कोटा. कोटा रेल मंडल से गुजरने वाली जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन में बुधवार को अवैध रूप से खाना बनने और यात्रियों को परोसे जाने का मामला सामने आया है. इसके अलावा रेल नीर के अलावा दूसरे ब्रांड की बोतलें बेचने की बात भी सामने आई है. यह मामला जांच कर रहे टीटीई की टीम ने पकड़ा है. जबकि रेलवे बोर्ड ने कोविड-19 को देखते हुए सभी ट्रेनों के पैंट्रीकार में पैक्ड फूड ही बेचने के निर्देश दिए हुए हैं.
वर्तमान में ट्रेनों में किसी भी तरह की कुकिंग पर पाबंदी लगाई हुई है. इसके लिए आदेश इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म ऑपरेशन ने जारी किए हुए हैं. मामले के अनुसार जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सवाई माधोपुर से कोटा के बीच टीटीई की टीम ने पैंट्री कार का निरीक्षण किया और इस दौरान वहां पर खाना बनते हुए देखा. जिस पर आपत्ति जताई है. साथ ही ट्रेन में बैठे यात्रियों को बेचने के लिए फूड पैकेट भी तैयार किए जा रहे थे.
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रेलवे बोर्ड की रोक के बावजूद ट्रेन में अवैध रूप से खाना बनाया जा रहा था. जिसके बाद में यही खाना यात्रियों परोसा भी जा रहा था. रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार पैंट्रीकार से सिर्फ रेडी टू फूड खाना ही बेचा जा सकता है लेकिन अवैध रूप से खाना बनाया और मनमानी कीमत पर बेचा जा रहा है. वहीं पैंट्रीकार से रेल नीर ब्रांड की जगह यात्रियों को दूसरे ब्रांड का पानी भी बेचा जा रहा था. रेलवे बोर्ड में पैंट्रीकार से सिर्फ रेल नीर ब्रांड का पानी बेचे जाने की इजाजत दे रखी है. इसके बावजूद भी अधिक मुनाफे के चलते यात्रियों को जबरन लोकल ब्रांंड का पानी पिलाया जा रहा है.
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बता दें कि इससे पहले भी एक ट्रेन की पैंट्रीकार में यात्रियों को अवैध रूप से खाना परोस जाने का मामला सामने आया था. इस खाने से करीब 300 यात्रियों के बीमार हो गए थे. इसके बाद RCTC ने पैंट्रीकार मैनेजर पर जुर्माना भी लगाया था. इसके बावजूद भी ट्रेन में अवैध रूप से खाना बनने और बेचे जाने के मामले नहीं रुक रहे हैं.