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मुकुंदरा में बाघों की मौत के बाद अब ACF को किया निलंबित, नए DCF होंगे बीजो जॉय

कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 11 दिनों के अंदर एक बाघ और बाघिन की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. अब इस मामले में राज्य सरकार ने देर रात आदेश जारी करते हुए एसीएफ को निलंबित कर दिया है. साथ ही नए डीसीएम पद पर भी बीजो जॉय को पद स्थापित कर दिया है.

कोटा में बाघों की मौत, Tiger died in Kota
नए DCF बीजो जॉय की नियुक्ति
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Published : Aug 5, 2020, 11:19 AM IST

कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 11 दिनों में ही 2 बाघों की मौत हो चुकी है. पिछले दिनों दो शावकों के जन्म की खुशखबरी देने वाली बाघिन एमटी-2 की सोमवार को अचानक मौत हो गई थी. बाघिन की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है.

राज्य सरकार ने PCCF को सौंपी जांच

बता दे कि करीब 10 दिन पहले भी मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ एमटी-3 की मौत हुई थी. बाघों की मौत के बाद अब राज्य सरकार सख्त हो गई है. बाघों की सीधे मैट्रिक का जिम्मा संभाल रहे एसीएफ को राज्य सरकार ने देर रात आदेश जारी करते हुए निलंबित कर दिया है.

पढ़ेंः मुकुंदरा में 11 दिन में 2 बाघों की मौत के बाद अधिकारियों पर गिरी गाज, CCF आनंद मोहन और DCF टी मोहनराज APO

अब माना जा रहा है कि एसीएफ के नीचे काम कर रहे रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड पर भी कार्रवाई हो सकती है. क्योंकि सरकार सीधे तौर पर मान रही है कि बाघिन एमटी-2 की मौत के 48 घंटे बाद भी मरने की जानकारी मिलने के मामले में मॉनिटरिंग प्रोटोकॉल फॉलो नहीं हो रहा है. इसके साथ ही नए डीसीएम पद पर भी बीजो जॉय को पद स्थापित कर दिया है. साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक योगेंद्र कुमार दक को जांच सौंप दी है.

ACF को जयपुर में देनी होगी उपस्थिति ...

राज्य सरकार ने मंगलवार देर रात आदेश जारी करते हुए एसीएफ राजेश कुमार शर्मा को इस पूरे प्रकरण में मॉनिटरिंग नहीं होने का दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है. साथ ही उन्हें निलंबन के दौरान जयपुर में उपस्थिति देने के लिए कहा गया है. निलंबन काल में उनका मुख्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हाफ) राजस्थान रहेगा. राज्य सरकार ने बाघिन की मौत की जानकारी देरी से मिलने और लगातार दो बाघों की मौत होने के मामले में दो अधिकारियों पर गाज गिराते हुए यहां से सीसीएफ आनंद मोहन और डीसीएफ टी मोहनराज को एपीओ किया था.

पढ़ेंः मुकुंदरा पर बोले वन्यजीव प्रेमी- पूरे सिस्टम की हो समीक्षा, पुख्ता किया जाए निगरानी तंत्र

हालांकि, बाघिन एमटी-2 की मौत के पहले ही दोनों अधिकारियों को यहां से स्थानांतरित कर दिया था. अब उन्हें एपीओ कर दिया गया है. साथ ही उनकी जगह सीसीएफ पद पर सेडुराम को लगाया था. वहीं, डीसीएफ पद पर आलोक नाथ गुप्ता को नियुक्त किया था. हालांकि अब इस आदेश को भी संशोधित करते हुए डीसीएफ मुकुंदरा के पद पर बीजो जॉय को नियुक्ति दी है.

PCCF करेंगे मुकुंदरा के पूरे सिस्टम की समीक्षा...

प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (डेवलपमेंट) योगेंद्र कुमार दक को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ एमटी-3 और बाघिन एमटी-2 की मौत के कारणों का पता लगाने की जिम्मेदारी दी है, साथ ही किन परिस्थितियों में दोनों बाघिनों की मौत हुई है, इसके लिए कौन-कौन अधिकारी और स्टाफ जिम्मेदार है, साथ ही पूरे एमएचटीआर के सिस्टम की समीक्षा करेंगे. जिसमें टाइगर की मॉनिटरिंग का प्रोटोकॉल फॉलो हो रहा है या नहीं और यहां पर किस तरह की कमियां है इसकी भी जांच की जाएगी. पीसीसीएफ दक यह भी सलाह देंगे कि एमएचटीआर की व्यवस्थाएं और सिस्टम में किस तरह से सुधार लाया जा सकता है.

कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 11 दिनों में ही 2 बाघों की मौत हो चुकी है. पिछले दिनों दो शावकों के जन्म की खुशखबरी देने वाली बाघिन एमटी-2 की सोमवार को अचानक मौत हो गई थी. बाघिन की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है.

राज्य सरकार ने PCCF को सौंपी जांच

बता दे कि करीब 10 दिन पहले भी मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ एमटी-3 की मौत हुई थी. बाघों की मौत के बाद अब राज्य सरकार सख्त हो गई है. बाघों की सीधे मैट्रिक का जिम्मा संभाल रहे एसीएफ को राज्य सरकार ने देर रात आदेश जारी करते हुए निलंबित कर दिया है.

पढ़ेंः मुकुंदरा में 11 दिन में 2 बाघों की मौत के बाद अधिकारियों पर गिरी गाज, CCF आनंद मोहन और DCF टी मोहनराज APO

अब माना जा रहा है कि एसीएफ के नीचे काम कर रहे रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड पर भी कार्रवाई हो सकती है. क्योंकि सरकार सीधे तौर पर मान रही है कि बाघिन एमटी-2 की मौत के 48 घंटे बाद भी मरने की जानकारी मिलने के मामले में मॉनिटरिंग प्रोटोकॉल फॉलो नहीं हो रहा है. इसके साथ ही नए डीसीएम पद पर भी बीजो जॉय को पद स्थापित कर दिया है. साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक योगेंद्र कुमार दक को जांच सौंप दी है.

ACF को जयपुर में देनी होगी उपस्थिति ...

राज्य सरकार ने मंगलवार देर रात आदेश जारी करते हुए एसीएफ राजेश कुमार शर्मा को इस पूरे प्रकरण में मॉनिटरिंग नहीं होने का दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है. साथ ही उन्हें निलंबन के दौरान जयपुर में उपस्थिति देने के लिए कहा गया है. निलंबन काल में उनका मुख्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हाफ) राजस्थान रहेगा. राज्य सरकार ने बाघिन की मौत की जानकारी देरी से मिलने और लगातार दो बाघों की मौत होने के मामले में दो अधिकारियों पर गाज गिराते हुए यहां से सीसीएफ आनंद मोहन और डीसीएफ टी मोहनराज को एपीओ किया था.

पढ़ेंः मुकुंदरा पर बोले वन्यजीव प्रेमी- पूरे सिस्टम की हो समीक्षा, पुख्ता किया जाए निगरानी तंत्र

हालांकि, बाघिन एमटी-2 की मौत के पहले ही दोनों अधिकारियों को यहां से स्थानांतरित कर दिया था. अब उन्हें एपीओ कर दिया गया है. साथ ही उनकी जगह सीसीएफ पद पर सेडुराम को लगाया था. वहीं, डीसीएफ पद पर आलोक नाथ गुप्ता को नियुक्त किया था. हालांकि अब इस आदेश को भी संशोधित करते हुए डीसीएफ मुकुंदरा के पद पर बीजो जॉय को नियुक्ति दी है.

PCCF करेंगे मुकुंदरा के पूरे सिस्टम की समीक्षा...

प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (डेवलपमेंट) योगेंद्र कुमार दक को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ एमटी-3 और बाघिन एमटी-2 की मौत के कारणों का पता लगाने की जिम्मेदारी दी है, साथ ही किन परिस्थितियों में दोनों बाघिनों की मौत हुई है, इसके लिए कौन-कौन अधिकारी और स्टाफ जिम्मेदार है, साथ ही पूरे एमएचटीआर के सिस्टम की समीक्षा करेंगे. जिसमें टाइगर की मॉनिटरिंग का प्रोटोकॉल फॉलो हो रहा है या नहीं और यहां पर किस तरह की कमियां है इसकी भी जांच की जाएगी. पीसीसीएफ दक यह भी सलाह देंगे कि एमएचटीआर की व्यवस्थाएं और सिस्टम में किस तरह से सुधार लाया जा सकता है.

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