अजमेर. अंतरराज्यीय शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार करने में पुलिस को मिली बड़ी सफलता मिली है. अजमेर शहर में बढ़ती वाहनों की चोरी का पर्दाफाश करने के लिए अजमेर पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया था. टीम का नेतृत्व क्रिश्चियनगंज थाना प्रभारी डॉ. रवीश कुमार सांवरिया ने किया. मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र ने बताया कि लगातार वाहनों की चोरी करने के मामले सामने आ रहे थे.
शर्मा ने बताया कि अजमेर शहर के आसपास के ग्रामीण इलाकों से चौपाई या वाहन और दुपहिया वाहनों की चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही थीं. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, साइबर सेल से जानकारी एकत्र की और मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर नागौर डेगाना निवासी राजेश बाबरी और शंकर मेघवाल को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 6 चौपहिया वाहन के साथ 11 दोपहिया वाहन और एक तलवार बरामद की गई है.
कई जिलों में चोरी की वारदातों को दिया अंजाम
शर्मा ने बताया कि पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है. आरोपियों के गिरफ्तार होने से अन्य वारदातों का खुलासा होने की भी उम्मीद जताई जा रही है. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों पर पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं. इसके अलावा उनके और साथी की तलाश भी की जा रही है. प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने जिला अजमेर, नागौर, जोधपुर, सीकर, झुंझुनू और चूरू में 30 से अधिक चार पहिया और दुपहिया वाहन चुराना कबूल किया है.
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आरोपियों के खिलाफ 28 से अधिक वारदातें दर्ज
पुलिस कप्तान जगदीश चंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि जोधपुर, सीकर, नागौर, चूरु, पुष्कर, रुपनगढ़, कुचामन सिटी कई इलाकों में आरोपियों ने चोरी की वारदातों को अंजाम दिया.
हर बार वारदात का तरीका अलग
शर्मा ने बताया कि आरोपी राजेश बावरी शातिर चोर है. आरोपी कई बार वाहन चोरी की वारदातों में जेल में भी जा चुका है. जमानत पर आजाद होते ही उसने दोबारा वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया. इसके अलावा शंकर मेघवाल बलात्कार का सजायाफ्ता अपराधी है. जो पैरोल पर होने के बावजूद राजेश बावरी और अन्य साथियों के साथ मिलकर वाहन चोरी की वारदातों में शामिल हो गया. राजेश बावरी, शंकर मेघवाल और उनके साथी मिलकर रात को अपने मोबाइल बंद करके शहरों और कस्बों में आते-जाते थे और घरों के बाहर एकांत में खड़े वाहनों को चुराकर फरार हो जाते थे.