ETV Bharat / city

बजट से आस: रिवरफ्रंट की 1 साल में केवल DPR, टेंडर स्वीकृति भी सरकार के पाले में - chambal river halted

कोटा में स्थित चंबल नदी पर हेरिटेज रिवरफ्रंट की घोषणा पिछले साल बजट के दौरान ही कर दी गई थी. लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी महज डीपीआर बनने का काम और टेंडर ही हो पाए हैं. यह टेंडर प्रक्रिया भी पूरी तो हो ही चुकी है, लेकिन राज्य सरकार के पास स्वीकृति के लिए अटकी पड़ी है.

in kota river front  river front construction  chambal river halted  kota news
रिवर फ्रंट की एक साल में बनी केवल डीपीआर
author img

By

Published : Feb 7, 2020, 1:11 PM IST

कोटा. चंबल नदी पर बनने वाले 400 करोड़ रुपए की लागत से हेरिटेज रिवरफ्रंट की घोषणा को लगभग 1 साल होने को हैं. लेकिन अभी तक महज डीपीआर बनने का काम और टेंडर ही हो पाए हैं. यह टेंडर प्रक्रिया भी पूरी तो हो चुकी है, लेकिन गहलोत सरकार के स्वीकृति की इंतजार कर रही है.

रिवर फ्रंट की एक साल में बनी केवल डीपीआर

ऐसे में घोषणा के करीब 10 महीने बाद भी, एक भी पत्थर रिवरफ्रंट का निर्माण एजेंसी नगर विकास न्यास नहीं रखवा पाया है. यूआईटी के अधिकारियों का कहना है कि पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 5 करोड़ रुपए की राशि डीपीआर के लिए जारी कर दी थी, जिससे डीपीआर बनाने का कार्य पूरा हो चुका है. टेंडर भी आमंत्रित कर लिए थे और तकनीकी स्वीकृति भी ट्रस्ट के माध्यम से मंजूर कर ली गई है. यह टेंडर राज्य सरकार से मंजूरी के लिए भेजे गए हैं. मंजूर होते ही मौके पर काम शुरू करवा दिया जाएगा.

175 करोड़ से बनेगी प्रोटेक्शन वॉल...

चंबल रिवरफ्रंट में पहले चरण के लिए 175 करोड़ रुपए की लागत से नदी के दोनों किनारों पर प्रोटेक्शन वॉल का निर्माण किया जा रहा है. इसके टेंडर को राज्य सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है. इस कार्य के पूरा हो जाने के बाद ही द्वितीय चरण का कार्य शुरू होगा, जिसके अंदर हेरिटेज बिल्डिंग, पार्क, स्टेच्यू और कैफेटेरिया बनाए जाएंगे.

दिसंबर महीने में फाइनल हुई डीपीआर, प्रजेंटेशन भी हुआ...

रिवरफ्रंट के कंसलटेंट ने मंत्री शांति धारीवाल की उपस्थिति में कोटा शहर वासियों के सामने दिसंबर महीने में डीपीआर का प्रजेंटेशन भी किया. इसमें दावा किया है कि चंबल नदी से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके चलते किनारे तबाह हो गए थे. लेकिन चंबल रिवरफ्रंट फ्लड कंट्रोल का भी काम करेगा.

यह भी पढ़ेंः स्पेशल: बेटे की शादी और 'कुंडली' बाप की, ओबामा और शाह दे चुके हैं धन्यवाद...ऐसा दावा

उन्होंने कहा कि इसको इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है. कोटा बैराज से जिस तरह से पानी छोड़ा जाएगा. उस तरह ही इसमें स्टेप्स बनाए जाएंगे, जो पानी में डूब जाएंगे और उसमें अच्छी क्वालिटी के पत्थर और मजबूती से काम किया जाएगा, जो पानी में बहेगा भी नहीं.

मुगल गार्डन जैसा पार्क में बनेगा चंबल मां स्टेच्यू...

चंबल के हेरिटेज रिवरफ्रंट के निर्माण में आर्किटेक्ट दावा कर रहे हैं कि वे हर संभाग की कला को यहां पर प्रदर्शित करेंगे. इसमें मारवाड़ की कला के भी हेरिटेज लुक की महल, छतरियां और दरवाजे बनाए जाएंगे. इसके अलावा मेवाड़, बृज, शेखावाटी और हाड़ौती की डिजाइन भी जगह-जगह लगाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि जो पुराने घाट या जगह हैं, उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. इसमें चंबल माता स्टेच्यू के साथ-साथ कई जगह पर फ़ूड कोर्ट बनेंगे और लोगों को बैठकर चंबल को निहारने का भी मौका यहां से दिया जाएगा.

कोटा. चंबल नदी पर बनने वाले 400 करोड़ रुपए की लागत से हेरिटेज रिवरफ्रंट की घोषणा को लगभग 1 साल होने को हैं. लेकिन अभी तक महज डीपीआर बनने का काम और टेंडर ही हो पाए हैं. यह टेंडर प्रक्रिया भी पूरी तो हो चुकी है, लेकिन गहलोत सरकार के स्वीकृति की इंतजार कर रही है.

रिवर फ्रंट की एक साल में बनी केवल डीपीआर

ऐसे में घोषणा के करीब 10 महीने बाद भी, एक भी पत्थर रिवरफ्रंट का निर्माण एजेंसी नगर विकास न्यास नहीं रखवा पाया है. यूआईटी के अधिकारियों का कहना है कि पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 5 करोड़ रुपए की राशि डीपीआर के लिए जारी कर दी थी, जिससे डीपीआर बनाने का कार्य पूरा हो चुका है. टेंडर भी आमंत्रित कर लिए थे और तकनीकी स्वीकृति भी ट्रस्ट के माध्यम से मंजूर कर ली गई है. यह टेंडर राज्य सरकार से मंजूरी के लिए भेजे गए हैं. मंजूर होते ही मौके पर काम शुरू करवा दिया जाएगा.

175 करोड़ से बनेगी प्रोटेक्शन वॉल...

चंबल रिवरफ्रंट में पहले चरण के लिए 175 करोड़ रुपए की लागत से नदी के दोनों किनारों पर प्रोटेक्शन वॉल का निर्माण किया जा रहा है. इसके टेंडर को राज्य सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है. इस कार्य के पूरा हो जाने के बाद ही द्वितीय चरण का कार्य शुरू होगा, जिसके अंदर हेरिटेज बिल्डिंग, पार्क, स्टेच्यू और कैफेटेरिया बनाए जाएंगे.

दिसंबर महीने में फाइनल हुई डीपीआर, प्रजेंटेशन भी हुआ...

रिवरफ्रंट के कंसलटेंट ने मंत्री शांति धारीवाल की उपस्थिति में कोटा शहर वासियों के सामने दिसंबर महीने में डीपीआर का प्रजेंटेशन भी किया. इसमें दावा किया है कि चंबल नदी से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके चलते किनारे तबाह हो गए थे. लेकिन चंबल रिवरफ्रंट फ्लड कंट्रोल का भी काम करेगा.

यह भी पढ़ेंः स्पेशल: बेटे की शादी और 'कुंडली' बाप की, ओबामा और शाह दे चुके हैं धन्यवाद...ऐसा दावा

उन्होंने कहा कि इसको इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है. कोटा बैराज से जिस तरह से पानी छोड़ा जाएगा. उस तरह ही इसमें स्टेप्स बनाए जाएंगे, जो पानी में डूब जाएंगे और उसमें अच्छी क्वालिटी के पत्थर और मजबूती से काम किया जाएगा, जो पानी में बहेगा भी नहीं.

मुगल गार्डन जैसा पार्क में बनेगा चंबल मां स्टेच्यू...

चंबल के हेरिटेज रिवरफ्रंट के निर्माण में आर्किटेक्ट दावा कर रहे हैं कि वे हर संभाग की कला को यहां पर प्रदर्शित करेंगे. इसमें मारवाड़ की कला के भी हेरिटेज लुक की महल, छतरियां और दरवाजे बनाए जाएंगे. इसके अलावा मेवाड़, बृज, शेखावाटी और हाड़ौती की डिजाइन भी जगह-जगह लगाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि जो पुराने घाट या जगह हैं, उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. इसमें चंबल माता स्टेच्यू के साथ-साथ कई जगह पर फ़ूड कोर्ट बनेंगे और लोगों को बैठकर चंबल को निहारने का भी मौका यहां से दिया जाएगा.

Intro:कोटा चंबल नदी पर हेरिटेज रिवरफ्रंट की घोषणा पिछले साल बजट में की गई थी, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी महज डीपीआर बनने का काम और टेंडर ही हो पाए हैं. यह टेंडर प्रक्रिया भी पूरी तो हो चुकी है, लेकिन राज्य सरकार के पास स्वीकृति के लिए अटकी हुई है. ऐसे में घोषणा के करीब 10 महीने बाद भी एक भी पत्थर रिवर फ्रंट का नहीं निर्माण एजेंसी नगर विकास न्यास नहीं रखवा पाया है.


Body:कोटा.
चंबल नदी पर बनने वाले 400 करोड रुपए की लागत से हेरिटेज रिवरफ्रंट की घोषणा पिछले साल बजट में की गई थी, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी महज डीपीआर बनने का काम और टेंडर ही हो पाए हैं. यह टेंडर प्रक्रिया भी पूरी तो हो चुकी है, लेकिन राज्य सरकार के पास स्वीकृति के लिए अटकी हुई है. ऐसे में घोषणा के करीब 10 महीने बाद भी एक भी पत्थर रिवर फ्रंट का नहीं निर्माण एजेंसी नगर विकास न्यास नहीं रखवा पाया है. युआईटी के अधिकारियों का कहना है कि पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 5 करोड़ रुपए की राशि डीपीआर के लिए जारी कर दी थी. जिससे डीपीआर बनाने का कार्य पूरा हो चुका है टेंडर भी आमंत्रित कर लिए थे और तकनीकी स्वीकृति भी ट्रस्ट के माध्यम से मंजूर कर ली गई है. यह टेंडर राज्य सरकार से मंजूरी के लिए भेजे गए हैं मंजूर होते ही मौके पर काम शुरू करवा दिया जाएगा.

175 करोड़ से बनेगी प्रोटेक्शन वॉल
चंबल रिवर फ्रंट में पहले चरण के लिए 175 करोड रुपए की लागत से नदी के दोनों किनारों पर प्रोटेक्शन वॉल का निर्माण किया जा रहा है. जिसके टेंडर को राज्य सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है. इस कार्य के पूरा हो जाने के बाद ही द्वितीय चरण का कार्य शुरू होगा. जिसके अंदर हेरिटेज बिल्डिंग, पार्क, स्टेच्यू व कैफेटेरिया बनाए जाएंगे.

दिसंबर महीने में फाइनल हुई डीपीआर, प्रजेंटेशन भी हुआ
रिवर फ्रंट के कंसलटेंट ने मंत्री शांति धारीवाल की उपस्थिति में कोटा शहर वासियों के सामने दिसंबर महीने में डीपीआर का प्रजेंटेशन भी किया. इसमें दावा किया है कि चंबल नदी लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जिसके चलते किनारे तबाह हो गए थे, लेकिन चंबल रिवर फंड फ्लड कंट्रोल का भी काम करेगा. उन्होंने कहा कि इस को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है. कोटा बैराज से जिस तरह से पानी छोड़ा जाएगा. उस तरह ही इसमें स्टेप्स बनाए जाएंगे, जो पानी में डूब जाएंगे और उसमें अच्छी क्वालिटी के पत्थर और मजबूती से काम किया जाएगा. जो पानी में बहेगा भी नहीं.




Conclusion:मुगल गार्डन जैसा पार्क में बनेगा चंबल मां स्टेच्यू
चंबल के हेरिटेज रिवरफ्रंट के निर्माण में आर्किटेक्ट दावा कर रहे हैं कि वे हर संभाग की कला को यहां पर प्रदर्शित करेंगे. इसमें मारवाड़ की कला के भी हेरिटेज लुक की महल, छतरियां व दरवाजे बनाए जाएंगे. इसके अलावा मेवाड़, बृज, शेखावाटी व हाड़ौती की डिजाइन भी जगह-जगह लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जो पुराने घाट या जगह है, उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. इसमें चंबल माता स्टेच्यू के साथ-साथ कई जगह पर फ़ूड कोर्ट बनेंगे और लोगों को बैठकर चंबल को निहारने का भी मौका यहां से दिया जाएगा.


बाइट -- भवानी सिंह पालावत, सचिव यूआईटी, कोटा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.