परीक्षा योग्यता को लेकर विद्यार्थी अभी असमंजस में हैं. क्योकि 2020 और 2021 में कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए 12 बोर्ड पात्रता में रियायत दी गई है, लेकिन अभी तक साल 2022 की परीक्षा योग्यता क्या रहेगी यह स्पष्ट नहीं है. सामान्यतः एनआईटी और आईआईटी में प्रवेश के लिए 12 बोर्ड में 75 फीसदी या कैटेगरी अनुसार टॉप 20 परसेंटाइल में आना अनिवर्य है, जो विद्यार्थी इस योग्यता को पूरा नहीं कर पाए हैं, वे इम्प्रूवमेंट परीक्षा दें या नहीं अभी योग्यता स्पष्ट न होने से परेशानी में हैं.
इसके अतिरिक्त कई स्टेट बोर्डों की टॉप 20 परसेंटाइल 75 प्रतिशत से भी कम रहती है. ऐसे में बोर्डों की ओर से गत वर्ष और इस वर्ष टॉप 20 परसेंटाइल को घोषित नहीं करने से भी विद्यार्थी असमंजस में दिखाई दे रहे हैं. इम्प्रूवमेंट परीक्षा दें या नहीं इसका फैसला नहीं ले पा रहे हैं. इधर, सीबीएसई बोर्ड की 12 इम्प्रूवमेंट परीक्षा 25 अगस्त से शुरू भी हो चुकी है. ऐसे में शिक्षा मंत्रालय को चाहिए की वे वर्ष 2022 की जेईई परीक्षा योग्यता को जल्द ही घोषित करे, ताकि विद्यार्थी समयानुसार 12 बोर्ड को लेकर निर्णय ले सकें.
अनुचित साधनों के उपयोग पर 3 साल का प्रतिबंध
वहीं, कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि परीक्षा के दौरान किसी भी तरह के अनुचित-साधनों (अनफेयर-मीन्स) का उपयोग किए जाने पर उसे परीक्षा से आगामी 3 वर्षों तक प्रतिबंधित किए जाने का प्रावधान है. अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाने पर विद्यार्थी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कानून सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी. ऑनलाइन परीक्षा के दौरान तकनीकी व्यवधान संभव है. जेईई मेन परीक्षा के दौरान कंप्यूटर और उससे संबंधित उपकरणों में तकनीकी खराबी आने पर विद्यार्थियों को घबराना नहीं है, धैर्य रखना है. यह नहीं सोचना है कि मेरा समय खराब हो रहा है.
एग्जामिनेशन हॉल इनविजीलेटर और सेंटर सुपरीटेंडेंट को सूचित करने के बाद तकनीकी खराबी दूर होने का इंतजार करना है. तकनीकी खराबी को दूर करने की संपूर्ण जिम्मेदारी सेंटर सुप्रिटेंडेंट की है. इसमें लगे समय का विद्यार्थी पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि परीक्षा के नियमानुसार विद्यार्थी को प्रश्न पत्र हल करने के लिए 3 घंटे का पूर्ण समय दिया जाएगा. कंप्यूटर सिस्टम पर कार्यरत 'डिजिटल-क्लॉक' यह नियंत्रित करती है कि विद्यार्थी को किसी भी परिस्थिति में प्रश्न पत्र हल करने के लिए 3 घंटे का पूर्ण समय मिले.